Friday, 15th November 2024
Follow us on
Friday, 15th November 2024
Follow us on

लोकसभा चुनाव अपने बलबूते लड़ने के फैसले पर बहन जी अटल

कहा,-सरकारों की संकीर्ण, जातिवादी और जनविरोधी नीतियों के कारण राजनीतिक हालात बदले हैं
News

2023-12-02 10:17:49

लखनऊ। अन्य दलों की तरह बहुजन समाज पार्टी भी लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में जुट गई है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार 30 नवंबर को लखनऊ में पार्टी कैडर की एक बैठक बुलाई थी। इस दौरान उन्होंने लोकसभा चुनाव में मिलीजुली सरकार की संभावना जताई। उन्होंने कहा कि देश और यूपी सहित विभिन्न राज्यों में सरकारों की संकीर्ण, जातिवादी और जनविरोधी नीतियों के कारण राजनीतिक हालात तेजी से बदल रहे हैं। ऐसे में किसी एक पार्टी का वर्चस्व न होकर बहुकोणीय संघर्ष का रास्ता चुनने को लोग आतुर नजर आ रहे हैं। ऐसे में लोकसभा का अगला चुनाव दिलचस्प, संघर्षपूर्ण होने की प्रबल संभावना है। इसमें बसपा की अहम भूमिका होगी।

चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में जोर आजमाइश के बाद बसपा ने लोकसभा चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी सिलसिले में मायावती ने प्रदेश कार्यालय में यूपी और उत्तराखंड के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने अकेले दम पर चुनाव लड़ने के फैसले को अटल बताते हुए जमीनी स्तर पर जनाधार बढ़ाने की बात कही और प्रत्याशी चयन को लेकर निर्देश दिए। उन्होंने संगठन की रिपोर्ट लेने के बाद कमियां दूर करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि कैडर व्यवस्था को मजबूत करें और युवा मिशनरी लोग तैयार करें।

मायावती ने कहा कि ऐसे में पार्टी को समय-समय पर दिए जा रहे जरूरी दिशा-निदेर्शों पर ईमानदारी और निष्ठापूर्वक, मेहनत करके अच्छा रिजल्ट जरूर हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर बाबा साहेब अम्बेडकर के ‘आत्म सम्मान और स्वाभिमान मूवमेंट’ के कार्यों को केवल यूपी जैसे राज्यों में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में मजबूती मिलेगी। साथ ही समस्त गरीबों, वंचितों, शोषितों, पीड़ितों में से खासकर सदियों जातिवाद के शिकार दलित, आदिवासी, अन्य पिछड़े वर्गों के साथ-साथ धार्मिक अल्पसंख्यकों में से विशेषकर मुस्लिम समाज के करोड़ों लोगों को जुल्म, ज्यादती, भेदवाभ और दूसरे दर्जे के नागरिक की तरह सरकारी व्यवहार से मुक्ति मिल जाएगी।

बसपा चीफ ने कहा कि लेकिन इसके लिए विरोधी पार्टियों और उनकी सरकारों के साम, दाम, दंड, भेद के हथकंडों को बहुजन एकता और सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करने के बाद अपनी लोकतांत्रिक मजबूती प्रदान करना जरूरी होगा, जो बहुजन समाज के लिए मुश्किल काम नहीं है। क्योंकि ऐसा उन्होंने खासकर यूपी में कई बार करके दिखाया है।

परिनिर्वाण दिवस पर लखनऊ और नोएडा में होगा बड़ा आयोजन

डॉ. आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर बसपा लखनऊ और नोएडा में दो बड़े आयोजन करेगी। नोएडा में राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल पर छह मंडलों आगरा, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, मेरठ और सहारनपुर के कार्यकर्ता जुटेंगे। लखनऊ में आंबेडकर स्मारक स्थल पर अन्य 12 जिलों के कार्यकर्ता श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए जुटेंगे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मायावती इन दोनों में से किसी आयोजन में शामिल नहीं होंगी। वह अपने आवास पर ही बाबा साहेब को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगी।

