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68वें धम्मचक्र प्रवर्तन दिन पर लाखों अनुयायी पहुंचे दीक्षाभूमि

देश के कौने-कौने से दीक्षाभूमि पहूंचे बाबा साहेब के लाखों अनुयायी, 12 से 14 अक्टूबर तक चला धम्म दीक्षा कार्यक्रम
News

2024-10-18 13:16:43

कपिल देव

नई दिल्ली। नागपुर के पवित्र दीक्षाभूमि पर 68वें धम्मचक्र प्रवर्तन दिन के अवसर पर पुरे देशभर से लाखों अनुयायी दीक्षाभूमि पहुंचे। 2-3 दिन पहले से ही नागपुर के दीक्षाभूमि में लोग पहुंचने शुरू हो गए थे। 12 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक दीक्षाभूमि व पूरे नागपुर में कई स्थानों कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। अनुयायियों की भीड़ 11 अक्टूबर की रात से ही लाइन में लगकर डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर को नमन कर रही थी। भीषण गर्मी व कुछ अव्यवस्थाओं के बीच भी बाबा साहेब के अनुयायियों का उत्साह कम नहीं हुआ। बच्चे हों या बूढ़े हर उम्र के बौद्ध अनुयायी दीक्षभूमि पहुंचे।

बता दें की 14 अक्टूबर 1956 को विजयादशमी के दिन बाबासाहेब ने दीक्षाभूमि पर ही क्रांति की शुरूवात की थी और हिंदू धर्म का त्याग कर बौद्ध धम्म अपने 5 लाख से ज्यादा अनुयायियों को दिलाया था। इस दिन बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर के अस्थि कलश के दर्शन करने के लिए पुरे देश भर के बौद्ध अनुयायी और आंबेडकरी विचारधारा को माननेवाले लोग पहुंचते है। इस बार धम्मचक्र प्रवर्तन दिन सम्मेलन शाम को 6 बजे भिक्कू संघ की मौजूदगी में संपन्न हुआ। इस बार पहली बार किसी भी राजनेता को मंच पर स्थान नहीं दिया गया था। सुबह हुई बारिश की बजह से दीक्षाभूमि के बाहर पानी व कीचड़ जमा हो गया जिसके कारण आने जाने वाले अनुयायिायों को काफी दिक्कत हुई। इसके बावजूद भी दीक्षाभूमि पर करीब दो सौ से ज्यादा किताबों के स्टाल लगे थे। प्रवर्तन दिन के अवसर पर पहुंचनेवाले लाखों अनुयायियों के लिए 11 से लेकर 14 अक्टूबर के दौरान सभी आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था भी की गई थी। दीक्षाभूमि पर सुबह से ही भदंत आर्य नागार्जुन सुरई ससाई की मौजूदगी में अन्य भंतेजी के साथ बुद्ध वंदना की गई। इसके साथ समता सैनिक दल ने भी प्रतिज्ञाएं ली।

बाबा साहब की 22 प्रतिज्ञाओं को अमल में लाने की दिलाई शपथ

68वें धम्मचक्र प्रवर्तन दिन के अवसर पर पूरे देश लाखों लोग दीक्षाभूमि, नागपुर में जुटे तथा हजारों लोगों ने बौद्ध धम्म की दीक्षा ली। भदंत आर्य नागार्जुन सुरई ससाई ने दीक्षा दिलाने के बाद सभी अनुयायीयों को बाबा साहेब की 22 प्रतिज्ञाओं की शपथ भी दिलवाई। तथा उनको अपने जीवन में अपनाने व आचरण करने के लिए भी कहा गया। उन्होंने बाबा साहेब के बताये रास्ते पर चलने व भगवान बौद्ध के विचारों को आत्मसात करने की भी शपथ दिलवाई।

स्वास्थ्य, जल, आश्रय व परिवहन की रही बेहतर सुविधा

68 वां धम्मचक्र प्रवर्तन दिन के अवसर पर दीक्षाभूमि पर आनेवाले लाखों अनुयायियों की सुविधा के लिए मनपा की ओर से लोकशाहीर अन्नाभाऊ साठे स्मारक के समीप नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया था। धम्मचक्र प्रवर्तन दिन के लिए सुरक्षा और स्वास्थ्य की दृष्टि से मनपा से व्यापक इंतजाम किए गए थे। दीक्षाभूमि पर आनेवाले बौद्ध अनुयायियों की संख्या को देखते हुए 11 से 14 अक्टूबर सभी सुविधा उपलब्ध रहीं। दीक्षाभूमि मार्ग पर चार स्थानों पर मनपा के स्वास्थ्य जांच केंद्र, 24 घंटे एम्बुलेंस, शुद्ध पेयजल व्यवस्था के लिए 120 नल, स्वच्छता के लिए तीन शिफ्ट में 800 से अधिक सफाई कर्मचारी, साहित्यभूषण अण्णाभाऊ साठे स्मारक के समीप नियंत्रण कक्ष, अग्निशमन पथक, शौचालय व्यवस्था, निवास व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था, सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कॅमेरे, परिवहन व्यवस्था और शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र (आईटीआई) में 10 हजार चौरस फीट वॉटर प्रूफ मंडप, दीक्षाभूमि के समीप स्कूलों में भी निवास व्यवस्था की गई थी। 950 शौचालयों की व्यवस्था आईटीआई परिसर, 50 स्नानगृह, स्वास्थ्य उपसंचालक कार्यालय (माता कचेरी) और कारागृह की जगह पर की गई थी। दीक्षाभूमि से कामठी के ड्रैगन पॅलेस जाने के लिए मनपा के परिवहन विभाग से आपली बस की व्यवस्था करते हुए काछीपुरा चौक में बस स्टाप भी बनाया गया था।

