2024-04-05 13:38:04
इस माह से लोकसभा चुनाव शुरु हो रहे हैं। चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशी मतदाताओं से अपने लिए और अपनी पार्टी के लिए वोट माँग रहे हैं, जो उनका अधिकार भी है। चुनाव की अहमियत और गंभीरता को ध्यान में रखकर सभी जागरूक वोटरों को वोट डालने से पहले निम्न बिंदुओं पर गंभीर ध्यान देने की जरूरत है। किसी भी धर्म, जाति, सम्प्रदाय आदि के पाखण्ड व अंधविश्वास में बहकर वोट के लिए नहीं जाना चाहिए।
1. प्रत्येक मतदाता स्वयं आंकलन करके देखे कि क्या मोदी-संघियों के द्वारा किये गए 10 वर्षों के वायदों में से कितने वायदे किस हद तक पूरे हुए हैं। अगर वायदे पूरे नहीं हुए हैं तो फिर मतदाता भाजपा-संघी प्रत्याशियों को अपना वोट क्यों दें?
2. मोदी ने देश के युवाओं को हर वर्ष 2 करोड़ रोजगार देने का जो वायदा किया था, क्या वह वायदा पूरा हुआ है, तो फिर संघी मोदी-भाजपा प्रत्याशी को वोट क्यों दें?
3. किसानों की आय दोगुनी करने का वायदा क्या पूरा हुआ है, अगर नहीं हुआ है तो फिर भाजपा प्रत्याशियों को वोट क्यों दें?
4. हर गरीब को पक्का आवासीय मकान देने का वायदा क्या पूरा हुआ है? अगर नहीं हुआ है तो फिर संघी-मोदी भाजपा प्रत्याशियों को वोट क्यों दें?
5. क्या मोदी-संघी सरकार ने देश के लोगों का विदेशी बैंको में जमा काला धन 2014 में 100 दिन के अंदर वापस लाने का जो वायदा किया था, क्या वह धन वापस आया? अगर नहीं आया है तो फिर मोदी-संघी भाजपा प्रत्याशियों को वोट क्यों दें?
6. प्रत्येक नागरिक के खाते में 15-15 लाख रुपए देने का जो वायदा 2014 में देशवासियों से किया था क्या वह पूरा हुआ है, अगर नहीं हुआ है तो संघी-मोदी भाजपा प्रत्याशियों को वोट क्यों दें?
7. सरकार में आने से पहले मोदी व उसके समर्थक महँगाई कम करने का दावा कर रहे थे, क्या महँगाई कम हुई है? अगर नहीं हुई है तो फिर भाजपा प्रत्याशियों को वोट क्यों दें?
8. सत्ता में आने से पहले मोदी ने भ्रामक प्रचारों के माध्यम से जनता में आतंकवाद को खत्म करने का जो वायदा किया था, क्या देश से आतंकवाद खत्म हुआ है? अगर नहीं तो फिर भाजपा प्रत्याशियों को वोट क्यों दें?
9. मोदी और उनके समर्थकों ने जो जन स्वास्थ्य से संबंधित भ्रामक आँकड़े और औषधियों की रोग निवारक गुणवत्ता दर्शायी थी क्या वह सच साबित हुई? अगर नहीं तो फिर मतदाता भाजपा प्रत्याशियों को वोट क्यों दें?
10. वोट पाने के लिए देश के कुछ शहरों को विदेशों की तरह विकसित करने का जो ख्वाब दिखाया था क्या वह सच हुआ? अगर नहीं, तो भाजपा प्रत्याशियों को वोट क्यों दें?
11. नई शिक्षा नीति-2020 लाकर जो करीब 33 प्रतिशत सरकारी विद्यालयों-स्कूलों को बंद करने की संघी योजना बनायी गयी थी क्या यह योजना देश के गरीब, दलित, पिछड़े समाज के लोगों की शिक्षा के लिए सही है? अगर नहीं तो फिर भाजपा-संघी प्रत्याशियों को वोट क्यों दें?
