2024-03-29 11:00:46
मुख्तार अंसारी पर 61 मुकदमें दर्ज थे अब वो मर गया तो कुछ मनुवादी लोग उसकी मौत पर खुशियां मना रहे हैं। जब मौत और हत्या के बीच का अंतर मिट जाता है, तो यह देश को अराजकता की ओर ले जाता है। अगर आप मुकदमें देखकर खुशियां मना रहे हो तो फिर जिनपर 70, 80, 90 मुकदमें दर्ज हैं उनके जिÞंदा होने पर भी आपको मातम मनाना चाहिए। लेकिन ये पहला मामला नहीं है, इससे पहले अतीक अहमद, विकास दुबे जैसे कई माफियाओं की मौत पर खुशियां मनाई गयीं थी और सवाल भी उठे थे। यूपी के मुख्यमंत्री और भाजपा की सत्ता में जो हो रहा है। वह ठीक नहीं है। इसका असर समाज, राजनीति और अपराध की दुनिया सब पर होगा। अगर आपको माफिया शब्द से नफरत है तो फिर आपको सेलेक्टिव नहीं होना चाहिए क्योंकि माफिया कोई भी हो सब समाज के लिए घातक होते हैं। हमारा दोगला व्यवहार समाज के लिए नुकसानदायक होता है। मनुवादी संघी शासन व्यवस्था में इनपर कार्रवाई कब होगी?
नाम मुकदमें स्थान
कुलदीप सिंह सेंगर 28 उन्नाव
बृजेश सिंह 106 वाराणसी
धन्नजंय सिंह 46 जौनपुर
राजा भैया 31 प्रतापगढ़
डॉ. उदयभान सिंह 83 भदोही
अशोक चन्देल 37 हमीरपुर
विनीत सिंह 34 चंदौसी
बृजभूषण सिंह 84 गोण्डा
चुलबुल सिंह 53 बनारस
सोनू सिंह 57 सुल्तानपुर
मोनू सिंह 48 सुल्तानपुर
अजय सिंह सिपाही 81 मिर्जापुर
पिन्टू सिंह 23 बस्ती
सनी सिंह 48 देवरिया
संग्राम सिंह 42 बलिया
बादशाह सिंह 88 महोबा
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