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अम्बेडकर संस्थानों पर मनुवादी संघियों के षड्यंत्रकारी हमले जारी

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2023-05-22 06:18:53

दिल्ली। अम्बेडकर यूथ हॉस्टल्स एसोसिएशन आॅफ इंडिया, राजेन्द्र नगर, साहिबाबाद, गाजियाबाद की स्थापना स्वर्गीय बी. पी. मौर्य (रिपब्लिकन पार्टी आॅफ इंडिया के विख्यात नेता तथा उस समय केन्द्र सरकार में उद्योग मंत्री) द्वारा स्वर्गीय श्री शन्ति भूषण, भूतपूर्व संसद सदस्य तथा अन्य साथियों के साथ 28 मार्च 1972 को की गई। गाजियाबाद सुधार न्यास (अब गाजियाबाद विकास प्राधिकरण) ने इस संस्था को राजेन्द्र नगर में गरीब वर्गों के युवकों के लिए हॉस्टल्स, पुस्तकालय तथा प्रशिक्षण केन्द्र आदि चलाने के लिए लगभग 3,90,000 वर्ग गज भूमि अबंटित की। इस भूमि का अधिग्रहण 14 अगस्त 1975 को किया गया। इस भूमि पर इसकी चारदीवारी, पुस्तकालय और कुछ कमरों का निर्माण किया गया। सन 1975 में बिजली का मीटर भी लगाया गया और साथ ही परिसर में पानी के लिए पम्प मोटर भी लगाई गई। इस परिसर में अनेक वृक्षों का भी रोपण किया गया जो कि आज भी मौजूद है। भूतपूर्व राष्ट्रपति महामहिम ज्ञानी जैल सिंह ने 6 दिसम्बर 1986 को इस परिसर का उद्घाटन किया। श्री बी. पी. मौर्य जिनका निधन सन 2004 में हुआ, उनका अंतिम संस्कार इसी परिसर में हुआ और इसी परिसर में उनकी समाधि भी बनाई गई है। इस समाधि से दलित समाज की भावनाएं जुडी हुई है। इस भूमि की 30 वर्ष की लीज राशि की अदायगी जीडीए को की जा चुकी है। लेकिन इस परिसर में हॉस्टलस और ट्रैनिंग सेन्टर के लिए पूरा निर्माण कार्य समय पर नहीं किया जा सका चूंकि इस निर्माण के लिए बहुत बड़ी राशि की आवश्यकता थी और दलित तथा कमजोर वर्ग के लोगों से उस समय इतनी राशि इकट्ठा करना असंभव हो गया। इस कारण निर्माण कार्यों में देरी लगी।

यह बड़े दुख की बात है कि सन 2012 में प्रदेश में समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव की सरकार बनने के बाद, उपरोक्त तथ्यों को नजरअंदाज करते हुए, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने 13.9.2013 को इस भूमि का आवंटन रद्द करने का आदेश जारी कर दिया। अनुसूचित जाति/अनसूचित जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग के लोगों तथा अम्बेडकर मिशन के लिए यह बहुत बड़ा आघात था। यहां यह बताना अति आवश्यक है कि यह एक इकलौती ऐसी संस्था है जिससे कमजोर, पिछड़े वर्गों की भावनायें जुड़ी हुई हैं चूंकि ऐसी कोई अन्य संस्था मौजूद नहीं है जिसकी कल्पना बाबा साहेब अम्बेडकर ने की थी।

अम्बेडकर यूथ हॉस्टल का विवाद अब समाज पर एक कलंक की तरह बनाता जा रहा है चूंकि अम्बेडकर यूथ हॉस्टल के लिए जहाँ पर करीब 9 एकड़ आबंटित है उसके चारों ओर बहुजन समाज के अम्बेडकरवादी ही अधिसंख्यक है। लेकिन फिर भी इस जमीन पर मनुवादी संघियों की गहरी नजर है। संघियों की मिली भगत से हिंदुत्व की विचारधारा के जहरीले लोग इस जमीन पर अपनी बुरी नजर गड़ाये हुए हैं। इस जमीन का विवाद माननीय बी.पी. मौर्य के जीवित रहते समय से हैं। बी.पी. मौर्य ही इस आबंटित जमीन के कर्ता- धर्ता थे और उनके परिनिर्वाण के बाद उनकी बेटी सुश्री अनुला मौर्य अध्यक्ष बनी और उन्हें इस संस्था को एक पारिवारिक सम्पति के तौर पर रखा और उसके लिए जरूरी खाना-पूर्ति के चुनाव आदि भी कराये लेकिन संस्था निर्जीव ही बनी रही। इसके उपरांत मनुवादी लोगों ने जीडीए से मिली भगत करके इस जमीन का आबंटन रद्द करने के लिए कोशिश की लेकिन इस पर अनुला मौर्य व उनके कुछेक साथी अदालत में चले गए और वहाँ से स्टे ले लिया अब इस जमीन पर गाजियाबाद की अदालत में केस चल रहा है और सारा मामला कोर्ट के विचाराधीन है परंतु मनुवादी शक्तियाँ मुख्य रूप से संघी मानसिकता के लोग इस जमीन को हड़पने के लिए जोर-शोर से सक्रिय है इस जमीन की चार दीवारी को हाल ही में भगवा रंग से रंग दिया गया है जो यह दिखाता है कि इस जमीन को हड़पने के लिए संघियों का आंतरिक षड्यंत्र चल रहा है। राज्य और केंद्र में संघियों की सरकार है जिसके बल पर स्थानीय संघी अधिक सक्रिय और क्रियाशील है।

