Tuesday, 2nd September 2025
Follow us on
Tuesday, 2nd September 2025
Follow us on

सीएम रेखा गुप्ता पर हुए हमले जनता की नाराजगी या कुछ और!

कहीं मोदी-भाजपा ज्वलंत मुद्दों से जनता का ध्यान तो नहीं भटकाना चाहती!
News

2025-08-23 16:10:34

संवाददाता

नई दिल्ली। भाजपा संघियों की रणनीति रही है कि जब वे अपने द्वारा किये गए वायदों में विफल हो जाते हैं तो जनता का ध्यान भटकाने के लिए कोई न कोई फालतू का मुद्दा छेड़ देते हैं ताकि जनता उनकी विफलताओं पर बात न करें। ऐसी ही घटनाएं पिछले दो दिनों में देखने को मिलीं हैं जिसमें सबसे पहली घटना बुधवार की है जब सीएम रेखा गुप्ता पर साप्ताहिक जनसुनवाई के दौरान फरियादी बनकर आए एक युवक ने अचानक हमला कर दिया। आरोपी ने सीएम को कुछ पेपर दिए इसके बाद उसने चिल्लाना शुरू कर दिया। बाद में आरोपी ने सीएम का हाथ और बाल पकड़े और उनके साथ धक्का-मुक्की करने लगा। प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि आरोपी ने सीएम को थप्पड़ भी मार दिया था। जिसके बाद सीएम रेखा गुप्ता की सुरक्षा और भी कड़ी कर दी गई थी। वहीं दूसरी घटना शुक्रवार की है, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पूर्वी दिल्ली के गांधी नगर में पहली बार सार्वजनिक रूप से उपस्थित हुईं थी। यहां बेहद कड़ी सुरक्षा के बीच दो लोगों द्वारा कथित तौर पर नारे लगाए जाने के बाद अफरा-तफरी मच गई। ऐसे में दिल्ली पुलिस ने नारे लगाने वाले दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। बहुजन स्वाभिमान संघ मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले की घोर निंदा करता है, ऐसे हमले किसी के साथ भी नहीं होने चाहिए। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता एक सुशिक्षित, सुसंस्कृत महिला है। उनका मुख्यमंत्री के तौर पर सम्मान करना सभी दिल्लीवासियों का कर्तव्य बनता है और उसे उन्हें जरूर निभाना चाहिए। उनके साथ जो घिनौनी हरकत हुई है वह किसी भी रूप में स्वीकार नहीं की जा सकती।

दिल्ली विधान सभा चुनाव 2025 में सम्पन्न हुआ, जिसका परिणाम 8 फरवरी को आया था। इन चुनाव परिणामों के अनुसार सबसे अधिक सीट भारतीय जनता पार्टी ने जीतीं। हालांकि इस विधान सभा चुनाव में विरोधी दलों ने उन सीटों को भी खोया जिनपर वे आजतक भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। विपक्षी दल भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं कि भाजपा ने बड़े पैमाने पर इस चुनाव में धांधली की, वोटों की चोरी की और चुनाव आयोग की मिलीभगत से दिल्ली का चुनाव जीता। दिल्ली की जनता भी इन चुनाव परिणामों को देखकर अचंभित हुई थी और उन्हें लगा था कि जहां भाजपा को जनता ने वोट नहीं दिया, वहाँ पर भाजपा कैसे जीती? इस चुनाव के दौरान भाजपा के बड़े से लेकर सभी छोटे स्तर के नेताओं ने जनता से बड़े-बड़े वायदे किये, मोदी ने खुद मैदान में उतरकर दिल्ली की जनता को खुले तौर पर बताया कि ये मोदी की गारंटी है जो फेल नहीं होती। मोदी-संघियों ने इस चुनाव में अपनी गारंटियाँ जनता के सामने परोसी, जो आजतक पूरी नहीं हुई हैं।

