2024-06-01 11:41:21
प्रकाश चंद
मोदी जी का मानसिक चरित्र देश के सामाजिक ताने-बाने के साथ मेल नहीं खाता है। वे लंबे समय तक संघ के प्रचारक रहकर राजनीति में आये हैं। अपनी राजनीतिक पारी के तहत वे 13 वर्षों से अधिक समय तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे, 2002 में उनके मुख्यमंत्रित्व काल में भीषण सांप्रदायिक दंगे हुए और उसके बाद 2014 से देश के प्रधानमंत्री है। उनके राजनीति दर्शन में ब्राह्मणवाद और पाखंडवाद सबसे प्रमुख तत्व है। मोदी जी जानते हैं कि मंदिरों, गुफाओं में ध्यान लगाने, इधर-उधर धार्मिक स्थानों पर घूमने से जनता का भला नहीं होता है लेकिन जनता को अपने फायदे के लिए बरगलाया जरूर जा सकता है। जनता का भला सिर्फ सरकार की योजनाओं के द्वारा ही किया जा सकता है। मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए जनता के मुद्दों पर कोई ध्यान नहीं दिया था और न वे जबसे देश के प्रधानमंत्री है, उन्होंने जनता से जुड़े मुद्दों व समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत समझी और न उन मुद्दो पर वे कोई बात करते हैं। अगर देश की जनता उनके सामने सामाजिक मुद्दे रखती है तो वे उन्हें इधर-उधर की बात करके बरगला देते हैं। यह संघी तानाशाहों की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। पिछले कुछ समय से मोदी जी अध्यात्म के नाम पर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले वर्ष केदारनाथ की गुफाओं में ध्यान के नाम पर पाखंड को खूब प्रदर्शित और प्रचारित किया। उसके बाद उन्होंने राम मंदिर के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया, देश की जनता को उल्लू बनाया और राम मंदिर अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के नाम पर पूरे देश में सरकार समर्थित प्रचार तंत्र के माध्यम से देशवासियों को अद्भुत नजारा पेश करके ठगने की कोशिश की। ये सबकुछ मोदी जी ने 18वीं लोकसभा के आम चुनाव को ध्यान में रखकर जनता को अपने जाल में फँसाने के लिए किया था। लेकिन देश की जनता को मोदी जी का यह षड्यंत्रकारी प्रचार रास नहीं आया। देश की जनता ने मोदी जी के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को सिरे से नकार दिया। मोदी जी राम मंदिर के सहारे तीसरी बार देश की सत्ता हासिल करने की योजना पर काम कर रहे है लेकिन सबकुछ उनकी मंशा के मुताबिक नहीं चल सका उनके झूठ व छलावों ने मोदी को देश की जनता के सामने नगा कर दिया। मोदी की छलावामयी नाटकबाजी में अब देश और अधिक फँसता हुआ नहीं दिख रहा है। लोकसभा के आम चुनाव को सात चरणों में खींचकर कराने की शायद यह योजना रही होगी कि उनके संघी साथियों द्वारा देश में पाखंड के प्रचार-प्रसार को फैलाने के लिए अधिक समय मिल जाएगा? परंतु इसका परिणाम उनकी मानसिकता के अनुरूप होता नहीं दिखा। विभिन्न सर्वेक्षण व सोशल मीडिया आंकलनों के आधार पर मोदी जी इस चुनाव में हार का सामना करने जा रहे हैं। शायद वे सत्ता से बाहर होने जा रहे हैं इसलिए मोदी जी ने सातवें (अंतिम) चरण में अपनी पार्टी के लिए कोई प्रचार नहीं किया वे देश के लोगों को उल्लू समझकर कन्याकुमारी चले गए और वहाँ पर विवेकानन्द रॉक के मंडप में आध्यात्मिक ध्यान लगाने की पाखंडी घोषणा कर दी।
मोदी जी आज कन्याकुमारी में विवेकानन्द रॉक पर पाखंड कृत ध्यान लगाने का प्रदर्शन कर रहे है। सरकार का कोई कामकाज नहीं कर रहे हैं। उनके इस आध्यात्मिक ध्यान प्रदर्शन के लिए करीब 2000 पुलिसकर्मी व अन्य सभी जरूरी संसाधन जुटाये गए है। जिनका पूरा खर्च देश की जनता के टैक्स से दिया जाएगा और मोदी जी जनता के पैसे से अपना व्यक्तिगत आनंद लेंगे। 