Friday, 15th November 2024
Follow us on
Friday, 15th November 2024
Follow us on

प्रतिमा वहीं लगेगी

बाबा साहेब के सम्मान में जंतर-मंतर पर एकजुट हुआ बहुजन समाज
News

2024-08-08 13:54:08

संवाददाता

नई दिल्ली। संसद भवन परिसर में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा उसी स्थान पर उसी स्थिति में पुन: स्थापित कराने के लिए ‘डॉ. बी. आर अम्बेडकर प्रतिमा पुनर्स्थापन संघर्ष समिति’ के तत्वाधान में सभी सामाजिक संगठनों का घटक मोर्चा बनाकर 9 अगस्त को जंतर-मंतर पर जोरदार प्रदर्शन हो रहा है। क्या है मामला?

दरअसल, अब की बार 400 पार के अहंकार और तानाशाही मे डूबी केंद्र की सरकार ने 4 जून को लोक सभा चुनाव परिणाम घोषित होने की तारीख की पूर्व संध्या पर यानि कि 3 जून की रात के अंधेरे में परम पूज्य भारत रत्न बौधिसत्व बाबा साहेब डॉ. भीम राव अम्बेड़कर जी, राष्ट्रपिता महात्मा गॉधी, राष्ट्रपिता ज्योति राव फुले, छत्रपति शिवाजी महाराज और भगवान बिरसा मुण्डा जी की प्रतिमाओं को संसद परिसर के प्रांगण से लोक सभा सचिवालय को निर्देशित करके संकीर्ण मानसिकता और एक सुनियोजित षड़यंत्र के तहत हटवा दिया था। इन प्रतिमाओं में से बाबा साहेब की प्रतिमा को संसद परिसर में लगवाने के लिए कई वर्षो तक, परिनिर्वाण प्राप्त आदर और सम्मान के योग्य तत्कालीन बहुजन नेता श्री बी.पी. मौर्या जी की कुशल और डायनेमिक लिड़रशिप मे जेल भरो आंदोलन चला था। तब जाकर ये प्रतिमा संसद भवन के परिसर मे 2 अप्रैल 1967 को स्थापित हो पायी थी। इस प्रतिमा के संसद भवन प्रांगण में लगे रहने का ही प्रतिफल है कि वर्ष में 14 अप्रैल और 6 दिसम्बर को संसंद भवन के दरवाजें आम जन के लिए खोले जाते है। 14 अप्रैल और 6 दिसम्बर को हर वर्ष बाबा साहेब में श्रद्धा और आस्था रखने वाले अम्बेड़करवादियों की लगातार बढ़ती और उमड़ती हुई लाखों की भीड से भयभीत होकर केंद्र सरकार के इशारे पर इस कृत्य को अंजाम दिया गया है। जिससे देश विदेश मे रहने वाले करोड़ों-करोड़ों अम्बेडकरवादियों की श्रद्धा और भावनाओं को ठेस पहुंची है और पूरे देश मे जबरदस्त रोष और आक्रोष व्याप्त है।

बाबा साहेब की प्रतिमा को फिर से उसी स्थान पर उसी आकार में पुन: स्थापित कराने के लिए बहुजन समाज लगातार मांग कर रहा है। जिसके लिए ‘डॉ. अम्बेडकर प्रतिमा पुनर्स्थापना संघर्ष समिति’ भी गठित की है जो 9 अगस्त 2024 को जंतर-मंतर पर देशव्यापी जन आंदोलन व संसद का घेराव कर रही है।

संगठनों ने गांव-गांव, घर-घर जाकर लोगों को किया जागरूक

‘डॉ. बी. आर अम्बेडकर प्रतिमा पुनर्स्थापन संघर्ष समिति’ में मौजूद करीब 51 संगठनों ने गांव-गांव व घर-घर जाकर लोगों को इस घटना के बारे में बताया और उन्हें जागरूक भी किया साथ ही लोगों से इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए भारी से भारी संख्या में जंतर-मंतर पर पहुंचने की अपील की।

जब तक प्रतिमा नहीं लग जाती जारी रहेगा प्रदर्शन

आंदोनकारियों का कहना है कि जब तक संसद भवन के प्रांगण में बाबा साहेब की प्रतिमा उसी जगह, उसी मुद्रा में, उसी ऊंचाई पर नहीं लग जाती तब तक हमारा यह आंदोलन जारी रहेगा। आगे यह आंदोलन और भी तेज होगा।

नकली बहुजन नेताआें ने किया निराश

लोकसभा 2024 के चुनाव से पहले देश में बहुत सारे नकली बहुजन नेता वोट मांगने के लिए गली-गली बहुजन समाज के सामने बाबा साहेब की प्रतिमा व संविधान की प्रति गले लगाये घूम रहे थे। जब बहुजन समाज ने इन नेताआें को चुनाव जीताकर संसद में पहुंचा दिया तब भी इन नेताओं की नौंटकी शपथ ग्रहण समारोह में देखने को मिली जहां यह सभी नकली बहुजन नेता हाथ में संविधान की प्रति लेकर शपथ लेते नजर आये। लेकिन कुर्सी मिलने पर किसी भी नेता ने बाबा साहेब की प्रतिमा पुर्नस्थापन के मुद्दे पर अपनी आवाज नहीं उठायी। ऐसे नकली बहुजन नेताओं से समाज निराश है और वह आगे इन नेताओं को सबक जरूर सिखायेगा।

बन सकते हैं बांग्लादेश जैसे हालात!

