2022-08-27 07:30:21
दीपक प्रकाश देता है मगर इसके लिए उसे तिल-तिल जल कर मरना होता है। इसे बहुत कम लोग जानते हैं। यही बात महाराष्ट्र के दलित कवि अन्ना भाऊ साठे पर लागू होती है। अण्णाभाऊ का पूरा नाम तुकाराम भाऊ साठे था। उनका जन्म 1 अगस्त 1920 को सांगली जिले के वाटेगाँव में हुआ था। इनके पिता का नाम भाऊराव और माता का नाम वालूबाई था। उनका विवाह जयवंती बाई से हुआ था। शुरू में वे बम्बई के घाटकोपर के चिराग नगर की एक चाल में रहा करते थे।
उनका जन्म मांग जाति में हुआ था। जिसे अंग्रेजों ने अपराधी जाति घोषित कर रखा था। हिन्दू वर्णाश्रम धर्म में मांग जाति के लोगों का कार्य गाँव की पहरेदारी करना होता है। उनके घरों की दीवारों पर तलवारे लटकती रहती है मगर, घर में खाने को नहीं रहता। अण्णा भाऊ भी इससे अलग नहीं थे।
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