Tuesday, 29th July 2025
Follow us on
Tuesday, 29th July 2025
Follow us on

फिर उठी ‘भील प्रदेश’ की मांग

आदिवासियों ने भरी हुंकार, बोले- अब नहीं डरेंगे
News

2025-07-18 17:49:22

नई दिल्ली। राजस्थान के बांसवाड़ा स्थित मानगढ़ धाम में एक बार फिर भील प्रदेश की मांग गूंज उठी। गुरुवार को आयोजित भील आदिवासी सम्मेलन (भील प्रदेश संदेश यात्रा) में राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के आदिवासी प्रतिनिधि पहुंचे और एक स्वर में भील प्रदेश के गठन की मांग दोहराई। सम्मेलन का आयोजन भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा और आदिवासी परिवार संस्था की ओर से किया गया। संस्था के संस्थापक मास्टर भंवरलाल परमार ने कहा कि आदिवासी भारत के मूल मालिक हैं। 70 साल में भी हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं। अब आदिवासी डरना छोड़ चुके हैं और भील प्रदेश के लिए संघर्ष तेज होगा।

45 जिलों को मिलाकर बने भील प्रदेश: राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के 45 जिलों को मिलाकर भील प्रदेश बनना चाहिए। परमार ने बताया कि कई आदिवासी क्षेत्रों में सरकारी सुविधाएं नहीं पहुंच रही हैं। गुजरात के खानपुर क्षेत्र में आदिवासियों को अब एसटी प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा, जबकि 2004-2006 तक ये जारी किए जाते थे। परमार ने कहा कि इतिहास गवाह है कि भील राजा रहे हैं। डूंगरपुर में 1282 में डूंगर भील राजा थे, जबकि बांसवाड़ा में 16वीं सदी में बांसिया भील शासन करते थे। सलूंबर में 12वीं सदी में सोनारा भील राजा थे। हमारे पूर्वज राजा-महाराजा और महिलाएं रानियां थीं। आज उनके वंशज फुटपाथ पर जीवन बिता रहे हैं।

70 साल से मांग है अधूरी: उन्होंने बताया कि सरकारों ने कभी आदिवासियों से संवाद करने की पहल नहीं की। संविधान की पांचवीं अनुसूची आदिवासियों के सम्मान और अधिकारों की बात करती है, लेकिन अब तक इसे नजरअंदाज किया गया। उन्होंने सुझाव दिया कि हर जिले का कलेक्टर, एसपी, एसडीएम और अन्य अधिकारी महीने में एक बार आदिवासी संगठनों से संवाद करें और उनकी मांगें जानें। सम्मेलन में यह भी कहा गया कि यदि आदिवासियों को उनके क्षेत्रों में पानी, रोजगार और मूलभूत सुविधाएं दी जाती तो उन्हें शहरों की ओर पलायन नहीं करना पड़ता।

जारी रहेगा संघर्ष

आदिवासी संगठनों ने स्पष्ट किया कि जब तक भील प्रदेश की मांग पूरी नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उनका कहना है कि ये आंदोलन आदिवासियों की अस्मिता, अधिकार और इतिहास की पुनर्प्राप्ति के लिए है। बांसवाड़ा-डूंगरपुर से बीएपी सांसद राजकुमार रोत ने 15 जुलाई को सोशल मीडिया पर भील प्रदेश का नक्शा जारी कर लोगों से सम्मेलन में शामिल होने की अपील की थी। इस पर भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे प्रदेशद्रोह करार दिया और इसे एक राजनीतिक स्टंट बताया। जवाब में सांसद रोत ने कहा कि उन्हें राठौड़ से ऐसी टिप्पणी की उम्मीद नहीं थी। भील प्रदेश की मांग 1913 के मानगढ़ नरसंहार के बाद उठी थी, जब ब्रिटिश सेना ने गोविंद गुरु के नेतृत्व में सैकड़ों भीलों की हत्या की थी। यह घटना आदिवासी जलियांवाला के रूप में जानी जाती है।

Post Your Comment here.
Characters allowed :


01 जनवरी : मूलनिवासी शौर्य दिवस (भीमा कोरेगांव-पुणे) (1818)

01 जनवरी : राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले और राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले द्वारा प्रथम भारतीय पाठशाला प्रारंभ (1848)

01 जनवरी : बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा ‘द अनटचैबिल्स’ नामक पुस्तक का प्रकाशन (1948)

01 जनवरी : मण्डल आयोग का गठन (1979)

02 जनवरी : गुरु कबीर स्मृति दिवस (1476)

03 जनवरी : राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले जयंती दिवस (1831)

06 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. जयंती (1904)

08 जनवरी : विश्व बौद्ध ध्वज दिवस (1891)

09 जनवरी : प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख जन्म दिवस (1831)

12 जनवरी : राजमाता जिजाऊ जयंती दिवस (1598)

12 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. स्मृति दिवस (1939)

12 जनवरी : उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद ने बाबा साहेब को डी.लिट. की उपाधि प्रदान की (1953)

12 जनवरी : चंद्रिका प्रसाद जिज्ञासु परिनिर्वाण दिवस (1972)

13 जनवरी : तिलका मांझी शाहदत दिवस (1785)

14 जनवरी : सर मंगूराम मंगोलिया जन्म दिवस (1886)

15 जनवरी : बहन कुमारी मायावती जयंती दिवस (1956)

18 जनवरी : अब्दुल कय्यूम अंसारी स्मृति दिवस (1973)

18 जनवरी : बाबासाहेब द्वारा राणाडे, गांधी व जिन्ना पर प्रवचन (1943)

23 जनवरी : अहमदाबाद में डॉ. अम्बेडकर ने शांतिपूर्ण मार्च निकालकर सभा को संबोधित किया (1938)

24 जनवरी : राजर्षि छत्रपति साहूजी महाराज द्वारा प्राथमिक शिक्षा को मुफ्त व अनिवार्य करने का आदेश (1917)

24 जनवरी : कर्पूरी ठाकुर जयंती दिवस (1924)

26 जनवरी : गणतंत्र दिवस (1950)

27 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर का साउथ बरो कमीशन के सामने साक्षात्कार (1919)

29 जनवरी : महाप्राण जोगेन्द्रनाथ मण्डल जयंती दिवस (1904)

30 जनवरी : सत्यनारायण गोयनका का जन्मदिवस (1924)

31 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर द्वारा आंदोलन के मुखपत्र ‘‘मूकनायक’’ का प्रारम्भ (1920)

2024-01-13 16:38:05