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बाबा साहेब के संविधान की बदौलत ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को मिली उड़ान

‘‘मैं किसी समुदाय की प्रगति को महिलाओं द्वारा हासिल की गई प्रगति के स्तर से मापता हूं।’’ -बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर
News

2025-05-10 16:52:29

भारतीय संस्कृति के मुताबिक मनुस्मृति में निहित ब्राह्मण संस्कृति की वैधानिक मान्यताएं महिलाओं को किसी भी क्षेत्र में बराबर का अधिकार नहीं देती। मनुस्मृति की मान्यताओं के आधार पर सभी वर्ग की महिलाओं को तुच्छ समझा गया है और उन्हें सभी प्रकार के अधिकारों से भी वंचित रखा गया है। बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर द्वारा निर्मित भारत के संविधान में महिला हो या पुरुष सभी को सभी प्रकार का सामान दर्जा हासिल है। भारतीय संविधान की बदौलत ही श्रीमती इन्दिरा गांधी प्रधानमंत्री बन पायीं। वर्तमान में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू भी एक जनजातीय समुदाय की महिला हैं। ये सब भारत के गौरवशाली पदों पर आसीन होना बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर के संविधान की बदौलत ही संभव हुआ है। मनुवादी और संघी संस्कृति में यह सब कुछ होना संभव नहीं था और न आज भी संभव है। आज भारत की अनेकों संस्थाओं में महिलाएँ उच्च शिक्षित होकर बड़े-बड़े सरकारी उपक्रमों को चला रही है। बड़ी-बड़ी वैज्ञानिक है, देश की सेवाओं में उच्च पदों पर आसीन है। अभी हाल में सभी ने देखा की भारत की दो महिलाओं ने कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने आतंकियों के हमले को परास्त करने के लिए अग्रणीय भूमिका निभाई। दोनों ही महिलाएँ सैन्य अफसर है ंऔर पूरा देश आज उनपर गर्व कर रहा है और आगे भी करता रहेगा। संविधान के प्रावधानों के तहत यह संभव हो सका है कि महिला और पुरुषों में किसी भी भेदभाव की गुंजाइश नहीं है। बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर के संविधान ने सभी को समान अवसर देकर महिला और पुरुषों के बीच के भेद को मिटा दिया है। वास्तविकता के आधार पर देखा जाये तो मनुस्मृति को संविधान ने एक पाखंड आधारित विषमतावादी ग्रंथ सिद्ध कर दिया है। बहुजन स्वाभिमान संघ देश की दोनों सैन्य अफसरों को दिल से सेल्यूट करता है और उनके भविष्य के लिए मंगल कामना भी करता है।

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01 जनवरी : मूलनिवासी शौर्य दिवस (भीमा कोरेगांव-पुणे) (1818)

01 जनवरी : राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले और राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले द्वारा प्रथम भारतीय पाठशाला प्रारंभ (1848)

01 जनवरी : बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा ‘द अनटचैबिल्स’ नामक पुस्तक का प्रकाशन (1948)

01 जनवरी : मण्डल आयोग का गठन (1979)

02 जनवरी : गुरु कबीर स्मृति दिवस (1476)

03 जनवरी : राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले जयंती दिवस (1831)

06 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. जयंती (1904)

08 जनवरी : विश्व बौद्ध ध्वज दिवस (1891)

09 जनवरी : प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख जन्म दिवस (1831)

12 जनवरी : राजमाता जिजाऊ जयंती दिवस (1598)

12 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. स्मृति दिवस (1939)

12 जनवरी : उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद ने बाबा साहेब को डी.लिट. की उपाधि प्रदान की (1953)

12 जनवरी : चंद्रिका प्रसाद जिज्ञासु परिनिर्वाण दिवस (1972)

13 जनवरी : तिलका मांझी शाहदत दिवस (1785)

14 जनवरी : सर मंगूराम मंगोलिया जन्म दिवस (1886)

15 जनवरी : बहन कुमारी मायावती जयंती दिवस (1956)

18 जनवरी : अब्दुल कय्यूम अंसारी स्मृति दिवस (1973)

18 जनवरी : बाबासाहेब द्वारा राणाडे, गांधी व जिन्ना पर प्रवचन (1943)

23 जनवरी : अहमदाबाद में डॉ. अम्बेडकर ने शांतिपूर्ण मार्च निकालकर सभा को संबोधित किया (1938)

24 जनवरी : राजर्षि छत्रपति साहूजी महाराज द्वारा प्राथमिक शिक्षा को मुफ्त व अनिवार्य करने का आदेश (1917)

24 जनवरी : कर्पूरी ठाकुर जयंती दिवस (1924)

26 जनवरी : गणतंत्र दिवस (1950)

27 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर का साउथ बरो कमीशन के सामने साक्षात्कार (1919)

29 जनवरी : महाप्राण जोगेन्द्रनाथ मण्डल जयंती दिवस (1904)

30 जनवरी : सत्यनारायण गोयनका का जन्मदिवस (1924)

31 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर द्वारा आंदोलन के मुखपत्र ‘‘मूकनायक’’ का प्रारम्भ (1920)

2024-01-13 16:38:05