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लेह हिंसा के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा,- लद्दाख के लोग 5 साल से अपने आर्थिक अधिकारों के संरक्षण की कर रहे हैं मांग
News

2025-09-27 19:49:09

संवाददाता

नई दिल्ली। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने लद्दाख में हिंसा व अशांति के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए पर्यावरणविद् सोनम वांग्चुक का बचाव किया है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि लेह में हिंसा के लिए पूरी तरह से केंद्र सरकार जिम्मेदार है। लद्दाख के लोग बीते पांच वर्ष से अपने राजनीतिक-सामाजिक-सांस्कृतिक व आर्थिक अधिकारों के संरक्षण की मांग कर रहे हैं। केंद्र सरकार उनकी मांगों को लगातार टाल रही है और उनहें गुमराह कर रही है। इससे लद्दाख के लोग हताश और आक्रोशित हैं।

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पांच अगस्त 2019 को जब हमारा विशेष दर्जा छीन लिया गया, तो लद्दाख के लोग बहुत खुश थे उन्हें लगा कि उन्हें एक केंद्र शासित प्रदेश मिल गया है। लेकिन जब उन्हें सच्चाई का पता चला तो वह अपने हितों के लिए खड़े हुए । लद्दाख के लोग बहुत शांतिप्रिय हैं। जब भी उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया, अब उनका धैर्य जवाब दे गया है। केंद्र सरकार अपनी विफलता छिपाने के लिए अब लेह की हिंसा के लिए पर्यावरणविद सोनम वांगचुक को जिम्मेदार ठहरा रही है। सोनम के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है ताकि उनकी, लद्दाख के लोगों की आवाज को दबाया जा सके। सोनम वांगचुक एक शांतिप्रिय व्यक्ति हैं जो पर्यावरण के प्रति बहुत संवेदनशील है और लद्दाख के पर्यावरण, लददाख की संस्कृति को लेकर हमेशा चिंतित रहते हैं।

जेल में सोनम: सरकार के लिए बाहर के वांगचुक से कहीं ज्यादा परेशानी का सबब बनेंगे लद्दाख में राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे पर्यावरणविद और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को पुलिस ने शुक्रवार को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत गिरफ्तार कर लिया है। वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद लेह में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। गिरफ्तारी से पहले सोनम वांगचुक ने साफ चेतावनी दी थी कि अगर उन्हें गिरफ्तार किया गया तो सरकार की दिक्कतें उनकी आजादी से कहीं ज्यादा बढ़ जाएंगी। उन्होंने कहा कि सरकार बलि का बकरा तलाश रही है जबकि असली समस्या को नजरअंदाज कर रही है। मैं देख रहा हूं कि पीएसए (जनसुरक्षा कानून) के तहत मुझे दो साल के लिए जेल भेजने की तैयारी हो रही है। मैं इसके लिए तैयार हूं। लेकिन याद रखिए, जेल में सोनम वांगचुक सरकार के लिए बाहर के वांगचुक से कहीं ज्यादा परेशानी का सबब बनेगा। वांगचुक ने कहा कि हिंसा की जड़ युवाओं की नाराजगी और लंबे समय से अनदेखी की जा रही मांगों में है। उन्होंने कहा कि छह साल से बेरोजगारी और अधूरे वादों ने युवाओं का धैर्य खत्म कर दिया है। सरकार आंशिक आरक्षण का दिखावा कर रही है, जबकि असली मांग राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची का विस्तार अब भी अधूरा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार असली मुद्दों से ध्यान हटाकर दोषारोपण की राजनीति कर रही है। यह कदम शांति की राह नहीं खोलता, बल्कि हालात को और भड़काता है।

स्थानीय संगठनों और वांगचुक समर्थकों का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची के तहत विशेष संरक्षण की मांग लंबे समय से उठाई जा रही है। आंदोलन के तेज होने के साथ ही प्रशासन ने एहतियातन कई इलाकों में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी है। उमर अब्दुल्ला ने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को दुर्भागपूर्ण बताया। केंद्र द्वारा किए गए वादों पर उठाए सवाल।

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01 जनवरी : मूलनिवासी शौर्य दिवस (भीमा कोरेगांव-पुणे) (1818)

01 जनवरी : राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले और राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले द्वारा प्रथम भारतीय पाठशाला प्रारंभ (1848)

01 जनवरी : बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा ‘द अनटचैबिल्स’ नामक पुस्तक का प्रकाशन (1948)

01 जनवरी : मण्डल आयोग का गठन (1979)

02 जनवरी : गुरु कबीर स्मृति दिवस (1476)

03 जनवरी : राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले जयंती दिवस (1831)

06 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. जयंती (1904)

08 जनवरी : विश्व बौद्ध ध्वज दिवस (1891)

09 जनवरी : प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख जन्म दिवस (1831)

12 जनवरी : राजमाता जिजाऊ जयंती दिवस (1598)

12 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. स्मृति दिवस (1939)

12 जनवरी : उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद ने बाबा साहेब को डी.लिट. की उपाधि प्रदान की (1953)

12 जनवरी : चंद्रिका प्रसाद जिज्ञासु परिनिर्वाण दिवस (1972)

13 जनवरी : तिलका मांझी शाहदत दिवस (1785)

14 जनवरी : सर मंगूराम मंगोलिया जन्म दिवस (1886)

15 जनवरी : बहन कुमारी मायावती जयंती दिवस (1956)

18 जनवरी : अब्दुल कय्यूम अंसारी स्मृति दिवस (1973)

18 जनवरी : बाबासाहेब द्वारा राणाडे, गांधी व जिन्ना पर प्रवचन (1943)

23 जनवरी : अहमदाबाद में डॉ. अम्बेडकर ने शांतिपूर्ण मार्च निकालकर सभा को संबोधित किया (1938)

24 जनवरी : राजर्षि छत्रपति साहूजी महाराज द्वारा प्राथमिक शिक्षा को मुफ्त व अनिवार्य करने का आदेश (1917)

24 जनवरी : कर्पूरी ठाकुर जयंती दिवस (1924)

26 जनवरी : गणतंत्र दिवस (1950)

27 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर का साउथ बरो कमीशन के सामने साक्षात्कार (1919)

29 जनवरी : महाप्राण जोगेन्द्रनाथ मण्डल जयंती दिवस (1904)

30 जनवरी : सत्यनारायण गोयनका का जन्मदिवस (1924)

31 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर द्वारा आंदोलन के मुखपत्र ‘‘मूकनायक’’ का प्रारम्भ (1920)

2024-01-13 16:38:05