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लोकसभा में केन्द्र सरकार पर बरसे राहुल गांधी, बौखलाया मोदी खेमा

सरकार ने ‘मणिपुर’ में ‘हिन्दुस्तान’ की हत्या की है: राहुल गांधी
News

2023-08-09 10:43:26



नई दिल्ली। लोकसभा (loksabha) में अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion) पर चल रही बहस के दूसरे दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी (rahul gandhi) ने बुधवार को मणिपुर हिंसा (manipur violence) को लेकर मोदी सरकार पर तीखा हमला किया जिससे पूरा मोदी खेमा बौखला गया और उन्होंने राहुल पर जमकर भड़ास निकाली।

दरअसल, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जोरदार भाषण देते हुए केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि इन्होंने ‘‘मणिपुर में हिंदुस्तान की हत्या की है.... भारत माता की हत्या की है और ये भारत माता के रखवाले नहीं हो सकते।’’

उन्होंने कहा कि ‘‘भारत माता के बारे में कोई भी ऐसा शब्द नहीं बोला जाना चाहिए जो उचित नहीं हो।’’ इसके जवाब में राहुल ने कहा, ‘‘भारत माता मेरी भी माता हैं। मेरी एक माता (सोनिया गांधी) sonia gandhi यहां बैठी हुई हैं और दूसरी भारत माता हैं।’’ इस दौरान कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी सदन में उपस्थित थीं। राहुल गांधी ने कहा कि मैं कुछ दिनों पहले मैं मणिपुर गया। हमारे प्रधानमंत्री आज तक मणिपुर नहीं गए क्योंकि उनके लिए मणिपुर हिंदुस्तान (का हिस्सा) नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया, आज की सच्चाई है कि मणिपुर को आपने बांट दिया है, तोड़ दिया है। उन्होंने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ (bharat jodo yatra) का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले साल 130 दिन तक मैंने भारत के एक कोने से दूसरे कोने तक यात्रा की। उन्होंने कहा, मैं समुद्र के तट से कश्मीर की बफीर्ली पहाड़ी तक चला।

राहुल गांधी ने कहा, जिस चीज के लिए मैं मरने को तैयार हूं, जिस चीज के लिए मोदी जी की जेलों में जाने को तैयार हूं और जिस चीजे के लिए 10 साल तक गाली खाई है...उसे मैं समझना चाहता था। उन्होंने कहा, जब मैं यात्रा कर रहा था तो मुझे भीड़ की आवाज सुनाई नहीं देती है, जिससे बात करता था उसका दुख और दर्द सुनाई देता था। राहुल गांधी ने कहा, यह देश एक आवाज है, इस देश के लोगों का दुख है, दर्द है, कठिनाइयां हैं, उसे समझना है। इसे समझने के लिए हमें अपने अहंकार, इच्छाओं और सपनों को दूर करना होगा। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से कहा, पिछली बार मैं जब बोला था तो आपको थोड़ा कष्ट हुआ था क्योंकि मैं अडाणी (adani) जी के बारे में केंद्रित था...आपको जो कष्ट हुआ उसके लिए माफी मांगता हूं।

राहुल गांधी के बयान से बौखलाए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू (kirin rijiju) ने उनके भाषण का विरोध करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने बहुत गलत बात की है। किरेन रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए। इसके बाद भी राहुल गांधी के भाषण के साथ ही सदन में खूब हंगामा होता रहा।

नफरत और अहंकार को त्यागना होगा

सत्तापक्ष के सदस्यों की टोकाटोकी के बीच कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि भारत एक आवाज है और अगर इस आवाज को सुनना है तो अहंकार और नफरत को त्यागना होगा। उन्होंने लोकसभा सदस्यता बहाल होने के बाद सदन में यह वक्तव्य दिया और सदस्यता बहाल करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष का आभार व्यक्त किया। राहुल गांधी के वक्तव्य के दौरान सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच कई बार तीखी नोकझोंक हुई। हंगामे के बीच पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रीजीजू ने आरोप लगाया कि देश में 70 साल तक राज करने वाली कांग्रेस ने पूर्वोत्तर को बर्बाद कर दिया था। सत्तापक्ष के सदस्यों की टोकाटोकी पर सदन में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के जवाब देते समय इसका (टोकाटोकी का) सूद सहित जवाब दिया जाएगा। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदन में वह इस तरह की बात नहीं कर सकते। राहुल गांधी ने कहा कि रावण सिर्फ दो लोगों मेघनाथ और कुंभकर्ण की सुनता था, उसी तरह प्रधानमंत्री मोदी सिर्फ अमित शाह और अडाणी की सुनते हैं। लंका को हनुमान जी ने नहीं जलाया था, रावण के अहंकार ने जलाया था। रावण को राम ने नहीं मारा था, रावण के अहंकार ने ही उसे मारा था।

