2025-11-08 14:47:35
जंगलराज का अर्थ है, जब किसी भी प्रदेश में अराजकता फैली हुई हो, कानून का राज समाप्त हो गया हो, राज्य के संवैधानिक निकाय अपना कार्य ठीक से नहीं कर रहे हों, जनता की समस्याएँ और उसके साथ बढ़ते अपराध का निवारण न किया जा रहा हो, सत्ता में बैठी सरकार अपराध करने वालो की समर्थक बनी हुई हो, सरकार की ऐसी व्यवस्था को जंगलराज कहा जाता है। बिहार में पिछले बीस वर्षों से नीतीश के नेतृत्व में डबल इंजन की संघी सरकार है। मोदी-नीतीश सरकार बिहार की जनता को भ्रमित करने के उद्देश्य से कह रही है कि विपक्ष दोबारा से बिहार में जंगलराज लाना चाहता है। बिहार के राजनैतिक दलों से आग्रह है कि वे वर्तमान सरकारों में घटीत घटनाओं से जनता को अवगत करायें तथा जनता 20 वर्षों के नीतीश और भाजपा की डबल इंजन की सरकार के डबल जंगलराज पर सवाल पूछें? जनता वर्तमान सरकार से जानना चाहती है कि पिछले 20 वर्षों से आप सरकार में हैं तो क्या आपने, जंगलराज कम किया है या डबल किया है? जहां-जहां मोदी की डबल इंजन की सरकारें हैं, वहाँ-वहाँ पर दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों व महिलाओं के साथ अपराधिक घटनाएँ अधिक घट रही हैं।
बिहार का जंगलराज:
बिहार में अपराध दर राष्ट्रीय औसत से 15 प्रतिशत अधिक है। बिहार में लगातार हो रही घटनाएँ बिहार में जंगलराज के खुले खेल को प्रदर्शित कर रही है। 2025 में हत्याएं, गोलीबारी और जातिगत हिंसा की घटनाएँ बढ़ी है, जून 2025 तक 1379 हत्याएँ हुई हैं। बिहार में 24 घंटे में 10 हत्याएं जिनमें व्यापारी, शिक्षक, वकील आदि लोग हैं।
दलित लड़की के साथ बलात्कार और हत्या: नाबालिक को जंगल में ले जाकर क्रूरता, पुलिस कार्रवाई में देरी।
प्रसिद्ध व्यापारी गोपाल खेमका की हत्या: बेटे की हत्या के बाद पिता को गोली मारी, माँ ने सरकार से न्याय की गुहार लगाई।
5 जुलाई 2025 को पटना में 48 घंटे में 4 मर्डर: जातिगत एंगेल से हुई ये हत्याएं, पुलिस बेबश।
पटना/आरा, 31 अक्टूबर 2025 नेता सुरेन्द्र केवट की गोली मारकर हत्या: दिन-दहाड़े व्यापारी को मारा, परिवार ने आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया।
पटना, 13 जुलाई 2025 आरा में 25 करोड़ की ज्वैलरी की लूट: 6 बदमाशों ने शॉरूम लूटा। अपराधी बेखौफ, व्यापारी और दलित असुरक्षित।
उत्तर प्रदेश का जंगलराज
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो 2024 के आंकड़ों के अनुसार, यूपी में हत्या और लूट के मामले पिछले साल के मुताबिक 15 प्रतिशत बढ़े हैं।
हरिओम वाल्मीकि की लिंचिंग: रायबरेली में 6 अक्टूबर को ‘ड्रोन चोर’ अफवाह पर भीड़ ने पीट-पीटकर हरिओम वाल्मीकि की हत्या कर दी, पुलिस मौके पर थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
एलएलबी छात्र पर हमला: 28 अक्टूूबर, कानपुर में दबंगों ने चाकू से उँगलियाँ काटी, पेट फाड़ा, योगी पुलिस ने उलटा पीड़ित परिवार पर ही मुकदमा दर्ज किया।
