2023-09-23 12:20:18
बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर अपनी पढ़ाई पूरी करके सन 1920 में लंदन से भारत लौटे। वे अब अछूत तथा दलित वर्गों के उत्थान के लिए समर्पण भावना से पूरी तरह मैदान में उतर गये। वे कई तरह से सामाजिक सुधार तथा दलित वर्गों में चेतना के लिए कार्य करने लगे। जैसे-जैसे समाज सुधार का क्षेत्र बढ़ता गया, उन्हें एक वॉलियंटरी फोर्स की जरूरत महसूस हुई। इसके लिए उन्होंने 24 सितंबर 1924 को समता सैनिक दल की स्थापना की। स्वयं ही उन्होंने समता सैनिक दल का संविधान भी बनाया।
समता सैनिक दल के मुख्य ध्येय और उद्देश्य
=समता सैनिक दल का सैनिक समाज सेवा के लिए सर हथेली पर लेकर संघर्ष के लिए सुसज्जित व निर्भय योद्धा होना चाहिए।
=समता सैनिक दल का लक्ष्य है, वर्ग, लिंग, जात, धर्म, एवं नस्ल पर आधारित सभी विषमताओं को मिटाकर अनुसुचित जाति के लोगों को स्वतन्त्रता व समानता पर आधारित समाज का निर्माण करने हेतु संघर्ष के लिए तैयार करना।
=मानवता के लिए समानता का कार्य करने के लिए उसे यह प्रतिज्ञा लेना जरूरी है कि किसी भी प्रकार का जातिभेद नही मानूंगा और इस जाति भेद को मिटाने के लिए समर्पण भावना से काम करूंगा।
=सभी से इन्सानियत का बर्ताव करुंगा और विषमता के जहरीले बीज को समाज से नष्ट करुंगा। इस उद्देश्य की प्राप्ती के लिए समता सैनिक को लोगों के बीच जाकर निर्भयता से काम करना जरूरी है।
=एक समता सैनिक को संगठन के अनुशासन और नियमों का कढ़ाई से पालन करना जरूरी है।
=समता सैनिक को स्वयं एक सैनिक की तरह अपना आचरण करना चाहिए और उसके दिल और दिमाग में यह बात होनी चाहिए कि मैं एक सैनिक हूं और समाज के ऊपर होने वाले किसी भी अत्याचार के विरूद्ध संघर्ष करूंगा और जरूरत पड़ी तो मरने मिटने के लिए भी तैयार रहूंगा।
डॉ. अम्बेडकर के समता सैनिक दल के बारे में निम्नलिखित विचार थे-
= समता सैनिक दल हमारे आंदोलन का अभिन्न अंग है। यदि हम अपना संघर्ष बेरोक-टोक चला सके तो इसका कारण हमारा यह स्वयंसेवी संघठन है जिसके हम बहुत कृतज्ञ है। हमें बहुत ही मजबूत और शक्तिशाली शत्रुओं का मुकाबला करना पड़ेगा। इसलिए समता सैनिकों की संख्या लाखों मे बढनी चाहिए।
=समता सैनिक दल की स्थापना व्यक्तिगत नहीं है। इस देश में सच्ची समता स्थापित करने के लिए ही समता सैनिक दल की स्थापना की गई है।
=जिस समाज में मानवता से जी नही सकते, मानवीय अधिकारों का जहां समानता से उपभोग नहीं कर सकते, जिस धर्म पर विषमता का लेवल चढा है, उस धर्म को धिक्कार कर सच्ची मानवता का धर्म निर्माण करने के लिए जो कार्य करना पड रहा है, उस पवित्र और उज्जवल कार्य के लिए समता सैनिक दल की स्थापना की गई है।
=यह पूरी तरह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि आपको अपने कर्म से देश का आदर्श सैनिक बनना चाहिए। आपको समता सैनिक का एक उत्कृष्ट नमूना दुनिया के सामने रखना चाहिए।
