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मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में मौत

भाई और बेटे ने दो दिन पहले जताई थी हत्या की आशंका
News

2024-03-29 09:35:02

संवाददाता

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद गैंगस्टर से नेता बने 63 वर्षीय मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात बांदा मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई। उन्हें उल्टी की शिकायत और बेहोशी की हालत में अस्पताल लाया गया था। अंसारी मऊ सदर सीट से पांच बार (दो बार बसपा उम्मीदवार और तीन बार निर्दलीय के रूप में) पूर्व विधायक रहे थे। उनके खिलाफ 65 आपराधिक मामले लंबित थे। उन्हें सितंबर 2022 से अब तक आठ मामलों में यूपी की विभिन्न अदालतों द्वारा सजा सुनाई गई थी और वर्तमान में वे बांदा जेल में बंद थे।

दरअसल, दो दिन पहले ही जब मुख्तार की हालत बिगड़ने पर उसे जेल से मेडिकल कॉलेज लाया गया था, तभी उसके भाई अफजाल और बेटे उमर अब्बास ने पिता की मौत की आशंका जताई थी। जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए था। अफजाल ने तो यह तक कहा था कि उसके भाई की हत्या का सातवीं बार प्रयास किया गया है। इस बार भी 19 मार्च को उन्हें खाने में जहर दिया गया था। वहीं बेटे उमर ने भी प्रशासन पर आरोप मढ़ते हुए कहा था कि उसे पिता से मिलना तो दूर शीशे से देखने तक नहीं दिया गया था। 40 दिन पहले भी उसे भोजन में जहर दिया गया। दस दिन पहले भी दोपहर के भोजन में जहर दिया गया। उनका आरोप है कि जेल अधिनियमों के विपरीत शासन प्रशासन कार्य कर रहा है। दरअसल, एमपीएमएलए कोर्ट गाजीपुर में पूर्व विधायक विजय सिंह को बचाने के लिए उनकी गवाही रोकी जा रही है इसलिए पेशी नहीं कराई जा रही। हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई।

उनके वकील रणधीर सिंह ने कहा कि कोर्ट है, देखते हैं आगे क्या होता है? जब उनसे मुख्तार के परिवार के बारे में पूछा गया तो वकील रणधीर सिंह ने बताया कि गाजीपुर से मुख्तार अंसारी का परिवार निकल चुका है, जो देर रात तक बांदा पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि मुख्तार अंसारी के बेटे, भाई समेत सभी लोग आ रहे हैं। देर रात तक वह यहां पहुंचेंगे।

मुख्तार की मौत से जुड़ी खबर आने के बाद से ही विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आने लगी। कई नेताओं ने मौत पर सवाल उठाते हुए जांच की मांग की है, तो वहीं कुछ नेता ये बात भी याद दिला रहे हैं कि मुख्तार अंसारी ने प्रशासन पर आरोप लगाया था और कहा था कि उसको धीमा जहर दिया गया है।

उच्च-स्तरीय जांच जरूरी: मायावती

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि मुख्तार अंसारी की जेल में हुई मौत को लेकर उनके परिवार द्वारा जो लगातार आशंकायें व गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उनकी उच्च-स्तरीय जांच जरूरी है, ताकि उनकी मौत के सही तथ्य सामने आ सकें। ऐसे में उनके परिवार का दु:खी होना स्वाभाविक है. कुदरत उन्हें इस दु:ख को सहन करने की शक्ति दे।

हर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व: अखिलेश यादव

अखिलेश यादव ने कहा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या कैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा। उन्होंने आगे कहा, थाने में बंद रहने के दौरान, जेल के अंदर आपसी झगड़े में, जेल के अंदर बीमार होने पर, न्यायालय ले जाते समय, अस्पताल ले जाते समय, अस्पताल में इलाज के दौरान, झूठी मुठभेड़ दिखाकर, झूठी आत्महत्या दिखाकर, किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर आदि ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जांच होनी चाहिए। अखिलेश यादव ने आगे कहा, सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह गैर कानूनी हैं। जो हुकूमत जिंदगी की हिफाजत न कर पाए उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

