2023-08-09 11:20:29
कोलकाता। बुधवार को विश्व आदिवासी अंतरराष्ट्रीय दिवस (International Day of the Worlds Indigenous Peoples) के अवसर पर लोगों को बधाई देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (mamta banargi) ने कहा कि मानवता की खातिर मूल निवासी लोगों के अधिकारों की रक्षा करनी होगी। साथ ही उन्होंन मूल निवासियों(trible) के अधिकारों की रक्षा करने के लिए सभी से जाति, पंथ, धर्म और नस्ल के आधार पर किए जाने वाले मतभेदों से ऊपर उठने का आह्वान किया।
उन्होंने ट्वीट(twitte) करते हुए कहा कि विश्व आदिवासी दिवस पर उनकी जीवंत परंपराओं, कला और विरासत का जश्न मनाएं जो हमारे राज्य की पहचान को समृद्ध करें। अपने आदिवासी भाइयों के साथ चलने का संकल्प लें।
उन्होंने कहा, इस राज्य, देश और दुनिया के लोग मूल निवासी लोगों के अधिकारों को बनाए रखने तथा उनकी रक्षा करने के लिए जाति, पंथ, धर्म और नस्ल के मतभेदों से ऊपर उठें क्योंकि यह महज एक समुदाय के बारे में नहीं बल्कि मानवता के बारे में हैं।
ममता ने कहा कि बंगाल का सांस्कृतिक ताना-बाना विविध मूल निवासी समुदायों के धागों से बुना है। वह झाड़ग्राम जिले के तीन दिवसीय प्रशासनिक दौरे पर हैं जहां ज्यादातर मूल निवासी लोग रहते हैं।
मंगलवार को जिले में पहुंचने के तुंरत बाद उन्होंने कुर्मी समुदाय के नेताओं से मुलाकात की जो अनुसूचित जनजाति (SC) का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। विश्व आदिवासी अंतरराष्ट्रीय दिवस दुनियाभर के 90 देशों में ऐसे समुदायों के लोगों से होने वाली असमानताओं को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए नौ अगस्त को मनाया जाता है।
भारत की अवधारणा खत्म नहीं होनी चाहिए
वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारत छोड़ो आंदोलन (bharat Chodo Andolan) की वर्षगांठ पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मजबूत भारत के लिए सद्भावना और मानवता के विचारों को बरकरार रखना होगा। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा कि भारत की अवधारणा (आइडिया आॅफ इंडिया) (III) खत्म नहीं होनी चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया, आज भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर, मैं उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि देती हूं जिन्होंने इस महान देश की आजादी के लिए अपना सब कुछ अर्पित कर दिया। हमें भविष्य में स्वस्थ, सुंदर, विश्वस्त, एकजुट, सहिष्णु, मजबूत भारत सुनिश्चित करने के लिए सद्भावना और मानवता के विचारों को हमेशा बरकरार रखना होगा। भारत की अवधारणा खत्म नहीं होनी चाहिए। जय हिंद। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (mahatma Gandhi) के नेतृत्व में देश में भारत छोड़ो आंदोलन की शुरूआत हुई और इस आंदोलन ने अंग्रेजों से आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई। आंदोलन शुरू होने के पांच वर्ष बाद 15 अगस्त 1947 (Indipendance Day) को देश आजाद हुआ था।
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