2023-09-23 12:06:34
नई दिल्ली। चेन्नई तमिलनाडु के मंत्री और डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने बुधवार 20 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में न बुलाए जाने को लेकर सवाल किया। उन्होंने कहा- राष्ट्रपति मुर्मू को इसलिए नहीं बुलाया गया, क्योंकि वो विधवा हैं और आदिवासी समुदाय से आती हैं।
उन्होंने तंज करते हुए पूछा, क्या इसे ही हम सनातन धर्म कहते हैं? सनातन को लेकर की गई अपनी पूर्व टिप्पणी पर उन्होंने कहा- लोगों ने मेरे सिर पर इनाम रख दिया है, लेकिन मैं इन सब चीजों से डरने वाला नहीं हूं। डीएमके पार्टी की स्थापना ही सनातन के खात्मे के लिए हुई थी और हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक अपने लक्ष्य को नहीं हासिल कर लेते हैं। उन्होंने ये बातें मदुरई में पार्टी के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं।
उदयनिधि ने कहा- नए संसद भवन के निर्माण में 800 करोड़ रुपए खर्च किए गए। भाजपा ने तमिलनाडु से अधीनम (संतो) को बुलाया। लेकिन इसके उद्घाटन पर भारत की प्रथम नागरिक होने के बावजूद राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया। इतना ही नहीं महिला आरक्षण बिल की पेशी के दौरान भी कुछ हिंदी एक्ट्रेस को इनवाइट किया गया लेकिन राष्ट्रपति को पूछा भी नहीं गया। उन्होंने दावा किया कि ये तमाम चीजें सनातन धर्म के प्रभाव की वजह से हो रही हैं।
वहीं इससे पहले उदयनिधि ने 10 सितंबर को बीजेपी की तुलना जहरीले सांप से की थी। साथ ही उनके सहयोगी दल अकअऊटङ को कूड़े का ढेर कहा था। उन्होंने कहा था, कचरे में से सांप हमारे घर में घुस जाता है। अगर हमें सांप को खत्म करना है, तो हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई कचरा न हो। 2024 चुनाव में तमिलनाडु से भाजपा और अकअऊटङ को बाहर कर देना चाहिए।
सनातन धर्म विवाद पर उदयनिधि ने कहा कि वह भविष्य में भी इसके खिलाफ बोलते रहेंगे। तमिलनाडु में पिछले 100 सालों से सनातन धर्म के खिलाफ आवाजें उठ रही हैं। हम अगले 200 सालों तक भी इसके खिलाफ बोलना जारी रखेंगे। उदयनिधि ने कहा, अतीत में कई मौकों पर, बी आर अंबेडकर, पेरियार (डीके संस्थापक ई वी रामासामी) और एम करुणानिधि (पूर्व डीएमके संरक्षक) ने इसके बारे में बात की थी।
सनातन के विरोध के चलते महिलाएं घर से निकल पाईं
उदयनिधि ने आगे कहा, सनातन धर्म के कड़े विरोध के कारण ही महिलाएँ घर से बाहर निकल सकीं और सती जैसी सामाजिक कुरीतियाँ समाप्त हुईं। उन्होंने कहा, वास्तव में, द्रमुक की स्थापना ही उन सिद्धांतों पर हुई थी जो ऐसी सामाजिक बुराइयों का विरोध करते हैं। नरसंहार वाले आरोप का जवाब देते हुए उदयनिधि ने कहा, भाजपा ने मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया और कुछ ऐसा फैलाया जो मैंने कभी नहीं कहा था।
वहीं तमिलनाडु उदयनिधि स्टालिन ने चेन्नई में 2 सितंबर को एक कार्यक्रम में सनातन धर्म के खिलाफ बयान दिया था। 4 दिन बाद 7 सितंबर को उन्होंने पहली बार सफाई दी। उन्होंने कहा, मैं किसी भी धर्म का दुश्मन नहीं हूं। मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया। मैं हिंदू धर्म नहीं सनातन प्रथा के खिलाफ हूं। इसी के साथ उदयनिधि के पिता एमके स्टालिन ने भी उसी दिन बेटे का बचाव किया। स्टालिन ने सोशल मीडिया पर बयान पोस्ट किया - भाजपा ने झूठी कहानी फैलाई है। पीएम ने भी बिना सच जाने इस पर कमेंट किया। दरअसल, बुधवार 6 सितंबर को मंत्रिपरिषद की एक बैठक में ढट ने सभी मंत्रियों को सनातन विवाद पर सख्त जवाब देने की बात कही थी।
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