एक अन्य आंदोलनकारी ने कहा कि अगर देश की संघी मोदी सरकार हमारी न्यायोचित मांगों को स्वीकार नहीं करती तो हमारा यह आंदोलन यथावत चलता रहेगा। जैसा की हाल ही में पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में सरकार के खिलाफ जो असहमति की आग जनता में जली है उसका परिणाम वहां की मौजूदा सरकार ने बुरी तरह भुगता है। अगर मोदी संघी सरकार नहीं मानी व नहीं चेती तो यह हाल यहां भी हो सकता है।

दुनिया में बढ़ रहा बाबा साहेब का कद, देश में घटाया जा रहा

बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर सिर्फ भारत के ही मसीहा नहीं, बल्कि पूरा विश्व उन्हें एक मानवतावादी, समतावादी, सुधारवादी मार्गदर्शक के रूप में मानता और जानता है। जिसका ज्वलंत उदाहरण हाल ही में अमेरिका के मैरीलैंड शहर में बाबा साहेब की 19 फीट ऊंची प्रतिमा (स्टैच्यू आॅफ इक्वालिटी) का अनावरण किया गया। यह प्रतिमा अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर (एआईसी) द्वारा अंबेडकर मेमोरियल प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जो वर्तमान में मैरीलैंड के एकोकेक शहर में 13 एकड़ के विशाल विस्तार पर निमार्णाधीन है। वहीं चीन में बाबा साहेब की करीब 450 फीट ऊंची प्रतिमा लगाई गई है। विश्व के करीब 20 से अधिक बड़े देशों में बाबा साहेब की प्रतिमा लगाई जा चुकी है। करीब 192 देशों में बाबा साहेब की जयंती भी बड़ी धूम-धाम से मनाई जाती है। वहीं भारत में जब से संघी मानसिकता की सरकारें हैं तब से लगातार बाबा साहेब के कद को छोटा करने का प्रयास निरंतरा के साथ किया जा रहा है। जिसके फलस्वरूप ही पुराने संसद भवन के प्रागंण में लगी बाबा साहेब की 20 फीट ऊंची प्रतिमा को उसके मूल स्थान से हटाकर दूसरी जगह पर रख दिया गया है।

अब जुल्मों को और नहीं सहेगा बहुजन समाज

बहुजन समाज पर सदियों से चले आ रहे ब्राह्मणी संस्कृति के उत्पीड़न और अत्याचार अब समाज की युवा पीढ़ी और नहीं सहेगी अब यह पीढ़ी इस उत्पीड़न और अत्याचार के खिलाफ किसी भी हद तक जाकर संघर्ष करेगा और इससे छुटकारा पाने के लिए यथासंभव हर प्रकार की कोशिश भी करेगी। बहुजन समाज आज पिटने के लिए तैयार नहीं है बल्कि वह अब र्इंट का जबाव पत्थर से देने की कर रहा है।

Post Your Comment here.
Characters allowed :


01 जनवरी : मूलनिवासी शौर्य दिवस (भीमा कोरेगांव-पुणे) (1818)

01 जनवरी : राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले और राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले द्वारा प्रथम भारतीय पाठशाला प्रारंभ (1848)

01 जनवरी : बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा ‘द अनटचैबिल्स’ नामक पुस्तक का प्रकाशन (1948)

01 जनवरी : मण्डल आयोग का गठन (1979)

02 जनवरी : गुरु कबीर स्मृति दिवस (1476)

03 जनवरी : राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले जयंती दिवस (1831)

06 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. जयंती (1904)

08 जनवरी : विश्व बौद्ध ध्वज दिवस (1891)

09 जनवरी : प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख जन्म दिवस (1831)

12 जनवरी : राजमाता जिजाऊ जयंती दिवस (1598)

12 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. स्मृति दिवस (1939)

12 जनवरी : उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद ने बाबा साहेब को डी.लिट. की उपाधि प्रदान की (1953)

12 जनवरी : चंद्रिका प्रसाद जिज्ञासु परिनिर्वाण दिवस (1972)

13 जनवरी : तिलका मांझी शाहदत दिवस (1785)

14 जनवरी : सर मंगूराम मंगोलिया जन्म दिवस (1886)

15 जनवरी : बहन कुमारी मायावती जयंती दिवस (1956)

18 जनवरी : अब्दुल कय्यूम अंसारी स्मृति दिवस (1973)

18 जनवरी : बाबासाहेब द्वारा राणाडे, गांधी व जिन्ना पर प्रवचन (1943)

23 जनवरी : अहमदाबाद में डॉ. अम्बेडकर ने शांतिपूर्ण मार्च निकालकर सभा को संबोधित किया (1938)

24 जनवरी : राजर्षि छत्रपति साहूजी महाराज द्वारा प्राथमिक शिक्षा को मुफ्त व अनिवार्य करने का आदेश (1917)

24 जनवरी : कर्पूरी ठाकुर जयंती दिवस (1924)

26 जनवरी : गणतंत्र दिवस (1950)

27 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर का साउथ बरो कमीशन के सामने साक्षात्कार (1919)

29 जनवरी : महाप्राण जोगेन्द्रनाथ मण्डल जयंती दिवस (1904)

30 जनवरी : सत्यनारायण गोयनका का जन्मदिवस (1924)

31 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर द्वारा आंदोलन के मुखपत्र ‘‘मूकनायक’’ का प्रारम्भ (1920)

2024-01-13 11:08:05