2023-06-12 07:01:28
तमिलनाडु। विलुप्पुरम के मेलपाथी गांव में
बुधवार को धर्मराज द्रौपदी अम्मन मंदिर
को सील कर दिया गया। सवर्णों द्वारा दलित
समुदाय के व्यक्ति द्वारा मंदिर में प्रवेश पर
आपत्ति जताई थी। जिसके बाद जमकर
बवाल हुआ। दलित अपने इस हक को लेने
के लिए उच्चाधिकारियों के पास शिकायत
लेकर गए। सवर्णों ने मंदिर के गेट पर
बैठकर धरना देना शुरू कर दिया। लगभग
डेढ़ महीना विरोध के बाद बुधवार को यह
कार्रवाई राजस्व टीम की तरफ से की गई।
राजस्व आयुक्त रविचंद्रन के आदेश पर
मंदिर को सील कर गेट पर एक
आधिकारिक नोटिस भी चिपका दिया गया
है। विवाद के बाद बने तनावपूर्ण हालात
को लेकर वहां पुलिस तैनात कर दी गई है।
जनिये क्या है पूरा मामला?
तमिलनाडु में मदुरई के विल्लपुरम में
मेलपाथी गांव आता है। पुलिस ने बताया
कि इस साल अप्रैल में एक दलित व्यक्ति
मंदिर में पूजा करने गया था, जिसे लेकर
ऊंची जाति वालों को परेशानी हुई थी।
उन्होंने दलित लोगों की मंदिर में एंट्री बंद
कर दी थी। इसके बाद दोनों समुदायों के
बीच कई बार इसे लेकर तनातनी हुई।
मामलों को लेकर दोनों पक्षों से 4
एफआईआर भी दर्ज कराई गई। जिला
प्रशासन ने इसे लेकर कई बार बात करके
मामले को सुलझाने की कोशिश की,
लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद अंत में
मंदिर को सील करने का फैसला लिया गया।
राजस्व मंडल को अधिकारी एस
रविचंद्रन ने इस विवाद के चलते आईपीसी
की धारा 145(1) के तहत मंदिर को सील
कर दिया है। यह मंदिर पिछले कई वर्षों से
हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती
(एचआर एंड सीई) विभाग के अधीन है।
मंदिर मैनेजमेंट और के कुछ लोग और गांव
के निवासियों ने दलितों के साथ भेदभाव
करते हुए उनके मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध
लगा दिया। जिसका दलितों ने विरोध किया।
हालांकि प्रशासन ने कई बार शांति वार्ता
की कोशिश की लेकिन गतिरोध खत्म करने
में विफल रहने के बाद कार्रवाई की और
मंदिर परिसर में किसी के भी जाने को लेकर
प्रतिबंध लगाते हुए सील कर दिया। एक
अधिकारी ने कहा कि कई दौर की शांति
वार्ता गतिरोध तोड़ने में विफल रहने के बाद
कार्रवाई की गई।
मंदिर के गेट पर चिपकाए गए
आधिकारिक नोटिस में लिखा गया, गांव में
दो वर्गों के बीच पूजा-पाठ की समस्या के
कारण असामान्य हालात बन गए हैं। इससे
कानून व्यवस्था खराब हो सकती है।
इसे देखते हुए, निष्कर्ष निकलने तक दोनों वर्गों को मंदिर के
अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी। एक अधिकारी ने मामले की
जानकारी देते हुए बताया कि राजस्व अधिकारियों को इनपुट मिले
थे कि आदि द्रविड़ों (दलितों) ने मंदिर में प्रवेश करने की योजना
बनाई थी। जबकि सवर्ण हिंदुओं ने इस कदम का कड़ा विरोध किया
था। हालांकि मंदिर मानव संसाधन और सीई विभाग के अंतर्गत आता
है, लेकिन ऊंची जाति के हिंदुओं ने दावा किया है कि पीठासीन
देवता उनके कुलदेव हैं और विभाग का मंदिर पर कोई अधिकार
नहीं है। वलावानूर पुलिस स्टेशन में मामले को दर्ज करते हुए वहां
किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस
कर्मियों को तैनात कर दिया गया है। फिलहाल वहां अभी स्थितियां
तनावपूर्ण किंतु नियंत्रण में है। इस मामले को लेकर विल्लुपुरम के
सांसद डी रविकुमार ने पार्टी के अन्य नेताओं के साथ सोमवार को
जिला कलेक्टर सीपलानी को एक ज्ञापन दिया।
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