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देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनीं द्रौपदी मुर्मू

News

2022-08-23 08:49:10

नई दिल्ली। द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति होंगी। वे इस सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। गुरुवार को हुई मतगणना में एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी ने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को तीसरे राउंड की गिनती में ही हरा दिया।

बहुजन समाज के घटक आदिवासी समाज से आने वाली द्रौपदी मुर्मू को भारत का राष्ट्रपति चुने जाने पर बहुजन स्वाभिमान संघ की तरफ से हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। आज देश में हिंदुत्ववादी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की सरकार है जिसका मुख्य उद्देश्य संविधान को कमजोर करके मनुवादी ताकतों को मजबूत करना है।

आपके राष्ट्रपति चुने जाने पर पूरा बहुजन समाज (दलित, आदिवासी, अतिपिछड़ा, अल्पसंख्यक) आपकी सफलता की कामना करते हुए आशा करता है की आप भाजपा के मनुवादी षड़यंत्र में नहीं फसेंगी। चूंकि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ षड़यंत्र रचने में निपुण है। जिसके आधार पर ये निपुण से निपुण व्यक्ति को भी भरमित करने मैं महारत रखते है।

हम आशा करते हैं की आप भारत के पूर्व राष्ट्रपति माननीय के आर नारायणन जी की तरह संविधान की मर्यादाओं के अंदर रहते हुए कार्य करेंगी और संविधान की रक्षा के लिए भरसक प्रयास करेंगी चूंकि पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद बहुजन समाज की आशाआें पर खरे नहीं उतरे हैं। आप जानती है की बहुजन समाज के महापुरूषों ने कभी भी असमानता से कार्य नहीं किया। उन्होंने हमेशा समाज में समानता, भाईचारे, न्याय, स्वंत्रतता, मानवता और मनुष्य की गरिमा के लिए संघर्ष किया। कभी भी बदले की भावना से कोई काम नहीं किया है और यह ही बड़ा फर्क है कि हिंदुत्व के तथाकथित महापुरूषों और बहुजन समाज के महापुरूषों में हमे इस गरिमा को बनाए रखना चाहिए।

मौका मिलने पर अगर मनुष्य अपनी क्षमता का लोकहित में भरपूर प्रदर्शन करने का हौंसला रखता है तो वह महान बन जाता है और जो मौका मिलने पर भी माननीय कोविंद जी की तरह ही गुलामी का प्रदर्शन करता है तो उसे कोई याद भी नहीं रखता। इन्ही शब्दों के साथ हम आपकी भारत का सफलतम राष्ट्रपति होने की कामना करते है।

जय भीम, जय संविधान।

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01 जनवरी : मूलनिवासी शौर्य दिवस (भीमा कोरेगांव-पुणे) (1818)

01 जनवरी : राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले और राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले द्वारा प्रथम भारतीय पाठशाला प्रारंभ (1848)

01 जनवरी : बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा ‘द अनटचैबिल्स’ नामक पुस्तक का प्रकाशन (1948)

01 जनवरी : मण्डल आयोग का गठन (1979)

02 जनवरी : गुरु कबीर स्मृति दिवस (1476)

03 जनवरी : राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले जयंती दिवस (1831)

06 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. जयंती (1904)

08 जनवरी : विश्व बौद्ध ध्वज दिवस (1891)

09 जनवरी : प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख जन्म दिवस (1831)

12 जनवरी : राजमाता जिजाऊ जयंती दिवस (1598)

12 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. स्मृति दिवस (1939)

12 जनवरी : उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद ने बाबा साहेब को डी.लिट. की उपाधि प्रदान की (1953)

12 जनवरी : चंद्रिका प्रसाद जिज्ञासु परिनिर्वाण दिवस (1972)

13 जनवरी : तिलका मांझी शाहदत दिवस (1785)

14 जनवरी : सर मंगूराम मंगोलिया जन्म दिवस (1886)

15 जनवरी : बहन कुमारी मायावती जयंती दिवस (1956)

18 जनवरी : अब्दुल कय्यूम अंसारी स्मृति दिवस (1973)

18 जनवरी : बाबासाहेब द्वारा राणाडे, गांधी व जिन्ना पर प्रवचन (1943)

23 जनवरी : अहमदाबाद में डॉ. अम्बेडकर ने शांतिपूर्ण मार्च निकालकर सभा को संबोधित किया (1938)

24 जनवरी : राजर्षि छत्रपति साहूजी महाराज द्वारा प्राथमिक शिक्षा को मुफ्त व अनिवार्य करने का आदेश (1917)

24 जनवरी : कर्पूरी ठाकुर जयंती दिवस (1924)

26 जनवरी : गणतंत्र दिवस (1950)

27 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर का साउथ बरो कमीशन के सामने साक्षात्कार (1919)

29 जनवरी : महाप्राण जोगेन्द्रनाथ मण्डल जयंती दिवस (1904)

30 जनवरी : सत्यनारायण गोयनका का जन्मदिवस (1924)

31 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर द्वारा आंदोलन के मुखपत्र ‘‘मूकनायक’’ का प्रारम्भ (1920)

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