भारत जोड़ो यात्रा अभी खत्म नहीं हुई है

राहुल गांधी ने कहा कि पिछले साल 130 दिन के लिए मैं भारत के एक कोने से दूसरे कोने तक गया। अकेला नहीं था। बहुत सारे लोगों के साथ गया। मैं समुंदर के तट से कश्मीर की बफीर्ली पहाड़ी तक चला। यात्रा अभी खत्म नहीं हुई है। यात्रा जारी है। जरूर लद्दाख भी जाऊंगा। बहुत सारे लोगों ने मुझसे यात्रा के दौरान पूछा कि राहुल तुम क्यों चल रहे हो? कन्याकुमारी से कश्मीर तक क्यों जा रहे हो? जब वो मुझसे पूछते थे तो शुरूआत में मेरे मुंह से जवाब नहीं निकलता था। शायद मुझे ही नहीं पता था कि मैंने यात्रा क्यों शुरू की है? जब मैंने कन्याकुमारी से शुरू किया तो मुझे लगा कि मैं भारत को समझना चाहता हूं, लेकिन गहराई से मुझे पता नहीं था। थोड़े दिन में मुझे बात समझ आने लगी। जिस चीज से मुझे प्यार था, जिस चीज के लिए मैं मरने को तैयार हूं, जिस चीज के लिए मैं मोदी जी की जेलों में तैयार हूं, जिस चीज के लिए मैंने 10 साल हर रोज गाली खाई, उस चीज को मैं समझना चाहता हूं। ये आखिर है क्या, जिसने मेरे दिल को इतनी मजबूती से पकड़ रखा था, उसे मैं समझना चाह रहा था।

उद्योगपतियों ने छीना बीमे का पैसा

राहुल ने कहा कि हर रोज सुबह छह बजे से रात सात-आठ बजे तक गरीब, किसान, मजदूर, व्यापारी, सबकी आवाज सुनी। मैं बात सुनता गया। फिर मेरे पास एक किसान आया और किसान ने हाथ में रुई पकड़ी हुई थी और उसने मुझे कहा कि राहुल जी, यही बचा है मेरे खेत का और कुछ नहीं बचा। मैंने उससे पूछा कि क्या बीमा का पैसा मिला? किसान ने मेरा हाथ पकड़कर कहा कि मुझे पैसा नहीं मिला। हिंदुस्तान के बड़े उद्योगपतियों ने वह मुझसे छीन लिया। मगर इस बार अजीब सी चीज हुई। उसके दिल में जो दर्द था, वह मेरे दिल में आया। जब वह अपनी बीवी से बात करता था, वह शर्म जो उसकी आंखों में थी, वह शर्म मेरी आंखों में आई। उसके बाद यात्रा बदल गई। मुझे भीड़ की नहीं, सिर्फ उस व्यक्ति की आवाज सुनाई देती थी। उसका दर्द, उसकी चोट, उसका दुख, मेरा दुख, मेरी चोट, मेरा दर्द बन गया।

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01 जनवरी : राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले और राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले द्वारा प्रथम भारतीय पाठशाला प्रारंभ (1848)

01 जनवरी : बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा ‘द अनटचैबिल्स’ नामक पुस्तक का प्रकाशन (1948)

01 जनवरी : मण्डल आयोग का गठन (1979)

02 जनवरी : गुरु कबीर स्मृति दिवस (1476)

03 जनवरी : राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले जयंती दिवस (1831)

06 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. जयंती (1904)

08 जनवरी : विश्व बौद्ध ध्वज दिवस (1891)

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12 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. स्मृति दिवस (1939)

12 जनवरी : उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद ने बाबा साहेब को डी.लिट. की उपाधि प्रदान की (1953)

12 जनवरी : चंद्रिका प्रसाद जिज्ञासु परिनिर्वाण दिवस (1972)

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24 जनवरी : राजर्षि छत्रपति साहूजी महाराज द्वारा प्राथमिक शिक्षा को मुफ्त व अनिवार्य करने का आदेश (1917)

24 जनवरी : कर्पूरी ठाकुर जयंती दिवस (1924)

26 जनवरी : गणतंत्र दिवस (1950)

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29 जनवरी : महाप्राण जोगेन्द्रनाथ मण्डल जयंती दिवस (1904)

30 जनवरी : सत्यनारायण गोयनका का जन्मदिवस (1924)

31 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर द्वारा आंदोलन के मुखपत्र ‘‘मूकनायक’’ का प्रारम्भ (1920)

2024-01-13 11:08:05