युवती का अपहरण और हत्या: 27 अक्टूबर, बिजनौर में ट्यूशन से लौट रही लड़की को जहर दिया गया, रास्ते में मरी हुई मिली।
शालू चौरसिया पर हमला: 28 अक्टूबर, देवरिया, घर में घुसकर पीटा, गालियां दी, पाँच दिन बीत जाने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं की गयी।
हिस्ट्री शीटर का बयान: भाजपा सांसद ने खुद को कानपुर देहात का सबसे बड़ा हिस्ट्री शीटर कहा। ये घटनाएँ दर्शाती हैं कि योगी सरकार में अपराधियों के हौसले बुलंद है, योगी पुलिस पक्षपाती या निष्क्रिय दिखती है।
महाराष्ट्र सरकार में जंगलराज:
महाराष्ट्र में आदिवासी समाज पर अत्याचार, जंगल विनाश, पुलिस निष्क्रियता और राजनीतिक हिंसा दर्शाती है डबल जंगलराज। महाराष्ट्र में अपराध दर में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है यह वृद्धि आदिवासी इलाको में अधिक हुई है।
पारधी आदिवासी जनजाति पर क्रूर अत्याचार: बीड में आदिवासी व्यक्ति को पीट-पीटकर मार डाला, घर जला दिये गए, जंगली जानवरों के बहाने आदिवासी समुदाय को अपराधी ठहराया गया।
सरपंच संतोष देशमुख की क्रूर हत्या: वाहन से लटकाकर घसीटा, पेशाब किया और वीडियो बनाया।
1.23 लाख पेड़ों की कटाई: 9 सौ हेक्टेयर जंगल नष्ट, 50 हजार आदिवासी बेदखल, विकास के नाम पर मोदी-फडनवीस का विनाशकारी कृत्य।
मुसलमानों पर हमले: मोदी-संघी शासन में जनता का आरोप कि संघी मानसिकता के लोग देश के अल्पसंख्यकों को जब चाहे तब मार दें, जिसपर संबंधित पुलिस और कोर्ट संज्ञान लेती नहीं दिखती।
मध्य प्रदेश में जंगलराज :
आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश में अपराध दर 14 प्रतिशत बढ़ी है, ये अपराध ग्रामीण आदिवासी क्षेत्रों में अधिक पाये गए हैं। 2025 में दलित आदिवासी इलाकों में हिंसा, हत्याएं व पुलिस पक्षपात अधिक बढ़ा है।
पिछड़ा वर्ग मण्डल अध्यक्ष की गोली मारकर हत्या: दिन-दहाड़े बीजेपी नेता को गोली से मार डाला; पुलिस की निष्क्रियता साफ दिखाई देती है।
किसान की निर्मम हत्या: बीजेपी नेता ने किसान को मारा, बेटी के कपड़े फाड़े; परिवार पर हमला किया।
गुना में 29 अक्टूबर 2025 को दुकानदार को जिंदा जलाया: व्यापारी पर हमला किया, दुकान में आग लगाई,कानून व्यवस्था ध्वस्त।
सतना, 2 नवम्बर 2025 को दलित बस्ती पर दबंगों का तांडव: 500 दबंगों ने घर तोड़े, महिलाओं-बच्चों पर हमला; पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
राशन मांगने पर गोली: दो युवकों पर फायरिंग, एक की मौत; गरीबों पर अत्याचार।
छतरपुर, जून 2025 को पीडीए परिवार पर हमला: 15 गुंडों ने गोली मारी, पत्नी बच्चों को अगवाह किया; जातिगत हिंसा फैलाई जा रही है।
घटनाएँ दशार्ती है कि अपराधी बेखौफ हैं, दलित-आदिवासी असुरक्षित है। वन क्षेत्र में आदिवासी विस्थापन भी बढ़ा है।
राजस्थान में जंगलराज
