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बहुजन समाज को चुनावी बॉन्ड की खबर से सावधान रहना चाहिए

News

2024-03-18 10:22:08

लंबे समय तक संघी प्रचारक रहने के कारण मोदी की मानसिकता पूर्णतया फासिस्ट और षड्यंत्रकारी है। मोदी सरकार द्वारा चुनाव बॉन्ड की कार्यप्रणाली में अपनाया गया अदृश्य रास्ता सच्चाई को जनता से छिपाकर, भ्रष्टाचार का बहता बड़ा परनाला भाजपा के भ्रष्टाचार की पूरी खोल कर रखा है। मोदी के दस साल के शासन में अपने बड़े-बड़े व्यापारी मित्रों को लाभ पहुँचाने की कार्यप्रणाली रही है। देश की जनता चुनाव बॉन्ड प्रक्रिया को संक्षिप्त में निम्न बिंदुओं से समझा जा सकता है-

सरकार को पैसा दो काम लो;

जनता से झूठ झूठ बोलों, जोर से बोलों, बार-बार बोलों;

देश की भोली-भाली जनता को सच मत बताओ, छिपकर काम करो, देश की जनता को षड्यंत्रकारी तरीकों से भ्रमजाल में फँसाकर रखो;

चुनावी बॉन्ड के मामले का दरवाजा जो उच्चतम न्यायालय के आदेश पर खुल रहा है अभी उसकी सारी जानकारी आनी बाकी है, परंतु शुरूआती सरसरी खबरों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि भाजपा सरकार का अभी तक का देश में सबसे बड़ा घोटाला लगता है;

इलेक्ट्रोल बॉन्ड की खबरे बता रही है कि मोदी भाजपा सरकार इस भ्रष्टाचारी गंगोत्री में चंदे की रकम सभी राजनैतिक पार्टियों से आगे हैं। सबसे ज्यादा चंदा भाजपा को ही मिला है बाकी सभी राजनैतिक दल भाजपा से बहुत पीछे हैं;

मोदी भाजपा ने कंपनियों की ब्लैक मनी को चुनावी बॉन्ड के माध्यम से सफेद कराया है;

अभी तक की खबरों से पता चल रहा है कि चुनावी बॉन्ड के माध्यम से पाकिस्तान तक कंपनी ने चुनावी चंदा दिया है। अगर यह तथ्य सही है तो फिर भाजपा संघी मानसिकता के कर्णधार देश में जनता को बरगलाने के लिए हर रोज हिन्दू-मुसलमान-पाकिस्तान के नाम पर जहर क्यों फैला रहे हैं? याद करो मोदी प्रधानमंत्री पर पर रहते हुए नवाज शरीफ के घर पर चुपचाप तरीके से गए थे और उनकी माँ को एक साड़ी भी भेंट की थी;

संघी मानसिकता के भाजपाइयों को देश की जनता के सामने आकर साफ-साफ बताना चाहिए कि उन्होंने किन-किन चीनी, पाकिस्तानी व अन्य विदेशी कंपनियों से चंदा लिया है और उन्हें क्या लाभ पहुँचाया है?

चुनावी बॉन्ड का मामला भाजपा के भ्रष्टाचारी धंधे से जुड़ा है इसलिए मोदी-भाजपा सरकार को देश के सामने स्पष्टता के साथ सच बताना चाहिए। अंधभक्तों जनता सब जानती है और वह मूर्ख नहीं है;

मोदी-भाजपा देश की जनता को अपने छलावामयी वायदों, गारंटियों में फसाकर ठगना चाहती है। मगर अब भाजपा के भ्रष्टाचार की पोल खुल रही है। जनता सब समझ रही है, मोदी जैसे फासिस्ट नेताओं की मानसिकता की अदृश्य चादर जो जनता के ऊपर छाई हुई थी वह अब धीरे-धीरे हटती जा रही है। जो अब देश में मोदी भाजपा को 50 सीटें भी जीतने नहीं देगी।

मोदी जी पूरे देश में घूम-घूमकर जनता से 300-400 पार की बात कर रहे हैं वह उनकी घबराहट का परिणाम है उन्होंने अपने दस साल के शासन में जन कल्याण का एक भी काम नहीं किया है। देश में महँगाई, बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएँ जनता के सामने भयंकर मुँह बाहे खड़ी है। मोदी स्वयं और उनकी सरकार जनता से जुड़े मुद्दों पर बात नहीं करते वे सिर्फ न पूरा होने वाली छलावामयी गारंटियों की बात करके भविष्य की बातें बता रहे हैं। मोदी जी ने जो गारंटियां आज तक इस देश के नौजवानों, किसानों, जवानों और देश के कामगारों को दी और जो वायदे (गारंटियां) किये हैं क्या उनमें से आजतक एक भी पूरी हुई है? संबंधित जनता खुद सोचे, समझे और ईमानदारी से फैसला करें।

