2022-08-23 12:01:36
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण, सामान्य कृषि और गैरकृषि श्रमिकों की दैनिक मजदूरी के मामले में केरल सबसे आगे है। न्यूजक्लिक की रिपोर्ट के अनुसार, केरल में न केवल इस तरह की मजदूरी की दर सबसे अधिक हैं, वहीं, इस सूची में इसके बाद आने वाले राज्यों और केरल में मजदूरी के बीच का अंतर भी काफी अधिक है. केरल में श्रमिकों को दी जाने वाली मजदूरी न्यूनतम मजदूरी और राष्ट्रीय औसत की तुलना में दोगुने से भी अधिक है। रिपोर्ट कहती है कि इसके बरक्स केरल वो राज्य है, जहां विधायकों को दिए जाने वाले भत्ते देश में सबसे कम हैं. महाराष्ट्र और गुजरात जैसे उद्योगों वाले कई राज्यों में विधायकों को काफी अधिक भत्ते मिलते हैं, वहीं अपने श्रमिकों को भुगतान करने में ये राज्य बहुत पीछे हैं। आरबीआई रिपोर्ट 2020-21 में ‘दैनिक मजदूरी श्रेणी’ में केरल सबसे ऊपर है. रिपोर्ट में 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए ग्रामीण भारत में राज्यवार औसत दिहाड़ी की सूची दी गई है. रिपोर्ट के अनुसार, देश में निर्माण श्रमिकों, सामान्य कृषि श्रमिकों और गैर-कृषि श्रमिकों को सबसे अच्छा भुगतान केरल में किया जाता है। केरल का एक निर्माण श्रमिक को 362.2 रुपये के राष्ट्रीय औसत के मुकाबले 829.7 रुपये औसत मजदूरी मिलती है. उत्तर प्रदेश और बिहार सहित 12 राज्य निर्माण श्रमिकों को राष्ट्रीय औसत से कम भुगतान करते हैं। केरल में सामान्य कृषि श्रमिक 309.9 रुपये के राष्ट्रीय औसत की तुलना में 706.5 रुपये कमाते हैं, वहीं पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश सहित 10 राज्य ऐसे मजदूरों को राष्ट्रीय औसत से कम भुगतान करते हैं। गैर-कृषि श्रमिकों द्वारा केरल में अर्जित औसत वेतन 677.6 रुपये है जबकि इसके लिए राष्ट्रीय औसत 315.3 रुपये है। अक्सर एक ‘मॉडल राज्य’ के रूप में प्रचारित किया जाने वाला गुजरात राज्य इन तीनों श्रेणियों में सबसे कम भुगतान करने वाले निचले पांच राज्यों की सूची में है।
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