बर्डी-दीक्षाभूमि-ड्रैगन पैलेस तक चलायीं 179 बसें

धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस पर पावन दीक्षाभूमि में लाखों की संख्या में अनुयायियों की संभावित मौजूदगी को लेकर दिक्षाभूमि और ड्रैगन पैलेस तक बसों की सुविधा बढ़ा दिया गया था। बाहर से आने वाले लोगों के लिए हर साल एसटी बसों की व्यवस्था की जाती है। ताकि अनुयायियों को बसों के लिए भटकना न पड़े। इस साल की बात करें, तो 11 से 13 अक्टूबर तक कुल 179 बसें अतिरिक्त तौर पर चलाई गई थीं। यह बसें यात्रियों को 25 से 35 रुपए में उनके गंतव्य तक पहुंचा रहीं थी।

हर साल धम्मचक्र प्रवर्तन दिन पर रेलवे से नागपुर शहर में दीक्षाभूमि के दर्शन के लिए लाखों अनुयायी आते हैं। यहां आने के बाद बर्डी से दिक्षाभूमि फिर कामठी के ड्रैगन पैलेस के लिए आना-जाना करते हैं। नियमित तौर पर इन दिशाओं में चलनेवाली बसों की संख्या कम होती है। जिनके भरोसे इतने लोगों का सफर मुमकिन नहीं होता है। ऐसे में एसटी विभाग की ओर से हर साल अतिरिक्त व्यवस्था की जाती है। कुल चार डिपो में गणेशपेठ, घाटरोड़, वर्धमान नगर, इमामवाड़ा हैं। इन सभी डिपो से बसों को चलाया गया।

वहीं 75 वर्ष के ऊपर के नागरिकों के लिए फ्री में बस सफर कराया गया। बसों में 65 के ऊपर की महिला और पुरूष यात्रियों को रेलवे ने चलार्इं स्पेशल ट्रेंने

धम्म चक्र प्रवर्तन दिवस 2024 के दौरान यात्रियों की भीड़ को देखते हुए मध्य रेलवे ने विशेष ट्रेनों के संचालन किया। रेलवे ने एलटीटी-नागपुर अनारक्षित स्पेशल, नागपुर-एलटीटी स्पेशल, नागपुर-एलटीटी स्पेशल आदि स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया।

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01 जनवरी : मूलनिवासी शौर्य दिवस (भीमा कोरेगांव-पुणे) (1818)

01 जनवरी : राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले और राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले द्वारा प्रथम भारतीय पाठशाला प्रारंभ (1848)

01 जनवरी : बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा ‘द अनटचैबिल्स’ नामक पुस्तक का प्रकाशन (1948)

01 जनवरी : मण्डल आयोग का गठन (1979)

02 जनवरी : गुरु कबीर स्मृति दिवस (1476)

03 जनवरी : राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले जयंती दिवस (1831)

06 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. जयंती (1904)

08 जनवरी : विश्व बौद्ध ध्वज दिवस (1891)

09 जनवरी : प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख जन्म दिवस (1831)

12 जनवरी : राजमाता जिजाऊ जयंती दिवस (1598)

12 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. स्मृति दिवस (1939)

12 जनवरी : उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद ने बाबा साहेब को डी.लिट. की उपाधि प्रदान की (1953)

12 जनवरी : चंद्रिका प्रसाद जिज्ञासु परिनिर्वाण दिवस (1972)

13 जनवरी : तिलका मांझी शाहदत दिवस (1785)

14 जनवरी : सर मंगूराम मंगोलिया जन्म दिवस (1886)

15 जनवरी : बहन कुमारी मायावती जयंती दिवस (1956)

18 जनवरी : अब्दुल कय्यूम अंसारी स्मृति दिवस (1973)

18 जनवरी : बाबासाहेब द्वारा राणाडे, गांधी व जिन्ना पर प्रवचन (1943)

23 जनवरी : अहमदाबाद में डॉ. अम्बेडकर ने शांतिपूर्ण मार्च निकालकर सभा को संबोधित किया (1938)

24 जनवरी : राजर्षि छत्रपति साहूजी महाराज द्वारा प्राथमिक शिक्षा को मुफ्त व अनिवार्य करने का आदेश (1917)

24 जनवरी : कर्पूरी ठाकुर जयंती दिवस (1924)

26 जनवरी : गणतंत्र दिवस (1950)

27 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर का साउथ बरो कमीशन के सामने साक्षात्कार (1919)

29 जनवरी : महाप्राण जोगेन्द्रनाथ मण्डल जयंती दिवस (1904)

30 जनवरी : सत्यनारायण गोयनका का जन्मदिवस (1924)

31 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर द्वारा आंदोलन के मुखपत्र ‘‘मूकनायक’’ का प्रारम्भ (1920)

2024-01-13 11:08:05