12. मोदी ने सरकारी संस्थाओं और कंपनियों का निजीकरण करके उन्हें औने-पौने दामों पर अपने व्यापारी मित्रों को बेचा, क्या देशहित में यह सही था? अगर नहीं तो मतदाता मोदी-भाजपा प्रत्याशियों को वोट क्यों दें?
13. मोदी जी सत्ता में आने के लिए देश की जनता से जोर देकर कह रहे थे कि ‘ना खाऊँगा और ना खाने दूंगा’ क्या आज यह मोदी-भाजपा सरकारों में होता दिख रहा है? अगर नहीं, तो संघी-भाजपा प्रत्याशियों को वोट क्यों दें?
14. मोदी सरकार का अदृश्य तरीके से चुनावी बॉन्ड के जरिये लूटकर अकूत धन इकट्ठा करना सरकार का क्या यह खुला भ्रष्टाचार नहीं है? अभी तक का मोदी सरकार का घूस लेने का यह नवीन तरीके का सबसे बड़ा घोटाला है, तो फिर, भाजपा प्रत्याशियों को वोट क्यों दिया जाये?
15. विपक्षी पार्टियों के भ्रष्टाचारी सदस्यों द्वारा भाजपा ज्वाइन करने के बाद वह भ्रष्टाचार मुक्त हो गये हैं। अगर ये सभी तथाकथित भ्रष्टाचारी वास्तव में भ्रष्टाचारी थे तो भाजपा सरकार ने उन्हें जेल क्यों नहीं भेजा? आपकी ऐसी अकर्मणयता पर जनता आपको वोट क्यों दे?
16. देश का बडेÞ से बड़ा भ्रष्टाचारी भाजपा की वाशिंग मशीन में धुलने के बाद बेदाग हो जाता है और भाजपा उसे सत्ता में शामिल कर लेती है। यह देश की जनता के लिए सोचने का गंभीर मुद्दा है। देश के ऐसे भ्रष्टाचारियों की पार्टी को आखिर जनता वोट क्यों दे?
17. जनता को आपके अन्धभक्त और देश का गुलाम मीडिया रात-दिन यह कहने से नहीं थक रहा है कि भारत का दुनिया में हर जगह ढंका बज रहा है तो फिर आपके प्रधानमंत्री रहते हुए थाईलैंड, नेपाल, बांग्लादेश आदि की सरकारों ने भारत निर्मित सामानों का बहिष्कार करने की घोषणा कैसे की? अगर यह हुआ है तो फिर, जनता भाजपा प्रत्याशी को वोट क्यों दें?
18. संघी प्रचारक मोदी के दस साल के शासन में सांप्रदायिकता (हिन्दू-मुसलमान) का जो नंगा नाच हुआ है क्या उसके लिए भारतीय मतदाताओं ने आपको वोट दिया था? यदि नहीं तो फिर भारत का मतदाता आज संघी-भाजपा प्रत्याशियों को वोट क्यों दें ।
19. चुनाव में 38 प्रतिशत मतदाताओं का मत पाकर मोदी सरकार में आए थे जिसका अर्थ है कि देश के 62 प्रतिशत मतदाताओं ने आपको वोट नहीं दिया, और वे चाहते हैं कि देश में धर्मनिरपेक्ष सरकार रहे, सभी धर्म, धार्मिक संप्रदायों का संविधान के अनुसार सम्मान हो और संविधान के मुताबिक किसी धर्म विशेष को बढ़ावा न दिया जाये, क्या आपने अपने शासनकाल में ऐसा किया है? अगर नहीं, तो जनता आपको वोट क्यों दें?
20. आपके शासनकाल में अंधभक्त पाखंडियों ने मुसलमानों के विरुद्ध धर्म संसद के नाम पर जो जहर फैलाया है क्या वह संविधान के अनुरूप था? अगर नहीं था तो फिर आपने ऐसा क्यों होने दिया? इसके कारण जिन समुदायों की भावनाएँ आहत हुई, और उन्हें जन-धन का नुकसान हुआ। तो फिर वे भाजपा को वोट क्यों दें?