मोदी सरकार की छलावामयी, झूठ, पाखंड आधारित कार्यप्रणाली से देश की जनता का भला नहीं होगा देश की जनता का भला करना संघियों के डीएनए में मूल से है ही नहीं।

मोदी जी की कार्यप्रणाली से आजतक उनके व्यापारी मित्रों को ही लाभ पहुँचा है, देश की बहुजन जनता को मोदी-संघी मानसिकता की सरकार ने हाशिये पर पहुँचा दिया है;

सभी संस्थानों व विभागों में संघी फासिस्ट मानसिकता के लोगों को बैठा दिया गया है जिनके माध्यम से इन सभी संस्थानों व निकायों का काम व ठेका संघी मानसिकता के मित्रों को देकर अदृश्य रूप से चंदे का धंधा किया जा रहा है।

बहुजन समाज की सभी जागरूक जनता से अपील है कि वे सभी सच्चाई के धरातल को समझें, भ्रामक मायामयी जाल में न फँसे, हिन्दू-मुसलमान के चक्कर में न पड़े, अपने और अपने बच्चों के भविष्य को देखे, जो सरकार आपकी वर्तमान क्षमताओं में बिना किसी पाखंड के घालमेल के वृद्धि करने के कार्यक्रम चलाये उन्हें पहले परखे, अच्छी तरह से जाने और फिर उस पर चलने का मन बनाएँ। बहुजन समाज के सभी घटकों का विकास उत्तम किस्म की शिक्षा, स्वास्थ्य और काम-धंधे (व्यवसाय) से ही संभव हो सकेगा इसलिए किसी भी भ्रमजाल में फँसकर मोदी-भाजपा की फासिस्ट सरकार को सत्ता में आने से रोंके और सामूहिक रूप से फैसला करके अपना कीमती वोट भाजपा प्रत्याशियों को न दें।

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01 जनवरी : मूलनिवासी शौर्य दिवस (भीमा कोरेगांव-पुणे) (1818)

01 जनवरी : राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले और राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले द्वारा प्रथम भारतीय पाठशाला प्रारंभ (1848)

01 जनवरी : बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा ‘द अनटचैबिल्स’ नामक पुस्तक का प्रकाशन (1948)

01 जनवरी : मण्डल आयोग का गठन (1979)

02 जनवरी : गुरु कबीर स्मृति दिवस (1476)

03 जनवरी : राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले जयंती दिवस (1831)

06 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. जयंती (1904)

08 जनवरी : विश्व बौद्ध ध्वज दिवस (1891)

09 जनवरी : प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख जन्म दिवस (1831)

12 जनवरी : राजमाता जिजाऊ जयंती दिवस (1598)

12 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. स्मृति दिवस (1939)

12 जनवरी : उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद ने बाबा साहेब को डी.लिट. की उपाधि प्रदान की (1953)

12 जनवरी : चंद्रिका प्रसाद जिज्ञासु परिनिर्वाण दिवस (1972)

13 जनवरी : तिलका मांझी शाहदत दिवस (1785)

14 जनवरी : सर मंगूराम मंगोलिया जन्म दिवस (1886)

15 जनवरी : बहन कुमारी मायावती जयंती दिवस (1956)

18 जनवरी : अब्दुल कय्यूम अंसारी स्मृति दिवस (1973)

18 जनवरी : बाबासाहेब द्वारा राणाडे, गांधी व जिन्ना पर प्रवचन (1943)

23 जनवरी : अहमदाबाद में डॉ. अम्बेडकर ने शांतिपूर्ण मार्च निकालकर सभा को संबोधित किया (1938)

24 जनवरी : राजर्षि छत्रपति साहूजी महाराज द्वारा प्राथमिक शिक्षा को मुफ्त व अनिवार्य करने का आदेश (1917)

24 जनवरी : कर्पूरी ठाकुर जयंती दिवस (1924)

26 जनवरी : गणतंत्र दिवस (1950)

27 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर का साउथ बरो कमीशन के सामने साक्षात्कार (1919)

29 जनवरी : महाप्राण जोगेन्द्रनाथ मण्डल जयंती दिवस (1904)

30 जनवरी : सत्यनारायण गोयनका का जन्मदिवस (1924)

31 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर द्वारा आंदोलन के मुखपत्र ‘‘मूकनायक’’ का प्रारम्भ (1920)

2024-01-13 11:08:05