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हिंदुत्व की वैचारिकी से समाज में बढ़ रहा सांप्रदायिक जहर

News

2024-09-07 09:17:01

भारत एक विषमतावादी संस्कृतियों का देश है, जहाँ पर भिन्न-भिन्न संस्कृतियों और समुदायों के लोग निवास करते हैं। इसलिए इस देश को एक जाति, संप्रदाय और धर्म का देश नहीं कहा जा सकता। यहाँ की भूमि पर विभिन्न संप्रदायों, धर्मों के लोग वास करते हैं। बाबा साहब डॉ. आंबेडकर ने इन्हीं तथ्यों और भारत की सामाजिक व्यवस्था को देखते हुए यहाँ के लोगों के लिए समतावादी संविधान दिया, सबको सब तरह से समान बनाया और सबको सभी प्रकार के समान अधिकार दिये। धर्म के आधार पर सभी बराबर है, किसी भी एक धर्म को न अच्छा बताया न बुरा बताया। सभी के लिए समान कानून व्यवस्था, न्याय व्यवस्था और धार्मिक व्यवस्था के प्रावधान दिये। किसी भी आधार पर कोई भी व्यक्ति न श्रेष्ठ है, न नीचा है और न ऊँचा है। इस सबके बाबजूद पिछले 10 वर्षों के दौरान हिंदुत्व की वैचारिकी ने समाज में धार्मिक नफरत के बीज बोये हैं। इन नफरती बीजों की बदौलत ही वे अपनी राजनीतिक सत्ता स्थापित करना चाहते हैं। हिंदुत्व की वैचारिकी सिर्फ हिन्दू धर्म की बात करती है और उसी के आधार पर देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित करना चाहती है। हिंदुत्व की वैचारिकी के कथित कट्टरवादी लोग समाज में गौरक्षक बनकर उपद्रव और अशांति मचा रहे हैं। अभी हाल में आर्यन मिश्रा नाम के युवक की हत्या कर दी गई। जिसका कारण बताया गया कि हरियाणा के फरीदाबाद में गो-तस्करी के शक में 12वीं कक्षा के छात्र आर्यन मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। शायद उनको यह लगा होगा कि आर्यन मिश्रा कोई मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखता है इसलिए मुस्लिम समझकर उसकी हत्या करना डबल इंजन की सरकार में सामान्य सी बात मानी जा रही है। लेकिन आर्यन मिश्रा की माँ और बाप ने जो इस घटना पर अपना बयान दर्ज कराया है वह काबले तारीफ है। हिंदुत्व की विचारधारा रखने वाले लोगों को ऐसी बातें सुनकर स्वयं ही मर जाना चाहिए मगर ब्राह्मणी संस्कृति के ये लोग इतने बेशर्म होते हैं कि इनपर कोई असर ही नहीं पड़ता।

हिंदुत्व की वैचारिकी के लोग कर रहे दलितों का उत्पीड़न: मोदी संघी शासन में यह बात आम हो चली है कि दलितों और मुस्लिम समुदायों में भय कायम करने के लिए उनका अमानवीय उत्पीड़न करो और दलित लड़के लड़कियों की जान ले लो। हालही में दो दिन पहले अमर कालोनी, दिल्ली में एक दलित युवक को उसका एक दोस्त बाइक पर बैठाकर ले गया और वहाँ पर पहले से मौजूद चार दोस्तों ने उसके साथ इतना वीभत्स अमानवीय कृत्य किया कि वह गंभीर रूप से घायल होकर अचेत हो गया जिसको ये सभी आरोपी मरा हुआ समझकर छोड़ गए। यह लड़का सोनी नाम का था उसको उसके परिजनों ने जीटीबी अस्पताल दिल्ली में भर्ती कराया लेकिन उसकी चोटे इतनी गंभीर थी कि अस्पताल के डॉक्टर उसे बचाने में असफल रहे। सोनी नाम का यह लड़का शिक्षा मंत्रालय में अस्थाई कर्मचारी के पद पर कार्यरत था जिसे हिंदुत्व की वैचारिकी वाले 3-4 ब्राह्मण समाज के लड़कों द्वारा खत्म कर दिया गया। ये कुछेक उदाहरण हिंदुत्व की वैचारिकी वाले षड्यंत्रों के प्रतिफल है। बहुजन समाज को इन सबसे सीख लेनी चाहिए और हिंदुत्व की वैचारिकी वाले समुदायों को न अपना दोस्त बनाना चाहिए और न उनसे नजदियाँ बनानी चाहिए।

