2024-02-02 11:46:59
संवाददाता नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के विरोध में बुधवार को जंतर-मंतर पर भारत मुक्ति मोर्चा, बहुजन स्वाभिमान संघ, राष्ट्रीय किसान मोर्चा, बहुजन मुक्ति पार्टी समेत 23 संगठनों ने विशाल विरोध-प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी महाराष्ट, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, बिहार समेत अन्य राज्यों से हाथों में ईवीएम हटाओ, देश बचाओ के बैनर लेकर जुटे थे। भारत मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम ने कहा कि चुनाव आयोग एडवांस तकनीक की दुहाई देकर ईवीएम हैक न होने की बात कहता है। लेकिन अमेरिका और यूरोप ने ईवीएम को स्वीकार क्यों नहीं किया है। देश में निष्पक्ष व पारदर्शी चुनाव संपन्न कराना है तो 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ईवीएम को खत्म करना होगा। सभी चुनाव बैलेट पेपर से होने चाहिए। देश में ईवीएम से कोई भी चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष व पारदर्शी नहीं हो सकता। इसे अच्छे ढंग से कराना चुनाव आयोग का काम है। बहुजन स्वाभिमान संघ ने भी इस विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लिया और जंतर-मंतर से ईवीएम को हटाने व बैलेट पेपर से चुनाव कराने के लिए हुंकार भरी। इस मौके पर बहुजन स्वाभिमन संघ के अध्यक्ष प्रकाश चंद जी ने कहा कि संविधान के प्रावधानों के अनुसार स्वतंत्र, निष्पक्ष व पारदर्शी चुनाव कराना चुनाव आयोग की संवैधानिक जिम्मेदारी है। मगर जबसे चुनाव आयोग मोदी आयोग बना है तब से चुनाव आयुक्त मोदी के इशारों के मुताबिक काम करता नजर आ रहा है। मोदी-भाजपा की चुनाव संबंधी घोषणाएं कि ‘अबकी बार 400 पार’ बिना ईवीएम मशीनों द्वारा की गयी धांधली और चुनाव आयोग की मशीनरी की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। मोदी सरकार की ऐसी घोषणांए देश के हर नागरिक के मन में संदेह पैदा कर रही हैं और जनता का चुनाव आयोग से भरोसा भी घट रहा है। जिसका साफ मतलब यह है कि चुनाव आयोग संविधान में दी गई जिम्मेदारी के मुताबिक कार्य नहीं कर रहा है जो देश के लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा बन गया है। अगर देश की जनता का भरोसा चुनाव प्रक्रिया में कायम रखना है तो जनता की मांग के अनुसार चुनाव मतपत्रों से ही सम्पन्न कराया जाना चाहिए। आज जनता समझ नहीं पा रही है कि चुनाव आयोग ईवीएम से चुनाव कराने पर क्यों अड़ा है? चुनाव आयोग को समझना चाहिए की प्रजातंत्र में प्रजा ही मालिक होती है और इस व्यवस्था के अनुसार चुनाव आयोग देश की जनता का नौकर है और उसे जनता की मांगों को हर हाल में मानना और पूरा करना चाहिए। नौकर कभी भी मालिक जैसा व्यवहार नहीं कर सकता जैसा चुनाव आयोग देश की जनता को अपने व्यवहार से प्रदर्शित कर रहा है। चुनाव आयोग का यह व्यवहार सरकार और जनता में टकराव की स्थिति पैदा कर रहा है। जिसके परिणाम देश व जनता को भारी पड़ सकते हैं। इसलिए चुनाव आयोग से अपील है कि वह जनता की नब्ज को समझकर बैलेट पेपर से ही चुनाव कराने की कोशिश करें।
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