2022-08-21 16:59:56
बेंगलुरु। कांग्रेस की कर्नाटकइकाई के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया नेराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को ‘उच्च जातियों का संघ’ करार देते हुए मंगलवार को केंद्र सरकार के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को नाटक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बड़ा नाटककार बताया। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आरएसएस के योगदान पर सवाल उठाया तथा आरोप लगाया कि उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रगान और संविधान का विरोध किया है। उन्होंने कहा, वे (भाजपा-आरएसएस) देशभक्त कैसे हो सकते हैं?
सिद्धारमैया ने कहा, मैं शुरू से ही आरएसएस का विरोध करता रहा हूं क्योंकि यह सिर्फ ऊंची जातियों का संघ है, यही कारण है कि वे ‘चतुर्वर्ण’ व्यवस्था (जाति व्यवस्था) में विश्वास करते हैं। चतुर्वर्ण व्यवस्था उच्च जातियों के वर्चस्व में विश्वास करती है, अगर यह व्यवस्था जारी रहती है तो असमानता होगी जो शोषण का कारण बन सकती है।
विधानसभा में विपक्ष के नेता ने ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की वर्षगांठ मनाने के लिए यहां कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में दावा किया कि संघ परिवार के आरएसएस, भाजपा, हिंदू महासभा, हिंदू जागरण वैदिक और बजरंग दल जैसे सभी संगठन इस तरह की जाति व्यवस्था तथा विचारधारा में विश्वास करते हैं।
भाजपा के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को ‘नाटक’ करार देते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि उनके (भाजपा) वैचारिक नेताओं जैसे वी डी सावरकर, एम एस गोलवलकर और आरएसएस के मुखपत्र आॅगेर्नाइजर ने राष्ट्रीय तिरंगे का विरोध किया था. हमें उन्हें बेनकाब करना चाहिए।
सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि लगभग 52 वर्षों तक महाराष्ट्र के नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया गया।
खबर के मुताबिक, यह दावा करते हुए कि कांग्रेस और उसके नेता स्वतंत्र भारत के लिए जिम्मेदार हैं, सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि सावरकर ने जेल से मुक्त होने के लिए अंग्रेजों को एक माफी पत्र लिखा था और उन्हें वीर सावरकर कहा जा रहा है।
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