चुनाव से पहले मोदी-भाजपा द्वारा किए गये वायदे

<मोदी ने कहा था कि हम दिल्ली को विश्वस्तरीय शहर बनाने की गारंटी देते हैं और ये मोदी की सिर्फ गारंटी ही नहीं यह मोदी का संकल्प भी है।

<दिल्ली में नालों की सफाई, सड़क की सफाई व सीवरों के ओवर फ्लो की समस्या को जड़ से समाप्त किया जायेगा।

<दिल्ली में कूड़े के खड़े हो रहे पहाड़ों को खत्म किया जाएगा अंौर दिल्ली को एक साफ-सुथरा, प्रदूषण रहित शहर बनाया जाएगा।

<दिल्ली के स्कूलों में शिक्षा को उत्तम बनाने पर काम किया जाएगा।

<दिल्ली के सभी शिक्षण संस्थान उच्च कोटि की श्रेणी के होंगे।

<सभी बच्चों को गरीब हो या अमीर सभी को एक जैसी अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान की जाएगी।

<दिल्ली में बसने वाली हर महिला को हर माह 2500 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।

<रोजगार पाने लायक सभी युवक और युवतियों को उनकी योगतानुसार रोजगार उपलब्ध कराये जायेगें।

<व्यवसायों से जुड़े व्यक्तियों को उनके व्यवसाय को आसान बनाने की योजना बनाई जाएगी। उन्हें उसके लिए आर्थिक संस्थानों से आर्थिक मदद भी दिलाई जाएगी।

<सभी क्षेत्रों में काम करने वाले व्यक्तियों को सुगम रूप से रोजगार के अवसर मुहैया कराये जायेगे।

<दिल्ली में जाम व अतिक्रमण से मुक्ति दिलाने की गारंटी होगी।

<दिल्ली की किसी भी सड़क में गड्ढे नहीं होंगे और दिल्ली के किसी भी रिहायशी इलाके में बाढ़ जैसी स्थिति नहीं होगी।

<दिल्ली के सभी नागरिकों को सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी, दिल्ली में रहने वाली कोई भी महिला रात के 2 बजे भी खुलेआम अकेले घूम पाएगी।

<किसी भी सरकारी स्कूल में शिक्षकों के कमी नहीं होगी।

<दिल्ली के सभी स्कूल और विश्वविद्यालयों में उपयुक्त संख्या में शिक्षक और कर्मचारी नियुक्त किये जाएंगे।

<गरीब और निचले तबकों के लोगों के लिए विशेष कार्यक्रम चलाये जाएँगे ताकि उन्हें मुख्यधारा से जोड़कर आगे बढ़ाया जा सके।

भाजपा संघियों द्वारा दी गई गारंटियों का आज अवलोकन करने पर पता चलता है कि भाजपा ने अपने द्वारा दी गई एक भी गारंटी आज तक पूरी नहीं की है, जिससे दिल्ली की जनता उदास है और अपने आपको ठगा सा महसूस कर रही है। अब दिल्लीवासियों को लग रहा है कि भाजपा संघी सरकारें तो सिर्फ अपने मित्र, वैश्य और व्यापारी समुदाय का ही भला करने की योजना बनाते हैं, जबकि दिल्ली की आबादी में कम से कम 60-65 प्रतिशत जनता बहुजन समुदाय (एससी/ एसटी/ ओबीसी/ अल्पसंख्यक) है।

जो हर रोज कमाते हैं और अपने बच्चों का कठिनाईयों का सामना करके भरण-पोषण करते है। इन सभी ने व मशीनों की हेरा-फेरी ने भाजपाइयों को सत्ता में पहुंचाया लेकिन जमीनी हालातों को देखकर उन्हें अब लग रहा है कि हमें धोखा मिला है। दिल्ली में आये दिन सभी नाले व सड़के गंदे पानी से पूरी तरह ओवर फ्लो हो रहे हैं जिसका अनुभव दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्वयं सड़क पर पैदल चलकर कई बार किया है जिसकी तस्वीरें अखबारों में भी छपी है। श्रीमती रेखा गुप्ता को अब खुद ही सोचना चाहिए कि उन्होंने और उनके संघी साथियों ने जो अनर्गल वायदे किये थे अभी तक वे जमीन पर उतर नहीं पाये हैं जिसके कारण दिल्ली की जनता में रोष और उबाल पैदा होना स्वाभाविक है।

