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संसद में उठा बाबा साहेब की प्रतिमा हटाने का मुद्दा

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान सासंद चरणजीत सिंह चन्नी ने ससंद में उठाई बाबा साहेब की मूर्ति हटाने की बात
News

2024-07-26 19:44:54

संवाददाता

नई दिल्ली। गुरुवार को बजट पर बहस के दौरान बोलते हुए पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के लोकसभा सदस्य चरणजीत सिंह चन्नी ने संसद परिसर से बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा को उसके मूल स्थान से हटाये जाने का मुद्दा संसद में उठाया।

गुरुवार को संसद में केन्द्रीय बजट पर बहस के दौरान चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि ‘मैं जब लोकसभा चुनाव जीतकर जैसे ही संसद भवन आया तो मैंने सबसे पहले बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर की प्रतिमा पर नमन करना चाहा, लेकिन जब मैं वहां गया तो देखा वहां पर बाबा साहेब की प्रतिमा नहीं थी। बाबा साहेब की प्रतिमा को उसके मूल स्थान से हटाकर कहीं और सिफ्ट कर दिया गया है।’ उन्होंने केन्द्र सरकार को ललकारते हुए कहा कि ‘ये लोग समझ लें कि ये बाबा साहेब की मूर्ति पीछे कर सकते हैं लेकिन बाबा साहेब की सोच पीछे नहीं कर सकते, ये उनकी सोच को मार नहीं सकते और जो संविधान बाबा साहेब ने दिया है उसको बदल नहीं सकते।’ उन्होंने आगे कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में देश के लोगों ने इनको (मोदी सरकार) बता दिया है कि आप संविधान नहीं बदल सकते इसलिए जनता ने इनको इस बार पूर्ण बहुमत नहीं दिया।

क्या है मामला?

दरअसल, अब की बार 400 पार के अहंकार और तानाशाही मे डूबी केंद्र की सरकार ने 4 जून को लोक सभा चुनाव परिणाम घोषित होने की तारीख की पूर्व संध्या पर यानि कि 3 जून की रात के अंधेरे में परम पूज्य भारत रत्न बौधिसत्व बाबा साहेब डॉ. भीम राव अम्बेड़कर जी, राष्ट्रपिता महात्मा गॉधी, राष्ट्रपिता ज्योति राव फुले, छत्रपति शिवाजी महाराज और भगवान बिरसा मुण्डा जी की प्रतिमाओं को संसद परिसर के प्रांगण से लोक सभा सचिवालय को निर्देशित करके संकीर्ण मानसिकता और एक सुनियोजित षड़यंत्र के तहत हटवा दिया था। इन प्रतिमाओं में से बाबा साहेब की प्रतिमा को संसद परिसर में लगवाने के लिए कई वर्षो तक, परिनिर्वाण प्राप्त आदर और सम्मान के योग्य तत्कालीन बहुजन नेता श्री बी.पी. मौर्या जी की कुशल और डायनेमिक लिड़रशिप मे जेल भरो आंदोलन चला था। तब जाकर ये प्रतिमा संसद भवन के परिसर मे 2 अप्रैल 1967 को स्थापित हो पायी थी। इस प्रतिमा के संसद भवन प्रांगण में लगे रहने का ही प्रतिफल है कि वर्ष में 14 अप्रैल और 6 दिसम्बर को संसंद भवन के दरवाजें आम जन के लिए खोले जाते है। चन्नी ने आगे कहा कि भाजपा सरकार ने देश में अघोषित आपातकाल लगा दिया है। उन्होंने कहा, वे (भाजपा) हर दिन आपातकाल के बारे में बोलते हैं। लेकिन आज देश में अघोषित आपातकाल के बारे में क्यों नहीं बोलते?... यह भी आपातकाल है कि एक व्यक्ति जिसे पंजाब में 20 लाख लोगों ने सांसद के रूप में चुना था, वह एनएसए के तहत सलाखों के पीछे है। वह यहां अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के विचार प्रस्तुत करने में असमर्थ है। यह भी आपातकाल है। चन्नी का इशारा अमृतपाल सिंह की ओर था, जो 2024 का लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बने है।

14 अप्रैल और 6 दिसम्बर को हर वर्ष बाबा साहेब में श्रद्धा और आस्था रखने वाले अम्बेड़करवादियों की लगातार बढ़ती और उमड़ती हुई लाखों की भीड से भयभीत होकर केंद्र सरकार के इशारे पर इस कृत्य को अंजाम दिया गया है। जिससे देश विदेश मे रहने वाले करोड़ों-करोड़ों अम्बेडकरवादियों की श्रद्धा और भावनाओं को ठेस पहुंची है और पूरे देश मे जबरदस्त रोष और आक्रोष व्याप्त है।

दलित, शोषित और बहुजन समाज के पास आज जो कुछ भी है वो सब बाबा साहेब द्वारा बनाये गये संविधान की बदौलत ही है। संविधान में दिये गये आरक्षण के प्रावधान का ही परिणाम है कि लोकसभा, विधानसभा और हर स्तर पर रिजर्व सीट से प्रतिनिधी चुनकर संसद और विधान सभाओं में पहुंचते है।