राजस्थान में भाजपा संघियों की सरकार है जहां पर आए दिन लूट, हत्याएं व एससी-एसटी, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है।
भरतपुर 3 नवम्बर, 2025 ज्ञानचंद जाट और उनके पुत्र पर जानलेवा हमला हुआ। स्थानीय पुलिस ने डबल इंजन की सरकार के दबाव में आरोपियों को बचाया, दो दिन बाद भी एक्शन नहीं।
कोटा (सांगोद, निमोदा गाँव), 4 नवंबर: चरवाहे विक्रम मीणा की वन कर्मियों द्वारा पिटाई और फिर हत्या। कपड़े उतरकर मारपीट, न्याय की मांग पर पुलिस लाठीचार्ज।
जयपुर ग्रामीण (जमवारामगढ़ रायसर), अक्टूबर: बजरी माफिया ने वन रेंचर को ट्रेक्टर से कुचलकर मार डाला, वन रक्षक घायल, माफिया बेखौफ।
जैसलमेर (पोकरण, छायण-लोहार) अक्टूबर 2025: छात्र की लाइब्रेरी में हत्या, सरकारी जगह पर वारदात, अपराधी बेलगाम।
दोसा (लाल शॉर्ट रालावास) मार्च 2025: उपरोक्त सभी घटनाएँ दर्शाती है कि राजस्थान में बजरी, शराब, खनन आदि के दबंग बेखौफ हैं, पुलिस अक्सर अपराधियों के साथ पक्षपाती व्यवहार करती है। इस प्रकार की सभी घटनाएँ राजस्थान में बढ़ रही है। अपराधी बेखौफ है, राजस्थानवासी डबल इंजन की सरकार के पक्षपाती रवैये से तंग आ चुके हैं और कह रहे हैं कि हमें डबल इंजन की पक्षपाती सरकार नहीं चाहिए।
हरियाणा का जंगलराज
हरियाणा की कानून व्यवस्था स्पष्ट रूप से ध्वस्त नजर आ रही है। यहाँ पर गैंगवार, हत्याएं महिलाओं और दलितों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं। पुलिस निष्क्रिय रहती है या फिर सरकार के दबाव में अपराधियों को बचाने का काम करती है। 5 नवम्बर 2025 को सोनीपत के बॉक्सर गैंग की गिरफ्तारी, जींद में 24 घंटे में 3 हत्याएं आदि बेखौफ तरीके से की गई। हरियाणा में अपराध दर राष्ट्रीय औसत से 20 प्रतिशत अधिक है, हत्या के रोज तीन मामले और अपहरण के रोज 11 मामले, इस तरह की घटनाएँ जंगलराज को दर्शाने के लिए पर्याप्त है।
छतीसगढ़ का जंगलराज
छत्तीसगढ़ में डबल इंजन की सरकार है यहाँ पर अपराध, नक्सल हिंसा, आदिवासियों पर अत्याचार, पुलिस की निष्क्रियता और बढ़ता राजनैतिक भ्रष्टाचार मौजूदा सरकार की पोल खोलता है। आंकड़ों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में अपराध दर 8 प्रतिशत बढ़ा है।
15 अप्रैल 2025 बीजा में आदिवासी युवक की फर्जी एनकाउंटर में हत्या, निर्दोष को नक्सली बताकर गोली मारी, परिवार ने विरोध प्रदर्शन किया।
दांतेवाला 20 जून 2025 सरकारी स्कूल शिक्षक की नक्सलियों द्वारा हत्या, ग्रामीण इलाकों में घुसकर मारा, बच्चों में दहशत का माहौल।
सुकमा, 10 अगस्त 2025, बजरी माफिया ने वन रक्षक को पीट-पीटकर मार डाला, खनन के दौरान हमला पुलिस ने मामले को दबाया।
कांकेर, 5 सितम्बर 2025 आदिवासी महिलाओं पर सामूहिक दुष्कर्म, तीन महिलाओं पर हमला, वीडियों वायरल, पुलिस की कार्रवाई में सुस्ती।
बस्तर, 25 अक्टूबर 2025 नक्सल कैडर के 31 शव बरामद।
