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प्रथम शिक्षिका : सावित्रीबाई फुले

5 सितंबर शिक्षक दिवस पर विशेष
News

2023-09-05 10:10:14

देश के अनेक भागों मैं अनेक शिक्षण संस्थाओं में 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस (teachers day) मनाया जाता है। इस अवसर पर छात्र व अध्यापक बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। शिक्षा में शिक्षकों/गुरुओं के योगदान की महत्ता पर प्रकाश डाला जाता है। इस अवसर पर सोशल मीडिया में देश की प्रथम महिला शिक्षिका माता सावित्रीबाई फुले को भी याद किया जाता है। माता सावित्रीबाई फुले तथा उनके पति महात्मा ज्योतिबा फुले ने 3 जनवरी सन 1848 को पूना के भिड़ेबाड़े मौहल्ले में बालिकाओं के लिए एक पाठशाला आरंभ की। इस पाठशाला मे सभी सवर्ण, गरीब तथा शूद्र वर्ग के बच्चों को पढ़ने का अवसर मिला। इस प्रकार उन्होंने बालिकाओं तथा शूद्रों के बच्चों को शिक्षा देने के महान कार्य का शुभारंभ किया। इसी क्रम में उन्होंने महाराष्ट्र के कई शहरों में बहुत सारे स्कूलों तथा छात्रावास खोले तथा गरीब व शूद्र वर्ग के बच्चों के लिए शिक्षा के दरवाजे खोल दिये। माता सावित्रीबाई फुले प्रथम महिला शिक्षिका बनी। चूंकि सावित्रीबाई फुले अपने विद्यालय में बालिकाओं व शूद्र वर्ग के बच्चों को भी शिक्षा देती थी, इससे ब्राह्मण वर्ग के लोग चिढ़ने लगे और उन्हें बालिकाओं व शूद्र वर्ग के बच्चों को शिक्षा देना हजम नहीं हुआ। अत: वे स्कूल जाते समय माता सावित्रीबाई फुले को अपशब्द बोलते थे, गालियाँ देते थे, यहाँ तक कि उन पर गोबर व कीचड़ भी फेंकते थे। लेकिन धन्य है माता सावित्रीबाई फुले, जो ब्राह्मणों के इस अपमान व अत्याचार से अपने असूलों से नहीं डिगी, टस से मस नहीं हुई। इस सबके बावजूद उन्होंने अपना शिक्षा का महान कार्य जारी रखा। ऐसी कठिन व विषम सामाजिक परिस्थितियों में भी उनका शिक्षण का काम अनवरत चलता रहा, यह महान प्रशंसा की पात्र है। शिक्षक दिवस के अवसर पर इस फुले दंपत्ति को स्मरण कर उन्हें श्रद्धांजलि देना हर तरह से स्वागत योग्य है।

डॉ. राधाकृष्णन का जन्म 5 सितम्बर शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का हमारा विरोध नहीं है। फुले दंपति ने गरीब व शूद्र वर्ग के बालक/बालिकाओं की शिक्षा के लिए जनवरी 1848 से अनेक पाठशालाएँ खोली। लेकिन जनवरी 1948 में पूना के भिड़वाड़े मोहल्ले में उनके द्वारा खोली गई प्रथम पाठशाला बालिकाओं के लिए दी थी। बालिकाओं तथा शूद्र वर्ग के बच्चों को शिक्षा देने का ब्राह्मणवादियों ने घोर विरोध किया। बच्चों को पढ़ने आने से रोकते थे। माता सावित्रीबाई फुले का घोर अपमान करते थे। आर्थिक तंगी की हालत में भी फुले दंपति ने अपना शिक्षा अभियान कमजोर नहीं पड़ने दिया बल्कि निरंतर उसे आगे बढ़ाया। इस प्रकार उन्होंने 18 विद्यालय खोले। इस प्रकार गरीब शूद्र वर्ग तथा महिला शिक्षा के बारे में ऐसी विषम परिस्थितियों में किया गया कार्य बहुत महान तथा क्रांतिकारी कदम था।

यदि डॉ. राधाकृष्णन और फुले दंपति की तुलना करें तो शिक्षा के क्षेत्र में विशेष तौर पर विषम परिस्थितियों में गरीब, शूद्र वर्ग तथा महिला शिक्षा के बारे में फुले दंपति का योगदान डॉ. राधाकृष्णन से कहीं बहुत ऊपर है। लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में फुले दंपति के योगदान को ब्राह्मणवादी सरकार/ इतिहासकारों ने नहीं सराहा, यह ब्राह्मणवादी/जातिवादी घटिया सोच व पक्षपात है। अच्छा होता यदि सरकार 3 जनवरी को प्रथम महिला शिक्षिका के रूप में मनाती। सावित्रीबाई फुले ने 1848 से शिक्षक का काम आरंभ किया, जब डॉ. राधाकृष्णन का जन्म भी नहीं हुआ था। सरकार को सावित्रीबाई फुले का जन्म दिवस ‘प्रथम महिला शिक्षिका’ के रूप में मनाना चाहिए जिसे मनाने का शुभारंभ अभी भी किया जा सकता है, यह हर तरह से स्वागत योग्य है।

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01 जनवरी : मूलनिवासी शौर्य दिवस (भीमा कोरेगांव-पुणे) (1818)

01 जनवरी : राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले और राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले द्वारा प्रथम भारतीय पाठशाला प्रारंभ (1848)

01 जनवरी : बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा ‘द अनटचैबिल्स’ नामक पुस्तक का प्रकाशन (1948)

01 जनवरी : मण्डल आयोग का गठन (1979)

02 जनवरी : गुरु कबीर स्मृति दिवस (1476)

03 जनवरी : राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले जयंती दिवस (1831)

06 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. जयंती (1904)

08 जनवरी : विश्व बौद्ध ध्वज दिवस (1891)

09 जनवरी : प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख जन्म दिवस (1831)

12 जनवरी : राजमाता जिजाऊ जयंती दिवस (1598)

12 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. स्मृति दिवस (1939)

12 जनवरी : उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद ने बाबा साहेब को डी.लिट. की उपाधि प्रदान की (1953)

12 जनवरी : चंद्रिका प्रसाद जिज्ञासु परिनिर्वाण दिवस (1972)

13 जनवरी : तिलका मांझी शाहदत दिवस (1785)

14 जनवरी : सर मंगूराम मंगोलिया जन्म दिवस (1886)

15 जनवरी : बहन कुमारी मायावती जयंती दिवस (1956)

18 जनवरी : अब्दुल कय्यूम अंसारी स्मृति दिवस (1973)

18 जनवरी : बाबासाहेब द्वारा राणाडे, गांधी व जिन्ना पर प्रवचन (1943)

23 जनवरी : अहमदाबाद में डॉ. अम्बेडकर ने शांतिपूर्ण मार्च निकालकर सभा को संबोधित किया (1938)

24 जनवरी : राजर्षि छत्रपति साहूजी महाराज द्वारा प्राथमिक शिक्षा को मुफ्त व अनिवार्य करने का आदेश (1917)

24 जनवरी : कर्पूरी ठाकुर जयंती दिवस (1924)

26 जनवरी : गणतंत्र दिवस (1950)

27 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर का साउथ बरो कमीशन के सामने साक्षात्कार (1919)

29 जनवरी : महाप्राण जोगेन्द्रनाथ मण्डल जयंती दिवस (1904)

30 जनवरी : सत्यनारायण गोयनका का जन्मदिवस (1924)

31 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर द्वारा आंदोलन के मुखपत्र ‘‘मूकनायक’’ का प्रारम्भ (1920)

2024-01-13 11:08:05