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मोदी के झूठों से सावधान!

News

2024-04-05 13:33:04

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर हमारे प्रचारवीर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राजस्थान के चूरू में सार्वजनिक रैली को संबोधित किया। इस दौरान मोदी ने कहा कि राजस्थान पराक्रम और परिश्रम की धरती है। ये वीर बेटों को जन्म देने वाली वीर-वीरांगना माताओं की पवित्र भूमि है। इसीलिए राजस्थान जो ठान लेता है, वो पत्थर की लकीर बन जाता है। यही जज्बा मैं अपने सामने देख रहा हूं। उन्होंने कहा कि राजस्थान का किसान, मेरे राजस्थान का नौजवान और आप सब माताएं-बहनें, इतनी बड़ी संख्या में दूर-दूर से हमें अपना आशीर्वाद देने आए हैं। पूरा राजस्थान कह रहा है-फिर एक बार मोदी सरकार।

मोदी ने अपने पूरे भाषण में जनता को झूठ पर झूठ परोसे। उन्होंने तीन तलाक को लेकर मुस्लिम बेटियों की बात भी की और कहा कि तीन तलाक का कानून लाकर हमने मुस्लिम माता-बहनों को बड़ी राहत दी है। यह देश देख रहा है कि मोदी का मूल चरित्र व मानसिकता मुस्लिम विरोधी रही है। 2002 में मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब गोधरा काण्ड में उनकी संलिप्ता संदिग्ध थी। कुछेक समाचार पत्रों व चैनलों ने के अनुसार इस पूरी घटना को मोदी सरकार का समर्थन बताया था। इस काण्ड में मुस्लिम महिला बिलकिस बानों के साथ दरिंदगी की सारी हदें पार की गई थी। जिसमें उन्हीं की आंखों के सामने उनकी तीन साल की बेटी व पूरे परिवार की निर्ममता से हत्या कर दी गयी थी। भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं की अर्जी पर कोर्ट ने इस काण्ड के 11 आरोपियों को समय से पहले रिहा करवाया था। और यह दलील दी थी कि यह सभी आरोपी ऊंंची जाति के हैं और अच्छे चाल-चरित्र के हैं। और उनकी रिहाई पर उनका फूल माला के साथ भव्य स्वागत भी किया था। जो भाजपा-मोदी की मानसिकता को दर्शाता है कि वह मुस्लिमों के प्रति किस प्रकार की है। और आज राजस्थान में मोदी बड़े-बड़े झूठ खुलेआम जनता के सामने बोल रहे हैं। शायद वे राजस्थान की जनता को मूर्ख समझ रहें हैं। आज पूरा देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया जानती है कि मोदी सबसे अधिक झूठ बोलने वाले व्यक्ति हैं। मोदी के शासन काल में देश सभी मानव विकास के मानकों पर निम्नस्तर पर पहुंच चुका है। लेकिन मोदी अपनी इस नाकामी को अपने झूठ से हर रोज पाटने की कोशिश कर रहें हैं। लेकिन अब जनता उनके इस झूठ में फसने वाली नहीं है और वह 4 जून को मोदी को सरकार व देश से बाहर करके ही दम लेगी।

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01 जनवरी : मूलनिवासी शौर्य दिवस (भीमा कोरेगांव-पुणे) (1818)

01 जनवरी : राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले और राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले द्वारा प्रथम भारतीय पाठशाला प्रारंभ (1848)

01 जनवरी : बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा ‘द अनटचैबिल्स’ नामक पुस्तक का प्रकाशन (1948)

01 जनवरी : मण्डल आयोग का गठन (1979)

02 जनवरी : गुरु कबीर स्मृति दिवस (1476)

03 जनवरी : राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले जयंती दिवस (1831)

06 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. जयंती (1904)

08 जनवरी : विश्व बौद्ध ध्वज दिवस (1891)

09 जनवरी : प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख जन्म दिवस (1831)

12 जनवरी : राजमाता जिजाऊ जयंती दिवस (1598)

12 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. स्मृति दिवस (1939)

12 जनवरी : उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद ने बाबा साहेब को डी.लिट. की उपाधि प्रदान की (1953)

12 जनवरी : चंद्रिका प्रसाद जिज्ञासु परिनिर्वाण दिवस (1972)

13 जनवरी : तिलका मांझी शाहदत दिवस (1785)

14 जनवरी : सर मंगूराम मंगोलिया जन्म दिवस (1886)

15 जनवरी : बहन कुमारी मायावती जयंती दिवस (1956)

18 जनवरी : अब्दुल कय्यूम अंसारी स्मृति दिवस (1973)

18 जनवरी : बाबासाहेब द्वारा राणाडे, गांधी व जिन्ना पर प्रवचन (1943)

23 जनवरी : अहमदाबाद में डॉ. अम्बेडकर ने शांतिपूर्ण मार्च निकालकर सभा को संबोधित किया (1938)

24 जनवरी : राजर्षि छत्रपति साहूजी महाराज द्वारा प्राथमिक शिक्षा को मुफ्त व अनिवार्य करने का आदेश (1917)

24 जनवरी : कर्पूरी ठाकुर जयंती दिवस (1924)

26 जनवरी : गणतंत्र दिवस (1950)

27 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर का साउथ बरो कमीशन के सामने साक्षात्कार (1919)

29 जनवरी : महाप्राण जोगेन्द्रनाथ मण्डल जयंती दिवस (1904)

30 जनवरी : सत्यनारायण गोयनका का जन्मदिवस (1924)

31 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर द्वारा आंदोलन के मुखपत्र ‘‘मूकनायक’’ का प्रारम्भ (1920)

2024-01-13 11:08:05