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आखिर बाबा साहेब से इतनी नफरत क्यों?

रामपुर में पुलिस की गोली से जान गंवाने वाले दलित छात्र मिलेगा इंसाफ?
News

2024-03-02 10:53:01

संवाददाता नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के रामपुर में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की तस्वीर लगाने को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया। इस दौरान फायरिंग में एक दलित युवक की गोली लगने से मौत हो गई, वहीं दो लोग घायल हो गए। मृतक के परिजनों ने भीमराव अंबेडकर के चित्र के नीचे शव रखकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनका आरोप था कि युवक की मौत पुलिस की गोली लगने से हुई है। इसी को लेकर गांव के लोग विरोध प्रदर्शन कर धरने पर बैठ गए। जिसके बाद एसडीएम और सीओ समेत चार अधिकारियों के खिलाफ गुरुवार को कार्रवाई की गई। एसडीएम और तहसीलदार के साथ तैनात एक-एक होमगार्ड जवान समेत कुल 25 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

दरअसल ये पूरा मामला पश्चिम उत्तर प्रदेश के रामपुर के मिल्क थाना क्षेत्र के सिलाई बाड़ा गांव का है। जानकारी के मुताबिक, यहां भूमि के एक टुकड़े पर भीमराव अंबेडकर के चित्र का बोर्ड लगाने का गंगवार समाज ने विरोध किया था। दलित समाज के लोग जहां भीमराव अंबेडकर के नाम से पार्क बना कर उनकी मूर्ति स्थापित कराना चाहते थे तो वहीं गंगवार समाज के लोग इसका विरोध कर रहे थे। उनका कहना था कि ये जगह खाद का गड्ढा है और ये ग्राम समाज की जमीन है।

इसी को लेकर हुए बवाल में फायरिंग हुई, जिसमें एक दलित युवक की पुलिस द्वारा चलाई गई गोली लगने से मौत हो गई। वहीं दो लोग घायल हो गए।

इस मामले की सूचना मिलते ही पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारी दल बल के साथ सिलाई बड़ा गांव पहुंच गए और पुलिस वालों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग पर अड़े परिजनों को समझाने की कोशिश की। इस बीच घटना से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें पुलिसवाले लाठीचार्ज करते व पथराव करते हुए नजर आ रहे हैं। बेकाबू स्थिति को संभालने के लिए डीआईजी मुरादाबाद व मंडल आयुक्त सिलाई बड़ा गांव पहुंचे और परिजनों से बात कर उन्हें हरसंभव मदद व दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। तब जाकर मृतक के परिवार वाले शांत हुए। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। वहीं घायलों को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया।

मृतक के भाई ने लगाए ये आरोप

मृतक के भाई ब्रजकिशोर ने कहा कि मैं तो रिक्शा चला रहा था। रास्ते में मुझे खबर पता चली कि मेरा भाई एक्सपायर हो गया है। मैं कुछ कह नहीं सकता। यहां पर सीधे दो लोग पुलिस वाले एक का नाम आदेश चौहान और एक का नाम ऋषि पाल हमारी चौकी पर ही रहते हैं, यह ऊपर चढ़े और दनादन फायरिंग की, जिसमें मेरे भाई की मौत हो गई। सुमेश कुमार और अमित के भी गोली लगी है। हमारे पास न कोई जमीन है। हम रिक्शा चलाकर पेट पालते थे।

सरकार से परिजनों की मांग

1. मामले की न्यायिक जांच हो।

2. मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चले।

3. घटना में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।

4. रिपोर्ट के अनुसार दोषियों को गिरफ्तार कर जेल में डाला जाये।

5. पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए की आर्थिक मदद व एक सरकारी नौकरी दी जाए।

6. अंबेडकर पार्क को शीघ्र बनाये जाने की अनुमति एवं सरकारी निधि से सौंदर्यीकरण व मृतक की प्रतिमा पार्क में लगाई जाए।