माननीय रेखा गुप्ता से बहुजन स्वाभिमान संघ का निवेदन है कि वे दिल्ली के सभी वर्गों पर ध्यान दें, वे सिर्फ वैश्य व व्यापारी समाज के हितों की ही रक्षा न करें। उनके लिए दिल्ली के सभी नागरिक समान होने चाहिए और उनको समाज के सभी वर्गों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कार्य कराने चाहिए। आज दिल्ली के सभी सरकारी व अर्द्ध सरकारी संस्थानों में सभी लोग ठेकेदारी के तहत काम करने के लिए मजबूर है। हम दिल्ली की मुख्यमंत्री से निवेदन करते हैं कि दिल्ली के सभी सरकारी व अर्द्धसरकारी संस्थानों में ठेके पर काम करने वाले सभी कर्मचारियों को जल्द से जल्द नियमित किया जाए और उन्हें नियमित कर्मचारियों जैसी सभी सुविधा उपलब्ध कराई जाए। दिल्ली के सभी सरकारी या निजी शिक्षण संस्थानों में 12वीं कक्षा तक की शिक्षा को उच्च कोटि का बनाकर बच्चों को मुफ़्त दी जाए। दिल्ली के निजी स्कूलों में प्राइमरी से लेकर सीनियर सेकेन्डरी के बच्चों की फीस इतनी ज्यादा है कि बच्चों के माता-पिता द्वारा फीस को वहन करना अत्यंत मुश्किल हो गया है। भाजपा संघी सरकारों द्वारा सरकारी स्कूलों को बर्बाद किया जा रहा है निजी स्कूलों को बढ़ावा दिया जा रहा है और ये सभी निजी स्कूल दिल्ली के धन्नासेठों के हैं। जो अधिकांशतया भाजपा संघियों से जुड़े हुए हैं।

दिल्ली में अधिकांशतया जनता देश के विभिन्न प्रदेशों से आकर अपना गुजर-बसर कर रही है, जिनमें अधिक संख्या बिहार व बंगाल के प्रवासियों की है। बिहार में राहुल गांधी व अन्य विपक्षी दलों की वोट अधिकार रैली को जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है। जिसे देखकर मोदी और नीतीश कुमार जैसे झूठ बोलने में माहिर लोगों के पैर उखड़ रहे हैं, भाजपा संघियों की अतीत से संस्कृति रही है जब उनकी सरकारें जनता के कार्य करने में विफल हो और जनता उनसे नाराज हो तब जनता में जाकर कोई ऐसा सगुफा छोड़ दो कि जनता की हमदर्दी उनके सगुफे में फँसकर उन्हें वोट देने का कार्य करें। भाजपा संघियों के ऐसे कृत्य पहले भी चुनाव के दौरान कई बार देखे गए हैं। जैसे पुलवामा हमला, जिसमें मोदी ने सैनिकों के नाम पर अपने लिए वोट का आव्हान किया था। इस हमले की जांच के तथ्य आजतक जनता के सामने नहीं आ पाये हैं जनता को अभी तक यह नहीं बताया गया कि 300 किलोग्राम आरडीएक्स कहाँ से आया था, सैनिकों को सड़क के रास्ते से क्यों लाया गया था? इस घटना में 40 से ज्यादा जवान शहीद हुए थे। हाल ही में पहलगाम में हुए हमले में 26 सैलानियों की आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या की, अखबारों के माध्यम से देश की जनता ने देखा कि जहां पर यह घटना घाटी वहाँ पर दूर-दूर तक एक भी सिपाही या सुरक्षाकर्मी नहीं था जबकि मोदी और शाह देश को बार बार सुरक्षा की गारंटी देते हैं। लेकिन देश में ऐसी घटनाएँ हर रोज बड़ी संख्या में घट रही है। मोदी और शाह ऐसी घटनाओं पर चिंतित नजर नहीं आते और न मारे गए व्यक्तियों के परिजनों से मिलते हैं वे हर समय चुनाव जीतने की जुगत में ही लगे रहते हैं। मोदी और शाह का एक ही लक्ष्य है कि किसी भी तरह से चुनाव जीतो चाहे वोटों की चोटी करके जीतों, चाहे ईवीएम मशीन से धांधली करके चुनाव जीतों, चाहे गरीबों की वोट को अपने धन बल से खरीद कर अपने पाले में लाओ लेकिन चुनाव में जीतकर सत्ता हासिल करो।

