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ए. राजा ने सनातन धर्म को एचआईवी और कुष्ठ रोग जैसा बताया

अमित शाह को दी खुली बहस की चुनौती
News

2023-09-09 10:17:19

नई दिल्ली। सनातन धर्म को लेकर तमिलनाडु के सीएम स्टालिन के बेटे उदयनिधि के बयान पर द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) के उप महासचिव एवं लोकसभा सदस्य ए. राजा ने टिप्पणी की है। उन्होंने सनातन धर्म की तुलना कुष्ठ रोग और एचआईवी जैसी बीमारियों से की है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान केंद्रीय मंत्री रहे राजा ने कहा कि तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी काफी मामूली थी और उन्होंने केवल यह कहा था कि सनातन धर्म को डेंगू और मलेरिया की तरह खत्म किया जाना चाहिए, जिसमें कोई सामाजिक कलंक नहीं है। उन्होंने बुधवार को कहा, यदि सनातन धर्म पर घृणित शब्दों में टिप्पणी की जाये; एक समय कुष्ठ रोग और एचआईवी को कलंक माना जाता था और जहां तक हमारा सवाल है, इसे (सनातन) एचआईवी और कुष्ठ रोग की तरह माना जाना चाहिए जिस पर सामाजिक कलंक था। उन्होंने कहा, उदयनिधि की टिप्पणी मामूली थी और यदि आप मुझसे पूछेंगे तो मैं कड़ी टिप्पणी करूंगा। राजा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सनातन धर्म का पालन करने की वकालत करते हैं और यदि उन्होंने इसका पालन किया होता, तो उन्होंने इतने सारे विदेशी देशों का दौरा नहीं किया होता। अमित शाह को दी चुनौती वही ए. राजा ने कहा कि अमित शाह होम मिनिस्टर इसलिए बने क्योंकि हमने सनातन धर्म को खत्म किया। टी. साई सौंदर्यराजन भी इसीलिए गवर्नर बने। अन्नामलाई आईपीएस भी इसी वजह से बने क्योंकि हमने सनातन को खत्म किया। ए. राजा ने सनातन धर्म को लेकर दिए अपने बयानों पर अमित शाह को बहस की भी चुनौती दी। उन्होंने कहा कि यदि वह चाहें तो दिल्ली में ही किसी भी जगह पर खुले में बहस कर सकते हैं। एक लाख लोगों को बुलाकर बहस करें। जनता तय करेगी कि कौन सही है। उन्होंने फिर कहा कि मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को दिल्ली में शंकराचार्यों की उपस्थिति में वर्णाश्रम और सनातन धर्म पर बहस करने की अपनी चुनौती दोहराता हूं। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं से राष्ट्रीय राजधानी में बहस की तारीख तय करने को कहा और कहा कि वह इसमें भाग लेंगे। वहीं आप और कांग्रेस के कुछ नेताओं ने उदयनिधि और ए. राजा के इन बयान का भरपूर समर्थन किया है।

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01 जनवरी : राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले और राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले द्वारा प्रथम भारतीय पाठशाला प्रारंभ (1848)

01 जनवरी : बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा ‘द अनटचैबिल्स’ नामक पुस्तक का प्रकाशन (1948)

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03 जनवरी : राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले जयंती दिवस (1831)

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