21. मणिपुर राज्य देश का सीमांत प्रदेश होने के कारण संवेदनशील है, वहाँ पर आपकी डबल इंजन की सरकार के बावजूद वीभत्स सांप्रदायिक दंगे हुए, सैंकड़ों चर्चों को तोड़ा व जलाया गया, हजारों कुकी और मैतई समाज के लोग बेघर हुए, उनके काम-धंधे बर्बाद हुए। आप अपनी मनुवादी संस्कृति के मुताबिक इस सांप्रदायिक घटना पर कुछ नहीं बोले और न मणिपुर जाने की जरूरत समझी, क्या आपका भ्रामक नारा ‘सबका साथ, सबका विकास’ सही है? क्या आप अपने आपको ऐसी घटनाओं पर देश हितैषी और सर्व समाज हितैषी कह सकते हैं? अगर नहीं, तो फिर जनता आपको वोट क्यों दें?
22. ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा अब देश की जनता को भ्रामक और झूठ लगने लगा है चूंकि डबल इंजन की सरकार में मणिपुर की महिलाओं को नग्न करके सरेआम सड़कों पर घुमाया गया, क्या डबल इंजन की सरकार में महिलाओं को सुरक्षा देना आपका कर्तव्य नहीं था? ऐसी घटनाओं पर आपके मौन रहने पर देश की सभ्य और जागरूक जनता आपको अपना वोट क्यों दें?
23. राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर महिला पहलवानों का अपने यौन शोषण के विरुद्ध आंदोलन लंबे समय तक चला, परंतु आपकी सरकार ने इन महिला पहलवानों से कोई बात नहीं की उलटा उनके आंदोलन को पुलिस बल के जूतों के तले रौंदा। सरकार द्वारा देश की महिलाओं का यह खुला अपमान था। मोदी सरकार ने अपने एक भाजपा सांसद को बचाने के लिए ऐसा किया था तो फिर देश की जागरूक और सभ्य जनता आपको अपना वोट क्यों दें?
24. एनसीआरबी (राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो) रिपोर्ट के आँकड़ों के अनुसार आपके शासन काल में महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों में वृद्धि हुई है और इस रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि जहाँ-जहाँ डबल इंजन की सरकारें हैं वहाँ-वहाँ पर महिलाओं पर यौन शोषण व अन्य जघन्य अपराधों में अधिक वृद्धि हुई है तो फिर जनता आपको वोट क्यों दें?
25. आपके पिछले दस साल के शासन के दौरान मॉब लिंचिंग की घटनाएँ अपेक्षाकृत अधिक हुई हंै, तो फिर जनता आपको वोट क्यों दें?
26. दलित (एससी/एसटी) समुदाय के लोगों पर आपकी आपकी सरकारों में जघन्य अपराधों की वृद्धि हुई है और इन अपराधों को लेकर सख्त कार्यवाही करने के लिए सरकारें असंवेदनशील और उदासहीन रही हैं, तो फिर इन समुदायों के लोग आपको अपना वोट क्यों दें?
27. दलित (एससी/एसटी) युवकों के ऊपर आपकी सरकारों में पेशाब कांड करने की घटनाएँ भी खूब हुई हैं और आपकी सरकारों का रवैया उदासहीन रहा है, तो इन समुदाय के लोग आपको वोट क्यों दें?
28. एनसीआरबी रिपोर्ट के अनुसार दलित महिलाओं के साथ प्रतिदिन बलात्कार की करीब एक दर्जन से भी अधिक घटनाएँ हो रही हैं, जिनपर आपकी सरकार का रवैया उदासहीन देखा गया है, जिनमें हाथरस कांड, उन्नाव कांड, बलराम पुर आदि चर्चित कांड हैं, जिनपर आपकी सरकारें कार्यवाही करने में उदासहीन रहीं हंै। तो फिर, जनता आपको वोट क्यों दे।
29. आपके संसदीय क्षेत्र वाराणसी में ‘बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय’ की छात्रा के साथ भाजपा की आईटी सेल के तीन कार्यकत्तार्ओं ने सरेआम बलात्कार किया और मोदी अपनी संघी संस्कृति के मुताबिक इस गंभीर घटना पर मौन रहे। जो यह दिखाता है कि आप में संघी मानसिकता के कारण महिलाओं के सम्मान के लिए कोई स्थान नहीं है, तो फिर, जनता आपको वोट क्यों दे?