हिंदुत्व की वैचारिकी वाले लोग अभी तक मूँछ रखने पर, घोड़ी चढ़ने पर दलितों को प्रताड़ित कर रहे थे मगर अब उन्होंने अपनी कार्यशैली में परिवर्तन करके दलितों की हत्या करना भी शुरू कर दिया है। ऐसी घटनाओं से सबक लेकर सारे दलित समाज को सावधान हो जाना चाहिए। समाज के युवकों और युवतियों को हिंदुत्व की वैचारिकी से भी अवगत रहना चाहिए। दलित युवक-युवतियों को यह बताने में भी समाज को संकोच नहीं करना चाहिए कि इस देश में मुसलमान दलितों का दुश्मन नहीं है। बल्कि इस देश में हिंदुत्व की वैचारिकी वाले लोग दलितों के कट्टर दुश्मन है। अब वह वक्त नजदीक आ रहा है जब दलित समाज के सभी जातीय घटकों को इकट्टा होकर एक मत के साथ अपने हाथों में लठ संभालकर ब्राह्मणी संस्कृति के हिंदुत्ववादी वैचारिकी के लोगों का मुकाबला करना पड़ेगा और जिस तरह भीमा कोरे गाँव के युद्ध में 500 महार सैनिकों ने 28000 पेशवा सैनिकों (ब्राह्मणों) को मार गिराया था उसी तर्ज पर दलितों को इस देश से ब्राह्मणी संस्कृति की हिंदुत्ववादी विचारधारा को मिटाना होगा।

जय भीम, जय संविधान

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01 जनवरी : मूलनिवासी शौर्य दिवस (भीमा कोरेगांव-पुणे) (1818)

01 जनवरी : राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले और राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले द्वारा प्रथम भारतीय पाठशाला प्रारंभ (1848)

01 जनवरी : बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा ‘द अनटचैबिल्स’ नामक पुस्तक का प्रकाशन (1948)

01 जनवरी : मण्डल आयोग का गठन (1979)

02 जनवरी : गुरु कबीर स्मृति दिवस (1476)

03 जनवरी : राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले जयंती दिवस (1831)

06 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. जयंती (1904)

08 जनवरी : विश्व बौद्ध ध्वज दिवस (1891)

09 जनवरी : प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख जन्म दिवस (1831)

12 जनवरी : राजमाता जिजाऊ जयंती दिवस (1598)

12 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. स्मृति दिवस (1939)

12 जनवरी : उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद ने बाबा साहेब को डी.लिट. की उपाधि प्रदान की (1953)

12 जनवरी : चंद्रिका प्रसाद जिज्ञासु परिनिर्वाण दिवस (1972)

13 जनवरी : तिलका मांझी शाहदत दिवस (1785)

14 जनवरी : सर मंगूराम मंगोलिया जन्म दिवस (1886)

15 जनवरी : बहन कुमारी मायावती जयंती दिवस (1956)

18 जनवरी : अब्दुल कय्यूम अंसारी स्मृति दिवस (1973)

18 जनवरी : बाबासाहेब द्वारा राणाडे, गांधी व जिन्ना पर प्रवचन (1943)

23 जनवरी : अहमदाबाद में डॉ. अम्बेडकर ने शांतिपूर्ण मार्च निकालकर सभा को संबोधित किया (1938)

24 जनवरी : राजर्षि छत्रपति साहूजी महाराज द्वारा प्राथमिक शिक्षा को मुफ्त व अनिवार्य करने का आदेश (1917)

24 जनवरी : कर्पूरी ठाकुर जयंती दिवस (1924)

26 जनवरी : गणतंत्र दिवस (1950)

27 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर का साउथ बरो कमीशन के सामने साक्षात्कार (1919)

29 जनवरी : महाप्राण जोगेन्द्रनाथ मण्डल जयंती दिवस (1904)

30 जनवरी : सत्यनारायण गोयनका का जन्मदिवस (1924)

31 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर द्वारा आंदोलन के मुखपत्र ‘‘मूकनायक’’ का प्रारम्भ (1920)

2024-01-13 11:08:05