बाबा साहेब की प्रतिमा को फिर से उसी स्थान पर उसी आकार में पुन: स्थापित कराने के लिए बहुजन समाज लगातार मांग कर रहा है। जिसके लिए ‘डॉ. अम्बेडकर प्रतिमा पुनर्स्थापना संघर्ष समिति’ भी गठित की है जो 9 अगस्त 2024 को जंतर-मंतर पर देशव्यापी जन आंदोलन व संसद का घेराव करेगी। जिसको लेकर समित ने सभी अम्बेडकरवादी संगठनों से अपील की है कि वे अपने चुनावी क्षेत्र के सभी अम्बेडकरवादी संगठनों के प्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर जंतर-मंतर पर प्रात:10 बजे भारी संख्या में पहुंचे और आंदोलन को सफल बनायें। सब एक रहें, यह आंदोलन किसी व्यक्ति विशेष के नेतृत्व में नहीं होने जा रहा है, यह आंदोलन समाज की अस्मिता के लिए सबका साझा आंदोलन है। समाज का हर व्यक्ति इसे अपना समझें और इसमें बढ़चढ़ सहयोग करें।

Yadram, Delhi
This is a very serious matter and all Bahujans are requested to unite and fight the dictatorship
2025-11-04 17:35:32
 
 
R A Gautam, Uttar Pradesh
भारत रत्न बोधिसत्व बाबा साहब डॉ अम्बेडकर की प्रतिमा संसद परिसर से हटाना पूरे देश के ही नहीं विश्व में डॉ साहब को मानने वालों का घोर अपमान है। विश्व में सबसे ज्यादा डिग्री धारक पढ़ें लिखी महान शख्सियत का अनादर कर सरकार क्या साबित करना चाहती है।
2025-11-04 17:35:31
 
 
N K Verma, Delhi
Establish statue of BABA Sahab BR Ambedkar at the same place in Parliament.For this purpose all sc st community become unite and protest against BJP Govt.
2025-11-04 17:35:24
 
 
Kamal singh bauddh, Uttar Pradesh
परम पूज्य महामानव बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की प्रतिमा को संसद भवन प्रांगढ़ से रात के अंधेरे में उठाना यह तो कायरों का काम है ही हमें बाबा साहेब के इस अपमान का बदला लेना है हमारा संघर्ष जारी रहना चाहिए पुनः मूर्ति यथा स्थिति बहाल होने तक
2025-11-04 17:35:22
 
 
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01 जनवरी : मूलनिवासी शौर्य दिवस (भीमा कोरेगांव-पुणे) (1818)

01 जनवरी : राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले और राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले द्वारा प्रथम भारतीय पाठशाला प्रारंभ (1848)

01 जनवरी : बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा ‘द अनटचैबिल्स’ नामक पुस्तक का प्रकाशन (1948)

01 जनवरी : मण्डल आयोग का गठन (1979)

02 जनवरी : गुरु कबीर स्मृति दिवस (1476)

03 जनवरी : राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले जयंती दिवस (1831)

06 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. जयंती (1904)

08 जनवरी : विश्व बौद्ध ध्वज दिवस (1891)

09 जनवरी : प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख जन्म दिवस (1831)

12 जनवरी : राजमाता जिजाऊ जयंती दिवस (1598)

12 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. स्मृति दिवस (1939)

12 जनवरी : उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद ने बाबा साहेब को डी.लिट. की उपाधि प्रदान की (1953)

12 जनवरी : चंद्रिका प्रसाद जिज्ञासु परिनिर्वाण दिवस (1972)

13 जनवरी : तिलका मांझी शाहदत दिवस (1785)

14 जनवरी : सर मंगूराम मंगोलिया जन्म दिवस (1886)

15 जनवरी : बहन कुमारी मायावती जयंती दिवस (1956)

18 जनवरी : अब्दुल कय्यूम अंसारी स्मृति दिवस (1973)

18 जनवरी : बाबासाहेब द्वारा राणाडे, गांधी व जिन्ना पर प्रवचन (1943)

23 जनवरी : अहमदाबाद में डॉ. अम्बेडकर ने शांतिपूर्ण मार्च निकालकर सभा को संबोधित किया (1938)

24 जनवरी : राजर्षि छत्रपति साहूजी महाराज द्वारा प्राथमिक शिक्षा को मुफ्त व अनिवार्य करने का आदेश (1917)

24 जनवरी : कर्पूरी ठाकुर जयंती दिवस (1924)

26 जनवरी : गणतंत्र दिवस (1950)

27 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर का साउथ बरो कमीशन के सामने साक्षात्कार (1919)

29 जनवरी : महाप्राण जोगेन्द्रनाथ मण्डल जयंती दिवस (1904)

30 जनवरी : सत्यनारायण गोयनका का जन्मदिवस (1924)

31 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर द्वारा आंदोलन के मुखपत्र ‘‘मूकनायक’’ का प्रारम्भ (1920)

2024-01-13 16:38:05