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एक देश एक चुनाव को लेकर मोदी ने किया कमेटी का गठन

गुलाम मानसिकता के रामनाथ कोविंद को बनाया अध्यक्ष
News

2023-09-02 10:55:27

नई दिल्ली। एक देश-एक चुनाव पर केंद्र सरकार ने कमेटी बना दी है जिसमें पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इसका अध्यक्ष बनाया गया है। केंद्र सरकार ने 18 सितंबर से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। संभव है कि एक देश एक चुनाव पर सरकार बिल भी ला सकती है और इस गंभीर मुद्दे को गुलाम मानसिकता के रामनाथ कोविंद से हल कराना चाहती है ताकि अगर उनका यह मिशन फेल भी हो जाये या फिर जनता का भारी विरोध झेलना पड़े तो उसे कोविंद के माथे मड़ दिया जाये और मोदी-संघी अपनी गरेवां बचा सकें।

पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी देश के वयोवृद्ध नेता हैं लेकिन राष्ट्रपति रहते हुए जो उनका कार्यकलाप रहा उससे लगता है कि उनमें देश के सामाजिक ताने-बाने की समझ नहीं है। उनके कार्यकाल में देश के एसटी/एससी समुदायों पर अपेक्षाकृत अधिक उत्पीड़न के मामले घटित हुए और उन्होंने किसी भी मामले में अपना हस्तक्षेप नहीं किया शायद इसीलिए संघियों ने उन्हें देश का राष्ट्रपति बनवाया था ताकि वे संघियों की मानसिकता के आधार पर उनकी इच्छा के मुताबिक सरकार की सभी फाईलों पर हस्ताक्षर करें और तुरंत उन्हें मोदी जी के पास पहुंचा दें। मनुवादियों का चिर काल से यही आचरण देखा गया है कि दलित, आदिवासी व पिछड़े समुदायों पर वार करने के लिए उन्हें उन्हीं के समुदाय से एक दलित कंधा चाहिए जो गुलाम मानसिकता का हो और अपने ही समुदाय के लोगों नुकसान करे। कोविंद जी उसी का एक सटीक उदाहरण हैं उनको किसी चीज का भी अध्यक्ष बनाना देश की जनता के हित में नहीं है। बहुजन स्वाभिमान सभी से आग्रह करता है कि कोविंद के द्वारा की गई किसी भी सिफारिश को न मानें क्योंकि उनसे कभी भी समाज कल्याण की उपेक्षा नहीं की जा सकती है क्योंकि वह एक गुलाम मानसिकता के व्यक्ति हैं।

विपक्ष बोला- सरकार को पहले भरोसे में लेना चाहिए था

शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद संजय राउत ने कहा कि भाजपा इंडिया से डरी हुई है। वन नेशन, वन इलेक्शन को मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए लाया जा रहा है।

वहीं सपा नेता राम गोपाल यादव ने कहा कि संसदीय व्यवस्था की सारी मान्यताओं को यह सरकार तोड़ रही है। अगर विशेष सत्र बुलाना था तो सरकार को सभी विपक्षी पार्टियों से कम से कम अनौपचारिक तौर पर बात करनी चाहिए थी। अब किसी को नहीं पता है कि एजेंडा क्या है और सत्र बुला लिया गया है।

वहीं चिराग पासवान ने कहा, हमारी पार्टी वन नेशन-वन इलेक्शन का समर्थन करती है। इसे लागू करना चाहिए।

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01 जनवरी : मूलनिवासी शौर्य दिवस (भीमा कोरेगांव-पुणे) (1818)

01 जनवरी : राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले और राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले द्वारा प्रथम भारतीय पाठशाला प्रारंभ (1848)

01 जनवरी : बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा ‘द अनटचैबिल्स’ नामक पुस्तक का प्रकाशन (1948)

01 जनवरी : मण्डल आयोग का गठन (1979)

02 जनवरी : गुरु कबीर स्मृति दिवस (1476)

03 जनवरी : राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले जयंती दिवस (1831)

06 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. जयंती (1904)

08 जनवरी : विश्व बौद्ध ध्वज दिवस (1891)

09 जनवरी : प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख जन्म दिवस (1831)

12 जनवरी : राजमाता जिजाऊ जयंती दिवस (1598)

12 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. स्मृति दिवस (1939)

12 जनवरी : उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद ने बाबा साहेब को डी.लिट. की उपाधि प्रदान की (1953)

12 जनवरी : चंद्रिका प्रसाद जिज्ञासु परिनिर्वाण दिवस (1972)

13 जनवरी : तिलका मांझी शाहदत दिवस (1785)

14 जनवरी : सर मंगूराम मंगोलिया जन्म दिवस (1886)

15 जनवरी : बहन कुमारी मायावती जयंती दिवस (1956)

18 जनवरी : अब्दुल कय्यूम अंसारी स्मृति दिवस (1973)

18 जनवरी : बाबासाहेब द्वारा राणाडे, गांधी व जिन्ना पर प्रवचन (1943)

23 जनवरी : अहमदाबाद में डॉ. अम्बेडकर ने शांतिपूर्ण मार्च निकालकर सभा को संबोधित किया (1938)

24 जनवरी : राजर्षि छत्रपति साहूजी महाराज द्वारा प्राथमिक शिक्षा को मुफ्त व अनिवार्य करने का आदेश (1917)

24 जनवरी : कर्पूरी ठाकुर जयंती दिवस (1924)

26 जनवरी : गणतंत्र दिवस (1950)

27 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर का साउथ बरो कमीशन के सामने साक्षात्कार (1919)

29 जनवरी : महाप्राण जोगेन्द्रनाथ मण्डल जयंती दिवस (1904)

30 जनवरी : सत्यनारायण गोयनका का जन्मदिवस (1924)

31 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर द्वारा आंदोलन के मुखपत्र ‘‘मूकनायक’’ का प्रारम्भ (1920)

2024-01-13 11:08:05