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मायावती ने की इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की तारीफ

बोलीं, लोकतंत्र की रक्षा के लिए जरूरी था
News

2024-03-23 09:27:12

नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर जहां सुप्रीम कोर्ट के फैसले की जमकर तारीफ की वहीं दूसरी तरफ उन्होंने विपक्षी पार्टियों पर जमकर हमला भी बोला। उन्होंने बहुजन समाज पार्टी को छोड़कर अन्य राजनीतिक पार्टियों द्वारा चुनावी चंदा लेने पर कड़ी आलोचना की है। मायावती ने कहा कि रक्षा सौदों आदि में भ्रष्टाचार के बाद चर्चित गुप्त चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए जरूरी है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को महत्वपूर्ण बताते हुए शीर्ष कोर्ट की तारीफ की। उन्होंने कहा कि चुनावी चंदा लेने के नाम पर उनकी पार्टी इससे दूर है। इसलिए यूपी में चार बार बनी सरकार में बसपा ने जनकल्याण तथा गरीबी व पिछड़ेपन को दूर करने के लिए ऐतिहासिक पहल किए। मायावती ने कहा कि बीएसपी बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों के धनबल से दूर है। उन्होंने लोकसभा चुनाव में देशहित से जुड़े मुद्दों पर जोर दिया और महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी व पिछड़ेपन को लेकर बसपा सरकार की तरफदारी की।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि रक्षा सौदों आदि में भ्रष्टाचार के बाद चर्चित गुप्त चुनावी बॉन्ड से उगे धनबल द्वारा देश की राजनीति एवं चुनाव को भी जनहित व जनमत से दूर करने की प्रक्रिया के विरुद्ध माननीय सुप्रीम कोर्ट का ताजा फैसला महत्वपूर्ण, किन्तु संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए सतत प्रयास जरूरी है।

मायावती ने ने आगे लिखा कि जहां सहारा वहां इशारा, इससे बचने के लिए बीएसपी बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों के धनबल से दूर है और जिस कारण यूपी में चार बार बनी सरकार में जनहित, जनकल्याण तथा गरीबी व पिछड़ेपन को दूर करने के लिए ऐतिहासिक पहल किए, जबकि दूसरी पार्टियां अधिकतर स्वार्थ में ही लगी हैं। उन्होने आगे लिखा कि देश में अब लोकसभा के लिए हो रहे आमचुनाव में जन व देशहित में इन बातों का खास महत्व है तभी बहुजन हितैषी सरकार देश में बनकर लोगों को जानलेवा महंगाई, बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी व पिछड़ेपन के लाचार जीवन से मुक्ति मिल पाएगी, वरना गरीबों की गरीबी व अमीरों की अमीरी लगातार बढ़ती जाएगी।

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01 जनवरी : मूलनिवासी शौर्य दिवस (भीमा कोरेगांव-पुणे) (1818)

01 जनवरी : राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले और राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले द्वारा प्रथम भारतीय पाठशाला प्रारंभ (1848)

01 जनवरी : बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा ‘द अनटचैबिल्स’ नामक पुस्तक का प्रकाशन (1948)

01 जनवरी : मण्डल आयोग का गठन (1979)

02 जनवरी : गुरु कबीर स्मृति दिवस (1476)

03 जनवरी : राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले जयंती दिवस (1831)

06 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. जयंती (1904)

08 जनवरी : विश्व बौद्ध ध्वज दिवस (1891)

09 जनवरी : प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख जन्म दिवस (1831)

12 जनवरी : राजमाता जिजाऊ जयंती दिवस (1598)

12 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. स्मृति दिवस (1939)

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12 जनवरी : चंद्रिका प्रसाद जिज्ञासु परिनिर्वाण दिवस (1972)

13 जनवरी : तिलका मांझी शाहदत दिवस (1785)

14 जनवरी : सर मंगूराम मंगोलिया जन्म दिवस (1886)

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18 जनवरी : बाबासाहेब द्वारा राणाडे, गांधी व जिन्ना पर प्रवचन (1943)

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24 जनवरी : राजर्षि छत्रपति साहूजी महाराज द्वारा प्राथमिक शिक्षा को मुफ्त व अनिवार्य करने का आदेश (1917)

24 जनवरी : कर्पूरी ठाकुर जयंती दिवस (1924)

26 जनवरी : गणतंत्र दिवस (1950)

27 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर का साउथ बरो कमीशन के सामने साक्षात्कार (1919)

29 जनवरी : महाप्राण जोगेन्द्रनाथ मण्डल जयंती दिवस (1904)

30 जनवरी : सत्यनारायण गोयनका का जन्मदिवस (1924)

31 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर द्वारा आंदोलन के मुखपत्र ‘‘मूकनायक’’ का प्रारम्भ (1920)

2024-01-13 11:08:05