छोटी स्थानीय पार्टियों से कोई परहेज नहीं

मायावती एक ओर तो अकेले दम पर चुनाव लड़ने की बात कर रही हैं, वहीं मिलीजुली सरकार की आशंका भी जता रही हैं। उसमें बसपा की भूमिका अहम बता रही हैं। अब सवाल यह है कि आखिर बसपा की रणनीति क्या है? हाल ही में हुए चार राज्यों के विधानसभा चुनाव से इस बात को समझा जा सकता है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बसपा ने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ समझौता किया। इससे जाहिर है कि क.ठ.ऊ.क.अ. और ठऊअ से पार्टी ने भले दूरी बना रखी है, लेकिन छोटी स्थानीय पार्टियों से कोई परहेज नहीं है। इस तरह बसपा की कोशिश है कि किसी तरह इन राज्यों में अपना पुराना प्रदर्शन बरकरार रख ले या उसमें कुछ और सुधार कर ले। इसके बाद अगर अंतिम समय में कोई संभावना बनती है तो फिर गठबंधन की राह भी खुल सकती है। लोकसभा में कुछ भी सीटें आ गईं तो फिर चुनाव बाद गठबंधन की सरकार में वह शामिल हो सकती है।

Post Your Comment here.
Characters allowed :


01 जनवरी : मूलनिवासी शौर्य दिवस (भीमा कोरेगांव-पुणे) (1818)

01 जनवरी : राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले और राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले द्वारा प्रथम भारतीय पाठशाला प्रारंभ (1848)

01 जनवरी : बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा ‘द अनटचैबिल्स’ नामक पुस्तक का प्रकाशन (1948)

01 जनवरी : मण्डल आयोग का गठन (1979)

02 जनवरी : गुरु कबीर स्मृति दिवस (1476)

03 जनवरी : राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले जयंती दिवस (1831)

06 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. जयंती (1904)

08 जनवरी : विश्व बौद्ध ध्वज दिवस (1891)

09 जनवरी : प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख जन्म दिवस (1831)

12 जनवरी : राजमाता जिजाऊ जयंती दिवस (1598)

12 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. स्मृति दिवस (1939)

12 जनवरी : उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद ने बाबा साहेब को डी.लिट. की उपाधि प्रदान की (1953)

12 जनवरी : चंद्रिका प्रसाद जिज्ञासु परिनिर्वाण दिवस (1972)

13 जनवरी : तिलका मांझी शाहदत दिवस (1785)

14 जनवरी : सर मंगूराम मंगोलिया जन्म दिवस (1886)

15 जनवरी : बहन कुमारी मायावती जयंती दिवस (1956)

18 जनवरी : अब्दुल कय्यूम अंसारी स्मृति दिवस (1973)

18 जनवरी : बाबासाहेब द्वारा राणाडे, गांधी व जिन्ना पर प्रवचन (1943)

23 जनवरी : अहमदाबाद में डॉ. अम्बेडकर ने शांतिपूर्ण मार्च निकालकर सभा को संबोधित किया (1938)

24 जनवरी : राजर्षि छत्रपति साहूजी महाराज द्वारा प्राथमिक शिक्षा को मुफ्त व अनिवार्य करने का आदेश (1917)

24 जनवरी : कर्पूरी ठाकुर जयंती दिवस (1924)

26 जनवरी : गणतंत्र दिवस (1950)

27 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर का साउथ बरो कमीशन के सामने साक्षात्कार (1919)

29 जनवरी : महाप्राण जोगेन्द्रनाथ मण्डल जयंती दिवस (1904)

30 जनवरी : सत्यनारायण गोयनका का जन्मदिवस (1924)

31 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर द्वारा आंदोलन के मुखपत्र ‘‘मूकनायक’’ का प्रारम्भ (1920)

2024-01-13 11:08:05