1 जून की वोटिंग से पहले ही मोदी जी दिल्ली से अपनी किसी छिपी योजना के तहत कन्याकुमारी के लिए रवाना हुए हैं उनके अचानक चले जाने से देश की जनता के मन में कुछ सवाल उठ रहे हैं। पहला सवाल यह है कि मोदी जी ने सेना प्रमुख मनोज पाण्डेय जी जो 31 मई को रिटायर होने वाले थे उनका कार्यकाल एक महीने बढ़ा दिया है, अपने चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को जैड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान कर दी है तथा साथ ही संसद की सुरक्षा व्यवस्था में भी फेर-बदल किया है। सीआरपीएफ से संसद की सुरक्षा का दायित्व हटाकर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को सौंप दिया गया है। इन सब बदलावों की इस समय जरूरत नही होनी चाहिए थी चूंकि चुनाव हो चुका है और देश को जून के 5-7 दिनों के अंदर पता लग जाएगा कि सरकार किसकी बननी है। मोदी जी कुछ दिन अगर इनके लिए इंतजार कर लेते तो अच्छा होता मगर किसी को नहीं पता कि उनके मन में क्या चल रहा है? वे एक निरंकुश मानसिकता के शासक है और निरंकुश शासक आसानी से सत्ता नहीं छोड़ता है, देश की जनता के मन में इन सभी सवालों को लेकर लोकतंत्र खतरे में दिखाई दे रहा है। मोदी जी अगर इस प्रजातन्त्र के चुनाव के बाद कुछ असंवैधानिक षड्यंत्र रचने की संरचना में लगे हैं तो पूरे देश के देशप्रेमियों व देशभक्तों को मोदी द्वारा किसी भी अप्रिय षड्यंत्र के विरुद्ध एकजुट रहकर मुकाबले के लिए तैयार रहना होगा और मोदी जी के संविधान विरोधी षड्यंत्र को सफल नहीं होने देना होना।
देशहित में आशा करते हैं कि मोदी जी सत्ता से बाहर होने पर एक कुशल राजनैतिक की तरह त्यागपत्र देंगे और सत्ता का हस्तांतरण जीतने वाली पार्टी के पास जाएगा। देश की आम जनता से अपील है कि वे पाखंड को लोगों में फैलाने से बचे। वैज्ञानिक सोच को समाज में स्थापित करें, अपने व दूसरे के बच्चों को वैज्ञानिक सोच वाला बनाये। विवेकानन्द जी ने ब्राह्मणवादी हिंदुत्व के बारे में अमेरिका के शिकांगों से विश्व धर्म संसद से लौटने के बाद हिन्दू धर्म पर टिप्पणी की थी कि ऐसे हिन्दू धर्म को जनता द्वारा पैरों तले कुचल देना चाहिए चूंकि इसमें समता, समानता व भाईचारा नहीं है, शिकांगों में जब वे धर्म संसद में भाग लेने के लिए हिंदु धर्म के प्रतिनिधि के रूप में गए थे। लेकिन धर्म संसद के आयोजकों ने विवेकानन्द जी से जब हिन्दू धर्म का प्रतिनिधि होने का प्रमाण पत्र माँगा तो वह उनके पास नहीं था। भारत के ब्राह्मणी ठेकेदारों (शंकराचार्य) को टेलीग्राम के माध्यम से प्रमाण पत्र देने को कहा गया था तो शंकराचार्य जी ने विवेकानन्द जी के प्रार्थना पत्र को यह कहकर ठुकरा दिया था कि तुम कायस्थ जाति के हो इसलिए हिन्दू धर्म का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते। चूंकि हिन्दू धर्म का प्रतिनिधित्व करने के लिए कुलीन ब्राह्मण होना आवश्यक है। ऐसा होने पर उनको शिकांगों की धर्म संसद में बोलने के लिए श्रीलंका के बौद्ध भिक्षु को बोलने के लिए जो समय मिला था उस बौद्ध भिक्षु ने अपने समय में से 5 मिनट का समय विवेकानन्द जी को दिया था तब वे वहाँ बोल पाये थे।
वास्तविकता के आधार पर हिन्दू धर्म मानवता विरोधी है, देश और समाज के विकास का विरोधी है, देश और समाज को आपस में बाँटता है, मनुष्य की गरिमा का विरोधी है, हिन्दू धर्म भाईचारा, सामाजिक एकता व सद्भाव का भी विरोधी है। मोदी जी ऐसी ही ब्राह्मणवादी व्यवस्था को देश में स्थापित करने में लगे हैं। देश के बुद्धिजीवियों को देशहित को सर्वोपरि मानते हुए मोदी के तथाकथित आध्यात्मिक प्रपंचों व पाखंडों को नकारना चाहिए और देश के सभ्य व बुद्धिमान लोगों को मोदी के किसी भी पाखंडी प्रपंच पर ध्यान नहीं देना चाहिए। देशवासियों के ज्ञान आधारित कर्मों से ही देश महान और विकसित बनेगा, खाली लफबाजी, झूठों से कुछ भी नहीं बनेगा। जागो देशवासियों, जागो यह देश तुम सबका है, इसे तुम सब मिलकर जैसा चाहो वैसा बना सकते हो।
Monday - Saturday: 10:00 - 17:00 | |
Bahujan Swabhiman C-7/3, Yamuna Vihar, DELHI-110053, India |
|
(+91) 9958128129, (+91) 9910088048, (+91) 8448136717 |
|
bahujanswabhimannews@gmail.com |