ये घटनाएँ दर्शाती है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में हिंसा अभी उसी तरह बनी हुई है और वहाँ के आदिवासी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
जंगलराज की उपरोक्त कुछेक बानगियाँ जहां पर डबल इंजन की सरकारें हैं स्पष्ट रुप से दर्शाती है कि जहां-जहां पर मोदी और संघी मानसिकता की सरकारें हैं वहाँ-वहाँ पर जंगलराज के दृश्य हजारों मील से भारतीय जनता को साफ दिखाई देते हैं। लेकिन मोदी संघी सरकार चुनाव में हेरा-फेरी, वोट चोरी, ईवीएम में गड़बड़ी, प्रशासनिक तंत्र चुनाव आयोग सहित पर कब्जा करके देश की जनता को दर्शा रही है कि भाजपा चुनाव जीतकर राज्यों में अपनी सरकार बनाने में कामयाब हो रही है। भाजपा संघियों का कहना है कि विपक्ष को देश में भाजपा की बढ़ती पकड़ और फैलाव रास नहीं आ रहा है, इसलिए वह सरकार की आलोचना कर रहा है, जो तथ्यों के आधार पर असत्य ही साबित हो रहा है, देश की जनता को तथ्यों को देखकर अपनी आंखे खोल लेनी चाहिए।
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 5 नवम्बर को दावे के साथ बताया कि हरियाणा का चुनाव भाजपा संघियों ने वोट चोरी के आधार पर जीता था। राहुल ने बताया कि 25.41 लाख वोटों की चोरी हुई थी, 19 लाख से ज्यादा बल्क वोटर, 5,21,619 डुप्लीकेट वोटर बनाए। 1,24,177 के फोटो फर्जी, 93,174 वोटों के पते अमान्य। राहुल गांधी के इन दावों से चुनाव आयोग सरकार को बचाते हुए दिखा, जो देश की जनता के गले से नीचे नहीं उतर रहा है।
तथ्यों को देखकर जनता को अब यह साफ नजर आने लगा है कि देश में मोदी-संघियों की डबल इंजन की सरकारों के द्वारा संवैधानिक प्रावधानों को ध्वस्त करके, मोदी-संघी और उनके सहयोगी नीतीश व चंद्रबाबू नायडू जैसे लालची/स्वार्थी राजनेता देश के लोकतंत्र के लिए सबसे बड़े खतरे बन चुके हैं। इसलिए बिहार में हो रहे विधान सभा चुनाव में मोदी भाजपा और नीतीश के प्रत्याशियों को भारी मतों से हराया जाएँ और बिहार को समृद्ध व सुखी बनाने के लिए अच्छे, जनता के हमदर्द प्रत्याशियों को अपना वोट देकर जिताया जाये। भाजपा समर्थित वोट कटुवा दलित राजनेताओं जैस- चिराग पासवान, जीतनराम मांझी, बहन मायावती जी व अन्य जातीय घटकों के नेताओं के छलावों में न फँसकर बिहार और उसकी जनता के हित में वोट किया जाये।
आज देश में बहुजन समाज के राजनैतिक नेता हद से ज्यादा स्वार्थी और लालची बन चुके हैं। समाज का हित उनकी मानसिकता में है ही नहीं और वे सभी छिपे ढंग से मनुवादियों संघियों की सरकारें बनवाने में मदद कर रहे हैं। बहुजन समाज को अपने ऐसे नेताओं से डबल सावधान रहना चाहिए, चूंकि देश और बिहार में जातिवाद का बोलवाला है। मतदाता जाति के आधार पर ही वोट देना अधिक पसंद करता है। इसलिए मोदी-संघियों ने बहुजन समाज के छोटे जातीय संगठनों को मैदान में उतारकर उनके वोटों के बंदरबाट की योजना बनाई हुई है।





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