30. आप जब 2002 में गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब वहाँ पर आपकी सरकार की मिलीभगत और संविधान सम्मत कार्यवाही में उदासहीन रहने के कारण हजारों बेगुनाह मुस्लिम समुदाय व अन्य निदोर्षों का कत्लेआम हुआ था। बिलकीस बानो नाम की गर्भवती महिला के साथ जो बलात्कार की वीभत्स घटना घटी। उसकी आँखों के सामने उसकी तीन साल की बेटी और परिवार के सात सदस्यों की निर्ममता से हत्या कर दी थी। इस केस में 11 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा हई थी लेकिन 15 अगस्त 2023 के दिन संघी मानसिकता की गुजरात सरकार ने इन दोषियों को ऊंची जाति का व अच्छे चाल-चरित्र का बताकर रिहा करवा दिया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी 11 अभियुक्तों को वापस जेल भेजने का आदेश दिया था। अगर आप और आपके अंधभक्तों की ऐसी जहरीली सांप्रदायिक मानसिकता है तो आप इस देश की जनता से वोट पाने की अपेक्षा कैसे कर सकते हैं?
31. मोदी का संघी तानाशाही आचरण उनके मूल चरित्र संघी विचारधारा के कारण है। विपक्ष के 145 सांसदों को संसद के शीतकालीन सत्र से निलंबित करके दिखा दिया कि वह मुसोलिनी की तानाशाही शिक्षा से ओत-प्रोत है। इसलिए वे संसद में विपक्ष के किसी भी सांसद को बोलने नहीं देते। अगर इस देश का जागरूक मतदाता संसद में उनके चुने हुए प्रतिनिधियों को बोलने देने का समर्थन नहीं करते हैं तो फिर देश का मतदाता मोदी-भाजपा को वोट क्यों दें?
32. पुलवामा की घटना में शहीद हुए 45 जवानों की मौत मोदी के राष्ट्रवाद और देशभक्ति पर प्रश्न चिन्ह लगाती है। ऐसे आचरण के व्यक्ति को जनता वोट देकर सत्ता में क्यों लाये?
33. मोदी के इस बार 400 पार के नारे को बहुजन समाज (एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक) को गंभीरता के साथ समझना चाहिए, चूंकि मोदी-संघी मानसिकता इस नारे के साथ देश में कुटिल प्रचार कर रही है। मोदी-संघियों की मंशा और उनका लक्ष्य संविधान में संशोधन करके उसको कमजोर व निष्क्रिय करने का है। उनका पहला लक्ष्य आरक्षण पर होगा, दूसरा हमला दलितों और अल्पसंख्यकों को वोट के अधिकार से वंचित करना होगा, तीसरा हमला देश के संघी ढांचे को खत्म करने का होगा, चौथा हमला देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित करना होगा। अगर इस देश का प्रबुद्ध मतदाता मोदी-संघियों को ऐसा करने की इजाजत नहीं देना चाहता है तो वह संघी मोदी भाजपा को अपना वोट न दें।
34. 2014 में मोदी ने सत्ता में आने के लिए जनता से वायदा किया था कि ‘‘मैं देश में 100 स्मार्ट सिटी बनाऊँगा, क्या वे एक भी बना पाये, नहीं तो फिर देश की प्रबुद्ध जनता झूठे वायदों पर वोट क्यों दें? मोदी-संघियों को डबल इंजन की सरकारों ने सिर्फ शहरों के और शहरों की सड़कों के नाम बदले हैं ंजिससे आम जनता को नुकसान के अलावा कोई लाभ नहीं मिला है। ऐसे में जनता मोदी-भाजपा को वोट क्यों दे?