भारत की जनता अब मोदी व उनके सहयोगियों के ऐसे वायदों और हथकंडों से तंग आ चुकी है। वह नहीं चाहती कि किसी भी कीमत पर बिहार में मोदी की सहायता से नीतीश जीतें और भाजपा की सरकार बने।

Post Your Comment here.
Characters allowed :


01 जनवरी : मूलनिवासी शौर्य दिवस (भीमा कोरेगांव-पुणे) (1818)

01 जनवरी : राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले और राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले द्वारा प्रथम भारतीय पाठशाला प्रारंभ (1848)

01 जनवरी : बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा ‘द अनटचैबिल्स’ नामक पुस्तक का प्रकाशन (1948)

01 जनवरी : मण्डल आयोग का गठन (1979)

02 जनवरी : गुरु कबीर स्मृति दिवस (1476)

03 जनवरी : राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले जयंती दिवस (1831)

06 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. जयंती (1904)

08 जनवरी : विश्व बौद्ध ध्वज दिवस (1891)

09 जनवरी : प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख जन्म दिवस (1831)

12 जनवरी : राजमाता जिजाऊ जयंती दिवस (1598)

12 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. स्मृति दिवस (1939)

12 जनवरी : उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद ने बाबा साहेब को डी.लिट. की उपाधि प्रदान की (1953)

12 जनवरी : चंद्रिका प्रसाद जिज्ञासु परिनिर्वाण दिवस (1972)

13 जनवरी : तिलका मांझी शाहदत दिवस (1785)

14 जनवरी : सर मंगूराम मंगोलिया जन्म दिवस (1886)

15 जनवरी : बहन कुमारी मायावती जयंती दिवस (1956)

18 जनवरी : अब्दुल कय्यूम अंसारी स्मृति दिवस (1973)

18 जनवरी : बाबासाहेब द्वारा राणाडे, गांधी व जिन्ना पर प्रवचन (1943)

23 जनवरी : अहमदाबाद में डॉ. अम्बेडकर ने शांतिपूर्ण मार्च निकालकर सभा को संबोधित किया (1938)

24 जनवरी : राजर्षि छत्रपति साहूजी महाराज द्वारा प्राथमिक शिक्षा को मुफ्त व अनिवार्य करने का आदेश (1917)

24 जनवरी : कर्पूरी ठाकुर जयंती दिवस (1924)

26 जनवरी : गणतंत्र दिवस (1950)

27 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर का साउथ बरो कमीशन के सामने साक्षात्कार (1919)

29 जनवरी : महाप्राण जोगेन्द्रनाथ मण्डल जयंती दिवस (1904)

30 जनवरी : सत्यनारायण गोयनका का जन्मदिवस (1924)

31 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर द्वारा आंदोलन के मुखपत्र ‘‘मूकनायक’’ का प्रारम्भ (1920)

2024-01-13 16:38:05