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सरकार के असंवैधानिक जहरीले षड्यंत्रों से सावधान

News

2024-04-13 10:49:51

8 अप्रैल 2024 को गुजरात सरकार ने एक सर्कुलर जारी किया जिसके अनुसार बौद्ध धर्म को एक अलग धर्म माना है। अब हिन्दू धर्म से बौद्ध धर्म में परिवर्तित होने के लिए गुजरात धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 2003 के प्रावधानों के तहत संबंधित जिलाधिकारी (डीएम) की पूर्व मंजूरी की आवश्यकता होगी। जो संविधान के अनुच्छेद-25 का खुला उल्लंघन है। यह सर्कुलर हिंदूत्व की मनुस्मृति का जहरीला विचार दलितों पर परोक्ष रुप से थोपा रहा है। बहुजन समाज के सामाजिक संगठनों व राजनैतिक पार्टियों को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए तथा इसका खुलकर विरोध करना चाहिए। बसपा प्रमुख बहन मायावती जी से आग्रह है कि वे इस तरह के आतातायी सर्कुलर का संज्ञान लें और बहुजन समाज को आव्हान करें कि भाजपा-संघीयों के षडयंत्रकारी कार्यों से सावधान रहें। संघीयों के इस प्रकार के छिपे मनुवादी ऐजडों को समझें और समाज को जागरूक करें। बड़े पैमाने पर भाजपा-संघियों का आने वाले लोकसभा चुनावों मे विरोध करें। अगर कोई भी बहुजन समाज का व्यक्ति भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ें उसको वोट न करने का सामूहिक संकल्प लें। चाहे कोई कुछ भी कहे, भाजपा मूल रूप में दलित विरोधी हैं। बहुजन समाज अपने महापुरूषों के विचार और सुझावों को समझें और उनपर चलें। भाजपा-संघी लोग न दलित हितैषी कभी थे ओर न आगे होंगे। संघी-हिंदूत्व की विचारधारा ने ही आज दलित कहे जाने वाले समुदाय को समाज में नीच बनाया और देश की संपदा में हिस्सेदारी से वंचित किया। दलितों भाजपा-संघीयों के इस छलावे से दिग्भ्रमित न होना कि भाजपा ने दलित राष्ट्रपति दिया है और न इस छलावे में आना कि भाजपा सरकार ने बाबा साहेब के नाम से जड़े स्थानों का कायाकल्प किया है। बहुजन समाज बुद्धि से समझें कि बाबा साहेब के अनुयाइयों के लिए विचारधारा महत्वपूर्ण है और वे इससे समझौता नहीं कर सकते। भाजपा- संघी लोगों की विचारधारा है कि दलितों पर छिपकर वार करो। भाजपा विश्वास के लायक नहीं है। इन्होनें दलितों के शासन अपनी ठग विद्या से ही हड़पा है। मोदी के मुफ्त के पांच किलो अनाज के छलावे में न फंसे। उनका यह छलावा आपकी आने वाली पीढ़ियों के लिए जान का जंजाल बन सकता है। बाबा साहेब डॉ. अम्बेकर की 133वीं जयंती पर मोदी-भाजपा एक और नया पैंतरा लेकर आयी है वे आज ही के दिन भाजपा का संकल्प पत्र जारी करके दलित वोटरों को लुभाना चाहती है। उनकी इस चाल को कामयाब न होनें दें तथा उनके किसी भी झूठे संकल्प पर भरोसा न करें। मोदी-भाजपा के पिछले 10 वर्ष के शासन में सिर्फ झूठे वायदे, छलावे और चालाकी भरी गारंटियां परोसी गई हैं जिनमें से आज तक एक भी पूरी नहीं हुई है। आज पूरा बहुजन समाज महंगाई, बेरोजगारी, भष्टाचार व डर के माहौल में जीने को मजबूर है। जहां-जहां भाजपा की डबल इंजन की सरकारें हैं वहां पर दलितों के ऊपर उत्पीड़न की घटनायें, महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनायें, मॉब लिंचिंग की घटनायें, दलितों को घोड़ी पर चढ़ने, मूंछ रखने व छात्रों को घड़े से पानी पीने पर जान से मारने की सजा दी गई है। बहुजनों को चुनाव में अपना वोट देते वक्त यह सबकुछ याद रखकर अपना मत देना चाहिए। मोदी के भाजपा सांसद व उनके समर्थक खुलेआम आज संविधान बदलने की बात कर रहे हैं और उनके ऐसे बयान मोदी की मौन सहमति के आधार पर ही आ रहे हैं।