35. मोदी ने अपने दस साल के शासन में देश के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में संघी मानसिकता के मनुवादियों को बैठाकर बहुजन समाज के छात्र/छात्राओं के ऊपर उत्पीड़न बढ़ाया जिसके कारण कुछेक बहुजन समाज के छात्र/छात्राएं संघी मानसिकता की प्रताड़नाओं से तंग आकर अपनी जान तक देने को मजबूर हुए। रोहित वेमुला और बीवाईएल नायर अस्पताल में द्वितीय वर्ष की छात्रा पायल सलीम तड़वी इसका प्रमुख उदाहरण है। इनके अलावा देश के शिक्षण संस्थानों में अनेकों ऐसी घटनाएँ हर रोज घट रही हैं और मोदी संघी सरकार ने ऐसी घटनाओं पर कोई भी गंभीर संज्ञान नहीं लिया। मोदी अपनी संघी मानसिकता के अनुरूप मौन रहे और संबंधित शिक्षक व कुलपति आदि को संघी मानसिकता का होने के कारण दंडित नहीं किया और न ही बहुजन समाज के सामाजिक संगठनों के आंदोलनों का कोई संज्ञान लिया। बहुजन (शूद्र) समाज के सभी जातीय घटक इस विषय पर खुद मोदी-संघी मानसिकता का आंकलन करें और फैसला करें कि ऐसी संघी शूद्र समाज विरोधी मोदी-संघी सरकार को अपना वोट क्यों दें?
36. मोदी के दस साल के शासन में उन नामी-ग्रामी शिक्षण संस्थानों की उपेक्षा की गई है जहाँ पर शूद्र समाज के छात्र/छात्राएँ बड़ी संख्या में दाखिला पाकर उत्कृष्ट शिक्षा ग्रहण कर रहे थे जिनमें प्रमुख है जेएनयू, जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली विश्वविद्यालय आदि अन्य सैंकड़ों संस्थानों में संघियों को बैठाकर मनुवादी संघी शिक्षा मॉडल को स्थापित करने का गंभीर प्रयास किया गया। जिन संस्थानों में संघी लोग अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो पाये उन पर भिन्न-भिन्न प्रकार के भद्दे लांछन लगाकर उन्हें बदनाम किया गया और अन्य कुछेक का पूर्ण भगवाकरण किया गया जिनमें दिल्ली विश्वविद्यालय प्रमुख है जहाँ पर दीवारे, दरवाजें व प्रांगण आदि पर पूरा भगवाकरण करके भगवा झंडे लगाए गए। दिल्ली विश्वविद्यालय में आरएसएस की शाखायें भी स्थापित की गई और और रोजाना शाखा लगाकर आरएसएस का प्रचार किया गया। ऐसे कृत्यों को देखकर बहुजन समाज के छात्र/छात्राओं व उनके अभिभावकों को मोदी-संघी सरकार को वोट नहीं देना चाहिए।
37. देश के सभी शिक्षण संस्थानों में अध्यापकों के पद वर्षों से खाली रखे गए हैं शायद मोदी-संघी सरकार का इन पदों के खाली रखने के पीछे का उद्देश्य यह है कि अगर नियमित नियुक्तियाँ करेंगे तो आरक्षण देकर आरक्षित वर्ग के लोगों को भी लेना पड़ेगा। मोदी-संघी जैसी मानसिकता की सरकारें शिक्षण संस्थानों में बड़े पैमाने पर शिक्षक ठेके पर रख रहे हैं। संघियों को लगता है कि ऐसा करने से दो फायदे होंगे-पहला आरक्षण नहीं देना पड़ेगा, दूसरा सैलरी भी ठेके वाले शिक्षकों को नियमित अध्यापकों से कम देनी पड़ेगी। मोदी-संघी सरकार की ऐसी नीतियों से बहुजन समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा? इसका आंकलन स्वयं करें और अपनी बुद्धि से स्वयं सोचे कि ऐसी घटिया मानसिकता की मोदी-संघी सरकार को वोट क्यों दें?
