2022-10-07 06:13:10
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ फॉरेस्ट रिजर्व में 5वीं से 9वीं सदी के मंदिर और बौद्ध मठ मिले हैें उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के जंगलों में 26 गुफाओं के साथ 26 प्राचीन मंदिरों की शृंखला को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने खोज निकाला हैे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के मुताबिक, सर्वे में 26 मंदिर, 26 गुफाएं, 2 मठ, 2 मन्नत स्तूप, 24 शिलालेख, 46 मूर्तियां, अन्य बिखरे हुए अवशेष और 19 जल संरचना मिली हैें एएसआई का अनुमान है कि, ये सभी मंदिर और मूर्तियां राजा भीमसेना, महाराजा पोथासिरी, महाराजा भट्टदेव के शासनकाल के समय की हैं।
जबलपुर कार्यालय के पुरातत्व अधीक्षक एसके बाजपेयी ने अन्वेषण करने वाली टीम की अध्यक्षता की जिन्होंने यहां एएसआई मुख्यालय में मीडिया से संवाद के दौरान अन्वेषण की विस्तृत जानकारी और तस्वीरें साझा की। बाजपेयी ने बताया, ‘वर्ष 1938 में पुरातत्ववेत्ता एनपी चक्रवर्ती के बाद पहली बार एएसआई ने बांधवगढ़ में अन्वेषण किया है। कई ढांचों का दस्तावेजीकरण किया गया है और हमें प्राचीन गुफाओं, मंदिरों, बौद्ध अवशेषों, मठ, मूर्तियों, जलाशयों, ब्रह्मी और नागरी जैसी प्राचीन लिपियों में भित्ति अभिलेख जैसे और ढांचों की जानकारी मिली है। उन्होंने बताया कि अन्वेषण के दौरान बाघों और हाथियों से सामना हुआ, लेकिन गुफाओं ने हमें आश्रय दिया। बांधवगढ़ बाघों का आश्रय स्थल है, जो मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 500 किलोमीटर दूर स्थित है। एएसआई अधिकारी ने कहा, मेरे लिए सबसे रोमांचक खोज हिंदू राजवंशों द्वारा शासित क्षेत्र में बौद्ध ढांचों की खोज है। यह धार्मिक सौहार्द्र का संकेत देता है, लेकिन इन्हें किसने बनाया, अब तक नहीं पता है। एएसआई द्वारा साझा की गई जानकारी के मुताबिक मन्नत के स्तूप और बौद्ध खंभे के टुकड़े मिले हैं, जिन पर स्तूप की आकृति बनी है और ये दूसरी या तीसरी शताब्दी के हैं। बाजपेयी ने बताया, ह्यलेकिन सबसे उल्लेखनीय खोज, हमें मिले अभिलेख हैं जिनमें उत्तर प्रदेश स्थित मथुरा और कौशांबी जैसे प्राचीन शहरों के नामों का उल्लेख है, जिनका दस्तावेजीकरण किया गया है। एएसआई के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, बांधवगढ़ से दूर स्थित इन शहरों के नामों का उल्लेख संकेत करता है कि यहां के लोगों का अन्य शहरों के साथ कारोबारी संबंध था और संभव है कि उन्होंने कुछ दान दिया होगा, लेकिन यह अनुमान का मामला है। उन्होंने बताया कि मुगलकालीन और जौनपुर (उत्तर प्रदेश) के शर्की सल्तनत के सिक्के भी बांधवगढ़ से मिले हैं। एएसआई अधिकारियों ने बताया कि कुल 35 मंदिरों की जानकारी मिली है, जिनमें से नौ की पहले से जानकारी थी और 26 अन्य मंदिरों का पता नवीनतम अन्वेषण में चला, जो कालचुरी काल के हैं।उन्होंने बताया कि 26 नई गुफाओं का पता चला है जो दूसरी ईसापूर्व से लेकर पांचवी ईस्वी तक के हैं और इनकी प्रकृति बौद्ध ढांचे की है, जबकि 50 गुफाओं का पता पहले लगाया गया था। अधिकारियों ने बताया कि कालचुरी काल (नौवीं से 11वीं सदी) के दो नए शैव मठों और दो नए स्तूपों का भी पता चला है।
Monday - Saturday: 10:00 - 17:00 | |
Bahujan Swabhiman C-7/3, Yamuna Vihar, DELHI-110053, India |
|
(+91) 9958128129, (+91) 9910088048, (+91) 8448136717 |
|
bahujanswabhimannews@gmail.com |