2022-09-09 09:02:56
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में इस वर्ष बेहद कम वर्षा के कारण सूखे जैसी स्थिति को देखते हुए बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने उत्तर प्रदेश तथा केन्द्र सरकार से किसानों की तत्काल मदद की मांग की है। प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बीते दिनों उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से किसानों को मदद की घोषणा को ऊंट के मुंह में जीरा जैसा बताया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद चार बार संभाल चुकीं मायावती ने किसानों को लेकर गुरुवार को दो ट्वीट किया है। मायावती ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के किसान अपनी उपज का लाभकारी मूल्य व गन्ना बकाया आदि नहीं मिल पाने से काफी परेशान हैं। उन्होंने कहा कि यूपी का किसान समाज पहले से ही काफी दुखी व परेशान है तथा कमजोर मानसून ने अब उनकी चिन्ताएं और भी बढ़ा दी है। उन्होंने कहा कि बसपा की मांग है कि प्रदेश के किसानों को ऐसी विकट स्थिति से निकालने के लिए उत्तर प्रदेश की सरकार हर स्तर पर उनकी मदद तत्काल शुरू करे। मायावती ने इसके साथ ही सूखे की स्थिति में उत्तर प्रदेश के किसानों को मिलने वाली मदद को ऊंट के मुंह में जीरा जैसा बताया है। मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे विशाल प्रदेश में किसानों को लेकर की गई घोषणा पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि किसान समाज वाले प्रदेश में फसल सुरक्षा व भण्डारण आदि के लिए अगले पांच वर्ष में 192 करोड़़ अर्थात प्रति वर्ष मात्र करीब 38 करोड़ रुपए खर्च करने की ताजा घोषणा क्या ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर नहीं लगती है। मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार किसान की उपेक्षा करना भी बंद करे। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने पांच सितंबर को भारत के विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बाद आज यानी आठ सितंबर को ट्वीट किया है। उन्होंने देश की आबादी अधिकतर गरीब तथा निम्न आय वर्ग की होने पर भी चिंता जताई थी। वहीं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 30 अगस्त को एक आदेश जारी कर मदरसों के सर्वे का निर्देश दिया। सरकार ने सभी जिलों के डीएम से कहा कि वो गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे करवा कर सरकार को इसकी जानकारी दें। यूपी सरकार ने राज्य के सभी गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे 5 अक्टूबर तक कराने के निर्देश डीएम को दिए हैं। जिसको लेकर मायावती ने लिखा, मुस्लिम समाज के शोषित, उपेक्षित और दंगा पीड़ित होने की शिकायत कांग्रेस के जमाने में आम रही है। तुष्टीकरण ने नाम पर संकीर्ण राजनीति कर सत्ता में आई भाजपा की सरकार में भी इनका दमन व आतंकित करने का खेल जारी है। यह बेहद निंदनीय है। इसी क्रम में यूपी में मदरसों पर भाजपा सरकार की नजरें टेढ़ी हैं। मदरसा सर्वे के नाम पर कौम के चंदे से चलने वाले निजी मदरसों में हस्तक्षेप का प्रयास अनुचित है।
वहीं मदरसों के सर्वे के आदेश पर सबसे पहली आवाज एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने उठाई। सरकार की इस पहल के बारे में ओवैसी ने कहा था, मदरसे संविधान के अनुच्छेद 30 के अनुसार हैं तो उत्तर प्रदेश सरकार ने सर्वेक्षण का आदेश क्यों दिया है? यह कोई सर्वेक्षण नहीं है, बल्कि एक छोटा एनआरसी है। कुछ मदरसे उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड के अधीन हैं। आप क्यों शक कर रहे हैं मदरसों पर। राज्य सरकार हमारे अधिकारों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती। वे मुसलमानों को परेशान करना चाहते हैं। आपका मकसद है इस्लाम को बदनाम करना।
Monday - Saturday: 10:00 - 17:00 | |
Bahujan Swabhiman C-7/3, Yamuna Vihar, DELHI-110053, India |
|
(+91) 9958128129, (+91) 9910088048, (+91) 8448136717 |
|
bahujanswabhimannews@gmail.com |