38. मोदी अपनी संघी प्रचारक आदत के अनुसार जनता को बता रहे हैं कि उनके दस साल का शासन तो सिर्फ एक ट्रेलर है, आगे तीसरी बार मुझे सत्ता में लाओ तो मैं आप सबको पूरी पिक्चर दिखाऊँगा। इस आधार पर मोदी के दस साल के शासन का खुद आंकलन करें की अगर ट्रैलर इतना भयानक था तो पिक्चर कैसी होगी? मोदी का 10 साल का यह विनाशकारी ट्रेलर देखकर यहाँ की जागरूक जनता क्या चाहेगी कि मोदी की पूरी पिक्चर (अर्थ पूरा विनाश) का जोखिम उठाया जाये, अगर नहीं, तो फिर मोदी को वोट क्यों दें?
39. मोदी ने पिछले दस साल के शासन में हिन्दू-मुसलमान, पाकिस्तान, गाय-गोबर प्रचारित करके देश में सांप्रदायिकता का नफरती माहौल पैदा किया मोदी-संघी अंधभक्त, लफरझंडिसों ने घूमकर मुस्लिम समुदाय को इंगित करते हुए कहा कि लोगों को उनके कपड़ों से पहचानो, मोदी का ऐसा नफरती बयान प्रधानमंत्री पद की गरिमा के अनुरूप नहीं था। ऐसी एक घटना नहीं है पिछले दस साल में मोदी व उनके अंधभक्तों ने सैकड़ों घटनाओं को जन्म दिया होगा तो फिर देश के जागरूक जनता मोदी को वोट क्यों दें?
40. पिछले दस साल के मोदी के शासन काल में मोदी की कार्यशैली देखी है जिसके आधार पर देश का हर जागरूक नागरिक आसानी से कह सकता है कि मोदी की कार्यशैली जनता से जुड़े ज्वलंत मुद्दों पर न होकर अतीत में किये गए उस समय के राजनैतिक दलों पर सवाल खड़े करना और अपनी सरकार द्वारा दस साल में किये गए कार्यों पर जनता से कोई बात नहीं करना और न जनता को उसका हिसाब देना आदि शामिल है। उदाहरण के लिए मोदी जब सत्ता में आए थे तो पहले 5 वर्षों के दौरान देश की जनता को यही बताते रहे कि 70 साल में कांग्रेस की सरकार ने कुछ नहीं किया। भारत के प्रधानमंत्री नेहरू की नीतियों को लेकर जनता को बरगलाते रहे और अब जब उनके शासन को दस साल पूरे होने जा रहे हैं तब वे आज के ज्वलंत मुद्दों पर बात न करके देश को विकसित भारत का छलावी सपना दिखाकर 2047 की तारीख दे रहे हैं। जनता को बरगलाने और मुद्दों से भटकाने का उनका यही चिर-परिचित अंदाज रहा है। इस तरह का व्यवहार और जनता के साथ धोखा और ऐसा सिर्फ एक पूरी तरह से फेल राजनीतिक नेता ही कर सकता है अन्य कोई भी जिम्मेदारी के पद पर बैठा हुआ व्यक्ति ऐसा आचरण नहीं कर सकता। इसी तरह मोदी ने देश में बुलेट ट्रेन चलाने की बात की थी जो अभी तक एक सपना ही बनी हुई है। मोदी जैसे संघियों की चारित्रिक कार्यशैली यही है कि देश की जनता के सामने असल मुद्दे पर बात मत करो और जनता को बरगलाने और भटकाने के लिए इधर-उधर के बात करते रहो। अगर देश की प्रबुद्ध जनता को मोदी की छलावामयी कार्यशैली का प्रधानमंत्री नहीं चाहिए तो फिर अपना वोट मोदी को क्यों दिया जाये?
Monday - Saturday: 10:00 - 17:00 | |
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