बहुजन समाज के लिए यह एक कलंक इसलिए है चूंकि वे यहाँ पर बहुसंख्यक होते हुए भी संघियों द्वारा जमीन को हड़प करने का षड्यंत्र अपनी आँखों से रोज देख रहे हैं और सभी मौन धारण किये हुए हैं। ये सभी मौन अम्बेडकरवादी वास्तविकता के आधार पर संघियों को मदद कर रहे हैं या चुपचाप तरीके से समाज के खिलाफ मनुवादी संघियों से मिले हुए है। शर्म की बात यह है कि ये सभी कथित अम्बेडकरवादी मौन रखकर संघियों की मानसिकता में छिपे सपने को पूरा करने के दोषी है। इन कथित अम्बेडकरवादियों का मौन रखना यह दशार्ता है कि ये इसी तरह आपस में बंटे रहे तो यह अम्बेडकर पार्क की जमीन पर मनुवादी संघियों का कब्जा करा देंगे। सभी बहुजन समाज के साथियों से निवेदन है कि इसके लिए इकट्ठा होकर एक मुहिम के रूप में आंदोलन छेड़े और मनुवादी संघियों को परास्त करें।

CHETAN SINGH, Delhi
आज इस प्रकार के संस्थान बहुत कम है। जहां भी देखो कॉपरेटिव घरानों के है जिनमें बहुत खर्चा आता है। इस प्रकार के संस्थान बचाने की जरूरत है
2023-05-24 10:53:10
 
 
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01 जनवरी : मूलनिवासी शौर्य दिवस (भीमा कोरेगांव-पुणे) (1818)

01 जनवरी : राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले और राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले द्वारा प्रथम भारतीय पाठशाला प्रारंभ (1848)

01 जनवरी : बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा ‘द अनटचैबिल्स’ नामक पुस्तक का प्रकाशन (1948)

01 जनवरी : मण्डल आयोग का गठन (1979)

02 जनवरी : गुरु कबीर स्मृति दिवस (1476)

03 जनवरी : राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले जयंती दिवस (1831)

06 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. जयंती (1904)

08 जनवरी : विश्व बौद्ध ध्वज दिवस (1891)

09 जनवरी : प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख जन्म दिवस (1831)

12 जनवरी : राजमाता जिजाऊ जयंती दिवस (1598)

12 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. स्मृति दिवस (1939)

12 जनवरी : उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद ने बाबा साहेब को डी.लिट. की उपाधि प्रदान की (1953)

12 जनवरी : चंद्रिका प्रसाद जिज्ञासु परिनिर्वाण दिवस (1972)

13 जनवरी : तिलका मांझी शाहदत दिवस (1785)

14 जनवरी : सर मंगूराम मंगोलिया जन्म दिवस (1886)

15 जनवरी : बहन कुमारी मायावती जयंती दिवस (1956)

18 जनवरी : अब्दुल कय्यूम अंसारी स्मृति दिवस (1973)

18 जनवरी : बाबासाहेब द्वारा राणाडे, गांधी व जिन्ना पर प्रवचन (1943)

23 जनवरी : अहमदाबाद में डॉ. अम्बेडकर ने शांतिपूर्ण मार्च निकालकर सभा को संबोधित किया (1938)

24 जनवरी : राजर्षि छत्रपति साहूजी महाराज द्वारा प्राथमिक शिक्षा को मुफ्त व अनिवार्य करने का आदेश (1917)

24 जनवरी : कर्पूरी ठाकुर जयंती दिवस (1924)

26 जनवरी : गणतंत्र दिवस (1950)

27 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर का साउथ बरो कमीशन के सामने साक्षात्कार (1919)

29 जनवरी : महाप्राण जोगेन्द्रनाथ मण्डल जयंती दिवस (1904)

30 जनवरी : सत्यनारायण गोयनका का जन्मदिवस (1924)

31 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर द्वारा आंदोलन के मुखपत्र ‘‘मूकनायक’’ का प्रारम्भ (1920)

2024-01-13 11:08:05