7. सभी घायलों के बेहतर ईलाज की व्यवस्था और इन्हे भी आर्थिक मदद दी जाये।

चन्द्रशेखर ने प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

पुलिस ने मंगलवार देर रात शव को कब्जे में लेकर बुधवार सुबह मृतक का पोस्टमार्टम कराया। सरकारी एम्बुलेंस से शव को गांव लाया गया, लेकिन परिजनों ने शव को एम्बुलेंस से उतारने से मना कर दिया। वहीं मिलक एसडीएम व तहसीलदार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। आक्रोशित लोग एफआईआर में एसडीएम व तहसीलदार का नाम शामिल करने व 1 करोड़ मुआवजे की मांग कर रहे थे। मामले की सूचना मिलने पर स्थानीय सांसद, जिला कलक्टर व अन्य आलाधिकारी मौके पर पहुंचे। कथिततौर पर उचित कार्रवाई का लिखित में आश्वासन मिलने के बाद भारी पुलिस बल की मौजूदगी में करीब साढ़े छह घंटे बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया।

इस घटना को 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर घटनास्थल पर पहुंच गए. हालांकि उनके पहुंचने से पहले प्रशासन ने आनन-फानन में मृतक सुमेश का दाह संस्कार करा दिया. इसके बाद ही चंद्रशेखर को गांव में जाने की अनुमति मिली। भीम आर्मी चीफ ने दलित किशोर की हत्या पर जमकर योगी और मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार दलित विरोधी है। उन्होंने सुमेश के परिजनों के लिए मुआवजे तथा परिवार में एक सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग की। हालांकि उन्होंने कहा कि हमें सरकार से उम्मीद नहीं है।

प्रशासन की अब तक की कार्रवाई

जिला पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने बताया कि मामले में इंस्पेक्टर मिलक अनुपम शर्मा, चौकी प्रभारी सिलाईबड़ा गांव सुरेंद्र सिंह और सीओ मिलक केएन आनंद को लाइन हाजिर कर दिया गया है. इधर, सोमेश की पिता की दी गई तहरीर पर सिलाईबड़ा चौकी प्रभारी, सिपाही आदेश चौहान, वीरेंद्र, मुमतीरीन, उपजिलाधिकारी मिलक होमगार्ड हमराह, तहसीलदार हमराह होमगार्ड के अलावा ग्रामीण नत्थू, हेमराज, निर्वेश कुमार, झंजनलाल, तीरथ सिंह, जहोरीलाल, दिनेश कुमार, नौबत राम, हरनेन्दन, रामप्रकाश, ऊदल, लालसिंह, बद्री प्रसाद, चरनसिंह, रविंद्र कुमार, राजेन्द्र, भूपराम, नरेंद्र, कपिल के नाम एफआईआर में शामिल किए गए है।

राहुल बोले, यूपी की डबल इंजन सरकार जंगलराज की गारंटी है

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि बीजेपी और मोदी मीडिया मिल कर कैसे ‘झूठ का कारोबार’ कर रहे हैं, उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था उसका सबसे बड़ा उदाहरण है। कहीं पेड़ से लटके नाबालिग बहनों के शव, तो कहीं इंटों से कुचल कर हत्या की वारदात। कहीं भाजपाइयों द्वारा ककळ-इऌव कैंपस में गैंग रेप का दुस्साहस, तो कहीं न्याय न मिलने पर आत्महत्या को मजबूर महिला जज. ये उस प्रदेश का हाल है जिसकी कानून व्यवस्था का गुणगान करते मोदी मीडिया थकता नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि हाल ही में रामपुर में अंबेडकर स्मारक की मांग पर 10वीं की परीक्षा देकर लौटते दलित छात्र की हत्या यूपी की जर्जर कानून व्यवस्था का सबसे वीभत्स उदाहरण है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कार्यकर्ता भाजपाई तंत्र और अपराधियों के इस गठबंधन के खिलाफ आज हर जिÞले, हर तहसील में विरोध प्रदर्शन कर न्याय की आवाज बुलंद करेंगे. मोदी मीडिया द्वारा गढ़ी गई झूठी छवि से बाहर निकल कर अब सच्चाई देखने का वक्त है, डबल इंजन सरकार ‘जंगलराज की गारंटी’ है।

