2023-08-09 12:05:37
सबकी निगाहें जातीय जनगणना पर टिकी हैं लेकिन मोदी-योगी (modi-yogi) सरकार इसके लिए तैयार नहीं दिख रही है, यह अति चिंतनीय
संवाददाता
नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती ने अब सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में जातीय जनगणना करवाए जाने की मांग उठाई है। बुधवार को एक के बाद एक कई ट्वीट किये। इन ट्वीट में जातीय जनगणना को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और केन्द्र की मोदी सरकार को घेरा।
उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना की मांग लगातार जोर पकड़ रही है बावजूद इसके बीजेपी इसे करवाना नहीं चाहती है जो बेहद चिंता की बात है। ये समाज के सभी वर्गों के विकास के लिए बेहद जरूरी है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा कि ओबीसी समाज की आर्थिक, शैक्षणिक व सामाजिक स्थिति का सही आकलन कर उसके हिसाब से विकास योजना बनाने के लिए बिहार सरकार द्वारा कराई जा रही जातीय जनगणना को पटना हाईकोर्ट (high court) ने पूर्णतया वैध ठहराया है। अब सबकी निगाहें यूपी पर टिकी हैं कि यहां यह प्रक्रिया कब शुरू होगी। उन्होंने कहा कि देश के कई राज्यों में जातीय जनगणना के बाद यूपी में भी इसे कराने की मांग लगातार जोर पकड़ रही है बावजूद इसके वर्तमान भाजपा सरकार भी इसके लिए तैयार नहीं लगती है। यह बेहद चिंतनीय है।
उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा कि ओबीसी (OBC) समाज की आर्थिक, शैक्षणिक व सामाजिक स्थिति का सही आकलन कर उसके हिसाब से विकास योजना बनाने के लिए बिहार सरकार द्वारा कराई जा रही जातीय जनगणना को पटना हाई कोर्ट की ओर से पूरी तरह वैध ठहराया गया है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि कोर्ट से वैध ठहराने के बाद से अब सबकी निगाहें यूपी पर टिकी हैं कि यहां यह जरूरी प्रक्रिया कब शुरू होगी।
उन्होंने अपने अगले ट्वीट में कहा कि देश के कई राज्य में जातीय जनगणना के बाद यूपी में भी जातीय जनगणना की मांग लगातार जोर पकड़ रही है। लेकिन, वर्तमान भाजपा (BJP) सरकार जातीय जनगणना को लेकर तैयार नहीं लगती है। यह अति- चिन्तनीय है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी की यह मांग केवल यूपी में ही नहीं है। केंद्र को राष्ट्रीय स्तर पर भी जातीय जनगणना करानी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि देश में जातीय जनगणना का मुद्दा मंडल आयोग की सिफारिश को लागू करने की तरह, राजनीति का नहीं बल्कि सामाजिक न्याय से जुड़ा महत्त्वपूर्ण मामला है। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से कहा कि समाज के गरीब, कमजोर, उपेक्षित और शोषित लोगों को देश के विकास में उचित भागीदार बनाकर उन्हें मुख्य धारा में लाने के लिए ऐसी गणना जरूरी है। मायावती की इस रणनीति को एक अलग माहौल के रूप में देखा जा रहा है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने किया स्वागत
वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य ने बुधवार को मायावती की तारीफ करते हुए कहा कि मैं बसपा सुप्रीमो के फैसले का सपा स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि सपा की जातीय जनगणना का सर्वे कराने की मांग पहले से थी। लेकिन अब बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी सपा की मांग पर मुहर लगा दी है।
विधान परिषद में हुआ जमकर हंगामा
जातीय जनगणना पर चर्चा कराने मांग को लेकर सपाइयों ने विधान परिषद में जमकर हंगामा किया। नियम 105 के तहत सपा सदस्य नरेश चंद्र उत्तम, स्वामी प्रसाद मौर्य, लाल बिहारी यादव, आशुतोष सिन्हा, डा. मानसिंह यादव, शहनवाज खान, मुकुल यादव और मो.जासमीर अंसारी ने सूचना लगाई थी। शाहनवाज खान, नरेश चंद्र उत्तम एवं स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस पर चर्चा कराने की पुरजोर मांग की। कहा कि सन 1865, 1872 में जातीय जनगणना हुई। इसके बार 1881, 1891, 1901, 1911, 1921, 1931 व 1941 में जातिवार गणना हुई। सपा की मांग पर 2011 में भी जातीय जनगणना हुई पर भाजपा सरकार ने इसके आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए। हैरत की बात यह है कि जनगणना कराने के फार्म में एससी के उल्लेख तो कॉलम है पर ओबीसी का नहीं। उन्होंने सदन की कार्यवाही रोककर इस पर चर्चा कराए जाने की मांग की। कहा कि केवल ओबीसी ही नहीं, बल्कि सभी जातियों की गणना कराने से भी सपा को कोई गुरेज नहीं है।
Monday - Saturday: 10:00 - 17:00 | |
Bahujan Swabhiman C-7/3, Yamuna Vihar, DELHI-110053, India |
|
(+91) 9958128129, (+91) 9910088048, (+91) 8448136717 |
|
bahujanswabhimannews@gmail.com |