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नूंह दंगे पर बीजेपी सरकार पर बरसीं बसपा चीफ मायावती, कहा

मणिपुर की तरह हरियाणा में भी ध्वस्त है कानून व्यवस्था
News

2023-08-04 11:19:23

लखनऊ। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है कि देश की राजधानी दिल्ली के नजदीक हरियाणा में सांप्रदायिक दंगा भड़कना और गुड़गांव आदि में इसका बिना रोक टोक फैल जाना बेहद दुखद है। लोगों की संपत्तियों की भारी हानि होने से यह साबित होता है कि हरियाणा में मणिपुर की तरह ही कानून व्यवस्था ध्वस्त है। वहां का खुफिया तंत्र निष्क्रिय है। कहा कि केंद्र सरकार इस मामले में हरियाणा की मदद करे।

मायावती ने बुधवार को बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि जैसा हरियाणा राज्य का दावा है दंगा विहिप आदि की यात्रा पर पथराव को लेकर शुरू हुआ। इससे यह स्पष्ट है कि हरियाणा सरकार यात्रा को सुरक्षा देने में विफल रही है। कुल मिलाकर इससे वहां की सरकार की नीति, नीयत व कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं। जब वहां की सरकार प्रस्तावित यात्रा, जुलूस तक को सुरक्षा नहीं दे सकती है तो ऐसे आयोजन की अनुमति ही क्यों देती है। यह वह सवाल है जिसे हर सरकार को अपने आप से पूछना चाहिए।

नूंह की घटना को देखकर लग रहा है कि हरियाणा के पास दंगा व उसे लेकर आगे भड़क रही हिंसा को रोकने की नीयत का अभाव है जो चिंता जनक है। वैसे भी मणिपुर हो या हरियाणा समेत अन्य राज्यों की शर्मनाक घटनाएं, दंगा एवं हिंसा को राजनीति तथा संकीर्ण स्वार्थ पूर्ति का साधन बनने की अनुमति किसी भी राज्य सरकार को नहीं देनी चाहिए। लोगों की जान माल और मजहब की सुरक्षा राज्य सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी बनती है। बसपा ने चार बार हुकूमत कर प्रदेश में कानून व्यवस्था बेहतरीन बनाई। उन्होंने यह भी कहा कि यूपी में हमारी चार बार सरकार रही तो हमने कानून-व्यवस्था सही करके दिखाया है। हरियाणा की सरकार को प्रदेश में सांप्रदायिक सद्भाव और आपसी भाईचारे के लिए कोशिशें करनी चाहिए। इसके लिए केंद्र सरकार को भी आगे आना चाहिए ताकि हालात खराब न हो। लोगों की जानमाल के साथ धर्म की सुरक्षा करना राज्य सरकार की पहली संवैधानिक जिम्मेदारी बनती है। मैं लोगों से अपील करती हूं कि वो शांति-व्यवस्था बनाए रखें।

वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हरियाणा की हिंसा पर भाजपा सरकार को घेरा है। उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट किया, हरियाणा की हिंसा, मणिपुर के बाद डबल इंजन सरकार की नाकामी का एक और उदाहरण है। सरकार के रूप में भाजपा का इंजन फेल हो गया है। वहीं, समाजवादी मीडिया सेल ने गोरखपुर में दिव्यांग को जिंदा जलाने की घटना पर योगी सरकार को कानून व्यवस्था के मुद्दे पर घेरा है।

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01 जनवरी : मूलनिवासी शौर्य दिवस (भीमा कोरेगांव-पुणे) (1818)

01 जनवरी : राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले और राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले द्वारा प्रथम भारतीय पाठशाला प्रारंभ (1848)

01 जनवरी : बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा ‘द अनटचैबिल्स’ नामक पुस्तक का प्रकाशन (1948)

01 जनवरी : मण्डल आयोग का गठन (1979)

02 जनवरी : गुरु कबीर स्मृति दिवस (1476)

03 जनवरी : राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले जयंती दिवस (1831)

06 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. जयंती (1904)

08 जनवरी : विश्व बौद्ध ध्वज दिवस (1891)

09 जनवरी : प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख जन्म दिवस (1831)

12 जनवरी : राजमाता जिजाऊ जयंती दिवस (1598)

12 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. स्मृति दिवस (1939)

12 जनवरी : उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद ने बाबा साहेब को डी.लिट. की उपाधि प्रदान की (1953)

12 जनवरी : चंद्रिका प्रसाद जिज्ञासु परिनिर्वाण दिवस (1972)

13 जनवरी : तिलका मांझी शाहदत दिवस (1785)

14 जनवरी : सर मंगूराम मंगोलिया जन्म दिवस (1886)

15 जनवरी : बहन कुमारी मायावती जयंती दिवस (1956)

18 जनवरी : अब्दुल कय्यूम अंसारी स्मृति दिवस (1973)

18 जनवरी : बाबासाहेब द्वारा राणाडे, गांधी व जिन्ना पर प्रवचन (1943)

23 जनवरी : अहमदाबाद में डॉ. अम्बेडकर ने शांतिपूर्ण मार्च निकालकर सभा को संबोधित किया (1938)

24 जनवरी : राजर्षि छत्रपति साहूजी महाराज द्वारा प्राथमिक शिक्षा को मुफ्त व अनिवार्य करने का आदेश (1917)

24 जनवरी : कर्पूरी ठाकुर जयंती दिवस (1924)

26 जनवरी : गणतंत्र दिवस (1950)

27 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर का साउथ बरो कमीशन के सामने साक्षात्कार (1919)

29 जनवरी : महाप्राण जोगेन्द्रनाथ मण्डल जयंती दिवस (1904)

30 जनवरी : सत्यनारायण गोयनका का जन्मदिवस (1924)

31 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर द्वारा आंदोलन के मुखपत्र ‘‘मूकनायक’’ का प्रारम्भ (1920)

2024-01-13 11:08:05