बाबा साहब अम्बेडकर के नाम का बोर्ड लगाना इतना बड़ा गुनाह हो गया है, की पुलिस ने पहले गाँव के निहत्ते समाज के लोगों पर लाठियाँ, गोलियाँ बरसाई जिसमें एक युवक की दर्दनाक मृत्यु हो गई, फिर जब समाज के चिंतींत लोगों को जानकारी मिली तो हमने तत्काल दिल्ली से रामपुर की ओर कूच किया रास्ते में पुलिस ने रोका फिर जबरन गाँव के लोगों पर पुन: लाठीचार्ज करके हमारे पहुँचने से पहले शव को जला दिया। चाहे पुलिस और सब लोग कितनी भी तानाशाही दिखाले हम डटे रहेंगे। -अभिषेक कुमार जाटव

आज फिर से हाथरस याद आ रहा है, उत्तर प्रदेश में दलितों का दमन चरम पर है। रामपुर में भाई सोमेश की पुलिस द्वारा गोली मार कर हत्या कर दी गयी है, कई लोग घायल हैं लेकिन पुलिस मुझे सम्भल में रोक कर खड़ी है। क्या अब मैं अपने पीड़ित परिवार से भी नही मिल सकता हूं। सच मे उत्तरप्रदेश बदल गया है अब दलितों की हत्या के लिये अपराधियों की जरूरत नही है योगी जी की पुलिस ही बहुत है। जितनी पुलिस लगानी है लगा लो मुझे रोकने के लिये, मैं जाऊंगा और जरूर जाऊंगा। यह बात सरकार ध्यान से सुन ले। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी बताए दलितों की हत्याएं कब बन्द होगी उत्तरप्रदेश में? -जुबैर चौधरी

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01 जनवरी : मूलनिवासी शौर्य दिवस (भीमा कोरेगांव-पुणे) (1818)

01 जनवरी : राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले और राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले द्वारा प्रथम भारतीय पाठशाला प्रारंभ (1848)

01 जनवरी : बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा ‘द अनटचैबिल्स’ नामक पुस्तक का प्रकाशन (1948)

01 जनवरी : मण्डल आयोग का गठन (1979)

02 जनवरी : गुरु कबीर स्मृति दिवस (1476)

03 जनवरी : राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले जयंती दिवस (1831)

06 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. जयंती (1904)

08 जनवरी : विश्व बौद्ध ध्वज दिवस (1891)

09 जनवरी : प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख जन्म दिवस (1831)

12 जनवरी : राजमाता जिजाऊ जयंती दिवस (1598)

12 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. स्मृति दिवस (1939)

12 जनवरी : उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद ने बाबा साहेब को डी.लिट. की उपाधि प्रदान की (1953)

12 जनवरी : चंद्रिका प्रसाद जिज्ञासु परिनिर्वाण दिवस (1972)

13 जनवरी : तिलका मांझी शाहदत दिवस (1785)

14 जनवरी : सर मंगूराम मंगोलिया जन्म दिवस (1886)

15 जनवरी : बहन कुमारी मायावती जयंती दिवस (1956)

18 जनवरी : अब्दुल कय्यूम अंसारी स्मृति दिवस (1973)

18 जनवरी : बाबासाहेब द्वारा राणाडे, गांधी व जिन्ना पर प्रवचन (1943)

23 जनवरी : अहमदाबाद में डॉ. अम्बेडकर ने शांतिपूर्ण मार्च निकालकर सभा को संबोधित किया (1938)

24 जनवरी : राजर्षि छत्रपति साहूजी महाराज द्वारा प्राथमिक शिक्षा को मुफ्त व अनिवार्य करने का आदेश (1917)

24 जनवरी : कर्पूरी ठाकुर जयंती दिवस (1924)

26 जनवरी : गणतंत्र दिवस (1950)

27 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर का साउथ बरो कमीशन के सामने साक्षात्कार (1919)

29 जनवरी : महाप्राण जोगेन्द्रनाथ मण्डल जयंती दिवस (1904)

30 जनवरी : सत्यनारायण गोयनका का जन्मदिवस (1924)

31 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर द्वारा आंदोलन के मुखपत्र ‘‘मूकनायक’’ का प्रारम्भ (1920)

2024-01-13 11:08:05