2022-10-21 11:16:27
अमित प्रकाश/नई दिल्ली। भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में लगातार दलित उत्पीडन व भेदभाव की चरम पर हैं ऐसा ही एक मामला बागपत जिले के भैडापुर ग्राम में सामने आया है जहां पर एक दलित महिला की मौत होने के बाद उसके अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट भी नसीब नहीं हुआ। खबर के अनुसार केला देवी पत्नि हरीश चन्द्र की शुक्रवार सुबह बीमारी के चलते मौत हो गई थी जिसके बाद उसके अंतिम संस्कार के लिए शमशान की जरूरत पड़ी परंतु गांव में एक भी शमशान घाट नहीं होने की वजह से परिजन शव को लेकर इधर-उधर भटकते रहे और परेशान होकर उन्होंने शव को सड़क पर रखकर करीब 6 घंटे से अधिक शासन-प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर एसडीएम और डीएम का ध्यान समस्या की ओर आर्कषित किया। परंतु फिर भी कोई सही समाधान न निकलने के कारण उनका अंतिम संस्कार सड़क किनारे ही खेत में करना पड़ा। यह खबर बड़ी दर्दनाक है कि गांव में शमशान नहीं है जोकि एक आवश्यक जरूरत है जबकि गांव में शमशान के लिए जमीन भी नामित है। परंतु वहां पर किसी और का कब्जा है, मुकदमा भी उस जमीन पर चल रहा है। परंतु आज तक उसका कोई उचित समाधान नहीं निकल पाया है। गांव के गणमान्य व्यक्तियों का प्रशासन से अनुरोध है कि इस समस्या का जल्द से जल्द हल निकाला जाये ताकि अब किसी शव को इस तरह खुले खेत में रखकर न जलाया जाये। क्योंकि गांव में मौजूद कई वर्गों के पास अपने खुद के खेत मौजूद हैं तो वे वहां पर अपने परिजनों के शव को जला लेते हैं लेकिन वहीं गांव में कुछ बेहद गरीब लोग भी रहते हैं जिनके पास न तो खुद का मकान है और ना ही कोई खेत तो ऐसे में इन लोगों को अंतिम संस्कार कराने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है क्योंकि बाकी वर्ग के लोग उनको अंतिम संस्कार के लिए अपने खेत देने को भी राजी नहीं होते है।
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