=समता सैनिक को सद्गुण, अनुशासन और संघठन द्वारा एक फौलादी सैनिक बनना चाहिए।
=मुझे प्रत्येक सैनिक को बताना है कि समता सैनिक बहुत महत्व का है। हम निश्चित ही बाजारु नहीं है। समता सैनिक को अपना कार्य करते हुए यह समझना है कि वह प्रत्यक्ष मिलिटरी में ही है, यह भावना मन मे रखनी चाहिए।
=मै समता सैनिक दल की बहुत आवश्यकता महसूस करता हुं। इसे न केवल बनाए रखना चाहिए, बल्कि इसे हर प्रांत मे पहुंचाना चाहिए और जब तक अछूत समाज का हर एक नौजवान इसका सदस्य नही बनता तब तक इसका विस्तार जारी रहना चाहिए।
समता सैनिक दल की अद्यतन स्थिति
लेकिन आज बाबासाहेब द्वारा स्थापित समता सैनिक दल के बारे में समाज में जो उदासीनता दिखती है, इससे यह लगता है कि आंबेडकरवादी लोगों ने इस मातृ संघटन को गंभीरता से नहीं लिया। इसका कारण यह भी हो सकता है कि समता सैनिक दल की उपयोगिता के बारे में पूरी जानकारी सामने नहीं आ सकी। समता सैनिक दल का जोर-शोर से प्रचार ना होना यह भी एक कारण हो सकता है। बाबासाहेब के महापरिनिर्वाण के बाद 1978 तक समता सैनिक दल निर्ष्किय रहा। लेकिन बाबासाहेब के समय समता सैनिक दल के जिन लोगों ने अपने आप को बाबासाहेब के मिशन के लिए समर्पित किया था, उन्होने 1978 में फिर से समता सैनिक दल को नागपुर मे पुनर्जिवित किया। निश्चित ही इसका सारा श्रेय आॅल इंडिया समता सैनिक दल के कर्णधारों को जाता है। नागपुर के रामबाग स्लम एरिया के मिलिन्द बुद्ध विहार में समता सैनिक दल के पुर्नजीवन के लिए बैठक हुई और समता सैनिक दल का कांरवा आगे बढा। पंजाब से एल.आर. बाली, दिल्ली से भगवानदास तथा भारत के विभिन्न प्रदेशों से हजारों आंबेडकरवादी समता सैनिक दल से जुडेÞ। समता सैनिक दल एक शक्ति बना जिसे बाद में सर्वसम्मति से भारतीय स्तर का बनाने हेतु आॅल इंडिया समता सैनिक दल नाम से स्थापित किया गया। समता सैनिक दल का मुख्यालय रानी झांसी रोड, अम्बेडकर भवन दिल्ली में है और इसका सम्पूर्ण कार्य वहीं से संचालित होता है।
समता सैनिक दल विभिन्न स्थानों पर सुबह के समय जगह-जगह पर अपनी शाखाएं लगाने का काम करता है। इन शाखाओं से समाज में एकता और संघर्ष की भावना बढेगी और अम्बेडकरवाद जमीन पर मजबूत होगा।
समता सैनिक दल का उद्देश्य सिर्फ आंबेडकरवाद बचाना नहीं बल्कि आंबेडकरवाद (मिशन) को आगे बढ़ाने वाले आदर्श, निष्ठावान, नीतिवान, एकतावादी, अनुशासनबद्ध, आंबेडकरवादी सैनिक तैयार करना है। समता सैनिक दल जिन्दा रहेगा तो आंबेडकर मिशन जिन्दा रहेगा, यह बात मन में रखकर समता सैनिक दल का कांरवा आगे बढ रहा है। आप भी इस महान और दूरदर्शी कार्य में एक निष्ठावान सैनिक बनकर सहयोग दें।
(लेखक आकाशवाणी से सेवानिर्वत पूर्व अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता हैं)
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