तेजस्वी यादव ने जताया दुख: बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अंसारी की मौत पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, यूपी के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की मौत का दुखद समाचार मिला। हम भगवान से प्रार्थना करेंगे कि दिवंगत आत्मा को शांति मिले और परिवार को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। तेजस्वी यादव ने आगे कहा, कुछ दिन पहले उन्होंने शिकायत की थी कि उन्हें जेल में जहर दिया गया है, फिर भी इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। प्रथम दृष्टया, यह उचित और मानवीय नहीं लगता है। संवैधानिक संस्थाओं को ऐसे अजीब मामलों और घटनाओं का स्वत: संज्ञान लेना चाहिए।

अंसारी की मौत कानून, संविधान, नैसर्गिक न्याय को दफन कर देने जैसा: पप्पू यादव

हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए बिहार के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने अंसारी की मौत को संस्थागत हत्या करार दिया और मामले में अदालत की निगरानी में जांच की मांग की। उन्होंने कहा, पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की सांस्थानिक हत्या। कानून, संविधान, नैसर्गिक न्याय को दफन कर देने जैसा है। उन्होंने आगे कहा, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इसका स्वत: संज्ञान लें! उनके दिशा-निर्देश में निष्पक्ष जांच हो। कई दिन से मुख्तार आरोप लगा रहे थे उन्हें जहर दिया जा रहा है। उनके सांसद भाई ने भी यह आरोप लगाया गया था। देश की संवैधानिक व्यवस्था के लिए अमिट कलंक है!

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01 जनवरी : मूलनिवासी शौर्य दिवस (भीमा कोरेगांव-पुणे) (1818)

01 जनवरी : राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले और राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले द्वारा प्रथम भारतीय पाठशाला प्रारंभ (1848)

01 जनवरी : बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा ‘द अनटचैबिल्स’ नामक पुस्तक का प्रकाशन (1948)

01 जनवरी : मण्डल आयोग का गठन (1979)

02 जनवरी : गुरु कबीर स्मृति दिवस (1476)

03 जनवरी : राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले जयंती दिवस (1831)

06 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. जयंती (1904)

08 जनवरी : विश्व बौद्ध ध्वज दिवस (1891)

09 जनवरी : प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख जन्म दिवस (1831)

12 जनवरी : राजमाता जिजाऊ जयंती दिवस (1598)

12 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. स्मृति दिवस (1939)

12 जनवरी : उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद ने बाबा साहेब को डी.लिट. की उपाधि प्रदान की (1953)

12 जनवरी : चंद्रिका प्रसाद जिज्ञासु परिनिर्वाण दिवस (1972)

13 जनवरी : तिलका मांझी शाहदत दिवस (1785)

14 जनवरी : सर मंगूराम मंगोलिया जन्म दिवस (1886)

15 जनवरी : बहन कुमारी मायावती जयंती दिवस (1956)

18 जनवरी : अब्दुल कय्यूम अंसारी स्मृति दिवस (1973)

18 जनवरी : बाबासाहेब द्वारा राणाडे, गांधी व जिन्ना पर प्रवचन (1943)

23 जनवरी : अहमदाबाद में डॉ. अम्बेडकर ने शांतिपूर्ण मार्च निकालकर सभा को संबोधित किया (1938)

24 जनवरी : राजर्षि छत्रपति साहूजी महाराज द्वारा प्राथमिक शिक्षा को मुफ्त व अनिवार्य करने का आदेश (1917)

24 जनवरी : कर्पूरी ठाकुर जयंती दिवस (1924)

26 जनवरी : गणतंत्र दिवस (1950)

27 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर का साउथ बरो कमीशन के सामने साक्षात्कार (1919)

29 जनवरी : महाप्राण जोगेन्द्रनाथ मण्डल जयंती दिवस (1904)

30 जनवरी : सत्यनारायण गोयनका का जन्मदिवस (1924)

31 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर द्वारा आंदोलन के मुखपत्र ‘‘मूकनायक’’ का प्रारम्भ (1920)

2024-01-13 11:08:05