बहुजन समाज इन सबका पुरजोर विरोध करता है और अपने अधिकार व सम्मान के लिए सामने खड़ा होकर किसी भी हद तक जाकर संघर्ष के लिए तैयार है। और किसी भी हद तक जाकर मनुवादियों के मनसूबों को साकार नहीं होने देगा। कुछेक बहुजन समाज के राजनैतिक दलाल अपने आपको चमकाने के लिए भाजपा की वकालत कर सकते हैं उन्हें समाज अपना दुश्मन ही समझे। चूंकि अतीत से ही मनुवादी ब्राह्मणी संस्कृति का खेल यही रहा है कि दलितों (बहुजन समुदाय) के खिलाफ दलितों के कमसमझ, गद्दार व लालची लोगों को ही इस्तेमाल करो। मोदी-भाजपा आज इसी खेल से दलितों में सैंध लगा रही है और उन्हें अपने मकसद के लिए इस्तेमाल कर रही है। हम सभी दलित समाज के भाई-बहनों से अपील करते हैं कि वे संघियों के खेल को समझें और अपने आपको इनके छलावों व षड्यत्रों में न फंसने दें। इस चुनाव मोदी हटाओ, देश व संविधान बचाओ

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01 जनवरी : मूलनिवासी शौर्य दिवस (भीमा कोरेगांव-पुणे) (1818)

01 जनवरी : राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले और राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले द्वारा प्रथम भारतीय पाठशाला प्रारंभ (1848)

01 जनवरी : बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा ‘द अनटचैबिल्स’ नामक पुस्तक का प्रकाशन (1948)

01 जनवरी : मण्डल आयोग का गठन (1979)

02 जनवरी : गुरु कबीर स्मृति दिवस (1476)

03 जनवरी : राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले जयंती दिवस (1831)

06 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. जयंती (1904)

08 जनवरी : विश्व बौद्ध ध्वज दिवस (1891)

09 जनवरी : प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख जन्म दिवस (1831)

12 जनवरी : राजमाता जिजाऊ जयंती दिवस (1598)

12 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. स्मृति दिवस (1939)

12 जनवरी : उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद ने बाबा साहेब को डी.लिट. की उपाधि प्रदान की (1953)

12 जनवरी : चंद्रिका प्रसाद जिज्ञासु परिनिर्वाण दिवस (1972)

13 जनवरी : तिलका मांझी शाहदत दिवस (1785)

14 जनवरी : सर मंगूराम मंगोलिया जन्म दिवस (1886)

15 जनवरी : बहन कुमारी मायावती जयंती दिवस (1956)

18 जनवरी : अब्दुल कय्यूम अंसारी स्मृति दिवस (1973)

18 जनवरी : बाबासाहेब द्वारा राणाडे, गांधी व जिन्ना पर प्रवचन (1943)

23 जनवरी : अहमदाबाद में डॉ. अम्बेडकर ने शांतिपूर्ण मार्च निकालकर सभा को संबोधित किया (1938)

24 जनवरी : राजर्षि छत्रपति साहूजी महाराज द्वारा प्राथमिक शिक्षा को मुफ्त व अनिवार्य करने का आदेश (1917)

24 जनवरी : कर्पूरी ठाकुर जयंती दिवस (1924)

26 जनवरी : गणतंत्र दिवस (1950)

27 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर का साउथ बरो कमीशन के सामने साक्षात्कार (1919)

29 जनवरी : महाप्राण जोगेन्द्रनाथ मण्डल जयंती दिवस (1904)

30 जनवरी : सत्यनारायण गोयनका का जन्मदिवस (1924)

31 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर द्वारा आंदोलन के मुखपत्र ‘‘मूकनायक’’ का प्रारम्भ (1920)

2024-01-13 11:08:05