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26 नवंबर: मूलनिवासी अधिकार दिवस

News

2025-11-22 17:01:33

26 नवंबर यानी संविधान दिवस को मूलनिवासी अधिकार दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है। अंग्रेज सरकार ने सन 1946 में भारतीयों द्वारा अंतरिम सरकार बनाने का फैसला किया और संविधान सभा के गठन का फैसला किया। सन 1942-46 तक डॉ. अम्बेडकर वायसराय की कार्यकारी परिषद में श्रम और कार्य मंत्री थे। संविधान सभा के लिए वे जुलाई 1946 में बंगाल से चुनकर आये। सन 1947 में भारत आजाद हो गया। बंगाल का वह हिस्सा जहां से बाबा साहेब संविधान सभा के लिए चुनकर आये थे, पूर्वी पाकिस्तान में चला गया। बाबा साहेब का संविधान सभा के लिए चुना जाना मुश्किल लग रहा था। लेकिन सरकार के सामने यह समस्या थी कि भारत का संविधान कौन बनायेगा। अनेक धर्म, जातियां, भाषायें तथा विभिन्न भौगोलिक परिस्थितियों वाले देश का संविधान बनाने के लिए कोई भी योग्य व्यक्ति नहीं था। दो विदेशी संविधान विदों के नाम की चर्चा चली लेकिन अंत में यह फैसला किया गया कि भारत का संविधान बनाने के लिए डॉ. अम्बेडकर के अतिरिक्त और कोई उपयुक्त व्यक्ति नहीं है। इसलिए उनकों बम्बई से संविधान सभा के लिए भेजा गया। सन 1946 से 47 तक संविधान बनाने का काम कुछ खास आगे नहीं बढ़ सका। डॉ. अम्बेडकर स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री बने। 29 अगस्त 1947 को डॉ. अम्बेडकर को संविधान प्रारूप समिति का सदस्य नियुक्त किया गया और 30 अगस्त 1947 को वे संविधान प्रारूप समिति के अध्यक्ष चुने गये।

डॉ. अम्बेडकर ने अपनी सेहत की परवाह किये बिना दिन रात अथक परिश्रम से भारत के संविधान का प्रारूप तैयार कर दिया। यद्यपि संविधान प्रारूप समिति के सात सदस्य थे लेकिन संविधान बनाने की मुख्य जिम्मेदारी डॉ. अम्बेडकर ने ही निभायी। अपनी खराब सेहत के बावजूद कठिन परिश्रम के साथ बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर ने भारत के श्रेष्ठ संविधान की रचना की, संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, सरदार पटेल, टी.टी कृष्णमाचारी व संविधान सभा के अनेकों सदस्य तथा विदेशों में भी संविधान तथा बाबा साहेब की बहुत प्रशंसा हुई। 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने भारतीय संविधान को पारित कर दिया। यह सर्वविदित है कि भारत का संविधान दुनिया के अन्य संविधानों में एक श्रेष्ठ संविधान है। यह बात भी सही है कि डॉ. अम्बेडकर ने भारत के संविधान में यहां के मूल निवासियों (दलित, अछूत तथा पिछड़े वर्ग) के हितों का विशेष ध्यान रखा और आरक्षण का भी प्रावधान किया। इस प्रकार 26 नवंबर को मूलनिवासी अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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01 जनवरी : मूलनिवासी शौर्य दिवस (भीमा कोरेगांव-पुणे) (1818)

01 जनवरी : राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले और राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले द्वारा प्रथम भारतीय पाठशाला प्रारंभ (1848)

01 जनवरी : बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा ‘द अनटचैबिल्स’ नामक पुस्तक का प्रकाशन (1948)

01 जनवरी : मण्डल आयोग का गठन (1979)

02 जनवरी : गुरु कबीर स्मृति दिवस (1476)

03 जनवरी : राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले जयंती दिवस (1831)

06 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. जयंती (1904)

08 जनवरी : विश्व बौद्ध ध्वज दिवस (1891)

09 जनवरी : प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख जन्म दिवस (1831)

12 जनवरी : राजमाता जिजाऊ जयंती दिवस (1598)

12 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. स्मृति दिवस (1939)

12 जनवरी : उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद ने बाबा साहेब को डी.लिट. की उपाधि प्रदान की (1953)

12 जनवरी : चंद्रिका प्रसाद जिज्ञासु परिनिर्वाण दिवस (1972)

13 जनवरी : तिलका मांझी शाहदत दिवस (1785)

14 जनवरी : सर मंगूराम मंगोलिया जन्म दिवस (1886)

15 जनवरी : बहन कुमारी मायावती जयंती दिवस (1956)

18 जनवरी : अब्दुल कय्यूम अंसारी स्मृति दिवस (1973)

18 जनवरी : बाबासाहेब द्वारा राणाडे, गांधी व जिन्ना पर प्रवचन (1943)

23 जनवरी : अहमदाबाद में डॉ. अम्बेडकर ने शांतिपूर्ण मार्च निकालकर सभा को संबोधित किया (1938)

24 जनवरी : राजर्षि छत्रपति साहूजी महाराज द्वारा प्राथमिक शिक्षा को मुफ्त व अनिवार्य करने का आदेश (1917)

24 जनवरी : कर्पूरी ठाकुर जयंती दिवस (1924)

26 जनवरी : गणतंत्र दिवस (1950)

27 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर का साउथ बरो कमीशन के सामने साक्षात्कार (1919)

29 जनवरी : महाप्राण जोगेन्द्रनाथ मण्डल जयंती दिवस (1904)

30 जनवरी : सत्यनारायण गोयनका का जन्मदिवस (1924)

31 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर द्वारा आंदोलन के मुखपत्र ‘‘मूकनायक’’ का प्रारम्भ (1920)

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