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भाजपा के छिपे षड्यंत्रकारी व देश विरोधी बयानों की पोलखोल

News

2024-03-18 10:18:23

भाजपा की संविधान के खिलाफ यह पहली प्रतिक्रिया नहीं है अगर हम भाजपा के मूल इतिहास को देखे और समझें तो हमें 1924 में जाकर मुंजे जो उस वक्त कांग्रेस के सदस्य ही थे। 1924 में जब कांग्रेस के अध्यक्ष गांधी बने तो उन्होंने कांग्रेस के संविधान में दो प्रावधान ह्यअहिंसाह्ण और ह्यधर्मनिरपेक्षताह्ण जोड़े। जिससे नाराज होकर मुंजे ने कांग्रेस की सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया था और मुंजे इटली के तत्कालीन तानाशाह मुसोलिनी से इटली में जाकर मिले थे। मुसोलिनी के साथ विचार-विमर्श के दौरान मुसोलिनी ने मुंजे को बताया था कि इटली के लोग अच्छे है मगर वे इटली के महान रोमन साम्राज्य पर गर्व नहीं करते। यही बात मुंजे के मस्तिष्क में घर कर गई और मुंजे ने वापस देश में आकर इसकी बलिराम हेडगावर से चर्चा की और इसी भावना के तहत 1925 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना की गई थी।

इस चर्चा का यहाँ बताने का मतलब है कि संघ की बुनियादी सोच फासिस्ट, मानवता विरोधी और असंवैधानिक है। संविधान को न मानने वाले अनंत हेगड़े जैसे भाजपा के अकेले व्यक्ति नहीं है इससे पहले भी भाजपा की मूल पार्टी रही जनसंघ में पले-बड़े संघी मानसिकता के लोगों की भी यही विचारधारा थी। जिसके आधार पर यह माना जा सकता है कि वर्तमान भाजपा के संघी मानसिकता वाले नेता मानवता विरोधी, संविधान विरोधी और देश विरोधी है। भाजपा और उनकी मूल पार्टी जनसंघ के नेताओं ने आजादी के संघर्ष में अंग्रेजी सरकार से मिलकर देश की आजादी के लिए लड़ रहे देश के क्रांतिकारियों की मुकबरी भी की थी। जिससे पता चलता है कि भाजपा के सभी संघी नेताओं की मानसिकता में देश विरोधी दोष है, वे देश की सामाजिक व्यवस्था में हमेशा उथल-पुथल और शांति बनाए रखने के खिलाफ होते हैं। देश के सामाजिक सद्भाव, भाईचारे को नष्ट करने के षड्यंत्र रचते रहते हैं। इनकी मानसिकता में षड्यंत्रकारी बीज छिपे हैं जिसकी वजह से सभी संघी भाजपा सदस्य षड्यंत्रकारी कार्यक्रमों की रचना करते रहते हैं। ऐसे षड्यंत्रकारी संघी मानसिकता के नेताओं से देश के नौजवानों को सजग और सावधान रहना चाहिए। इनके छलावामयी जाल में न फँसने का संकल्प लेना चाहिए। हिन्दू-मुसलमान के नाम पर जो भी लोग नफरत फैलाए और समाज को बाँटने की कोशिश करें, चाहे वह किसी भी राजनैतिक पार्टी का हो उनके विरुद्ध देश के जागरूक नौजवानों को खड़े होकर अपना विरोध जताना चाहिए और देश के खिलाफ जो भाजपा-संघी मानसिकता से संक्रमित अनंत हेगड़े जैसे लोगों को 2024 के लोकसभा चुनाव में जरूर-जरूर हराना चाहिए। यह करना सिर्फ एक आम आदमी का ही कर्तव्य नहीं है यह उन सभी देशभक्तों का कर्तव्य भी है जो अपने भारत देश से प्यार करते हैं और देश में समता और सामाजिक सद्भाव चाहते हैं। उन सभी का कर्तव्य है जो देश में देशभक्ति के रहते है।

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01 जनवरी : मूलनिवासी शौर्य दिवस (भीमा कोरेगांव-पुणे) (1818)

01 जनवरी : राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले और राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले द्वारा प्रथम भारतीय पाठशाला प्रारंभ (1848)

01 जनवरी : बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा ‘द अनटचैबिल्स’ नामक पुस्तक का प्रकाशन (1948)

01 जनवरी : मण्डल आयोग का गठन (1979)

02 जनवरी : गुरु कबीर स्मृति दिवस (1476)

03 जनवरी : राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले जयंती दिवस (1831)

06 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. जयंती (1904)

08 जनवरी : विश्व बौद्ध ध्वज दिवस (1891)

09 जनवरी : प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख जन्म दिवस (1831)

12 जनवरी : राजमाता जिजाऊ जयंती दिवस (1598)

12 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. स्मृति दिवस (1939)

12 जनवरी : उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद ने बाबा साहेब को डी.लिट. की उपाधि प्रदान की (1953)

12 जनवरी : चंद्रिका प्रसाद जिज्ञासु परिनिर्वाण दिवस (1972)

13 जनवरी : तिलका मांझी शाहदत दिवस (1785)

14 जनवरी : सर मंगूराम मंगोलिया जन्म दिवस (1886)

15 जनवरी : बहन कुमारी मायावती जयंती दिवस (1956)

18 जनवरी : अब्दुल कय्यूम अंसारी स्मृति दिवस (1973)

18 जनवरी : बाबासाहेब द्वारा राणाडे, गांधी व जिन्ना पर प्रवचन (1943)

23 जनवरी : अहमदाबाद में डॉ. अम्बेडकर ने शांतिपूर्ण मार्च निकालकर सभा को संबोधित किया (1938)

24 जनवरी : राजर्षि छत्रपति साहूजी महाराज द्वारा प्राथमिक शिक्षा को मुफ्त व अनिवार्य करने का आदेश (1917)

24 जनवरी : कर्पूरी ठाकुर जयंती दिवस (1924)

26 जनवरी : गणतंत्र दिवस (1950)

27 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर का साउथ बरो कमीशन के सामने साक्षात्कार (1919)

29 जनवरी : महाप्राण जोगेन्द्रनाथ मण्डल जयंती दिवस (1904)

30 जनवरी : सत्यनारायण गोयनका का जन्मदिवस (1924)

31 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर द्वारा आंदोलन के मुखपत्र ‘‘मूकनायक’’ का प्रारम्भ (1920)

2024-01-13 11:08:05