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एमसीडी चुनाव: केजरीवाल की 10 गारंटियों का पोस्टमार्टम

News

2022-11-18 13:11:35

1. साफ-सफाई- दिल्ली को साफ सुथरा, सुंदर शहर बनाएँगे। कूड़े के पहाड़ खत्म, कोई नई लैंडफिल साइट नहीं, कूड़े का निस्तारण दुनिया के अन्य शहरों की तरह।

2. भ्रष्टाचार मुक्त एमसीडी- बिल्डिंग डिपार्टमैंट में नक्शे पास कराने की प्रक्रिया सरल, आॅनलाइन प्रक्रिया, लेंटर डालने के लिए पैसे नहीं देने होंगे, जो लेगा वह जेल जाएगा। छोटे-मोटे अतिक्रमण को नियमित करेंगे।

3. पार्किंग की समस्या का स्थायी समाधान द्वारा मुक्ति।

4. आवारा पशुओं से मुक्ति दिलाएंगे।

5. एमसीडी की सारी सड़कें और गलियां टूटी है। उनकी मरम्मत की जाएगी, या नई सड़के बनायेंगे।

6. एमसीडी के अस्पतालों, डिस्पेंसिरियों और स्कूलों को ठीक बनाया जाएगा।

7. एमसीडी के सभी पार्कों की हालत बेहद खराब, इन पार्को को सुंदर बनाया जाएगा।

8. सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाएगा। हर महीने की 7 तारीख से पहले हर हालत में सभी को सैलरी मिलेगी।

9. व्यापारियों के लिए लाइसेन्स लेने की प्रक्रिया को बहुत सरल और आॅनलाइन बनाया जाएगा। कन्वर्जन और पार्किंग फीस को समाप्त किया जाएगा एमसीडी से इस्पेक्टर राज समाप्त किया जाएगा। जितनी दुकाने सील की गई है, उन्हें खोला जाएगा।

10. रेहड़ी-पटरी वालों की दिक्कतें दूर करेंगे। उनके लिए साफ-सुधरे तथा डैडिकेटिड बैंडिग जोन बनायें जाएँगे। वैंडरों को भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाएंगे, उनसे कोई फीस वसूली नहीं होगी।

केजरीवाल द्वारा किये गए ऊपर लिखित गारंटी से सीधे तौर पर दो बातें सामने आती है:

1. केजरीवाल ने किये गए वायदों से यह स्पष्ट कर दिया है कि 15 वर्ष से एमसीडी में भाजपा के शासन में कुछ ठीक नहीं था, भ्रष्टाचार चर्म पर है शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, साफ-सफाई, सड़कों और गलियों की हालत बहुत खराब है। हकीकत में ऐसा ही है। भाजपा शासन में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है जिसे भाजपा के अनेक कर्मठ कार्यकर्ता दबी जबान से स्वीकार करते है। जनता बहुत त्रस्त है। इन सब दुर्दशा की खबरें रोज अखबारों की सुर्खियाँ बनती है।

2. केजरीवाल ने दिल्ली को एक अच्छा व सुंदर शहर बनाने के लिए जो गारंटी दी है, उन्हें लागू करने के लिए कोई ठोस योजना, रूप-रेखा प्रस्तुत नहीं की है, सब कुछ गोल-मोल है। बिना किसी ठोस योजना के इन गारंटियों को लागू करना लगभग असंभव है। भ्रष्टाचार कंट्रोल किये बिना कुछ भी अच्छा करना संभव नहीं है। भ्रष्टाचार हर गारंटी का पीछा करता रहेगा।

अब केजरीवाल द्वारा दी गई गारंटियों की उनके दिल्ली सरकार में आठ वर्ष के कार्यकाल में इन्हीं कार्यों के सापेक्ष, बिन्दुवार पोस्टमार्टम करते हैं:

1. दिल्ली में साफ-सफाई की समस्या: सफाई कर्मचारियों, उन्हें पक्का न किया जाना तथा उन्हें समय पर सैलरी न मिलना; एक दूसरे से जुड़े है। साफ-सफाई की दुर्व्यवस्था में भ्रष्टाचार की जड़े ऊपर से लेकर बहुत नीचे तक है। भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप दिल्ली सरकार पर भी कम नहीं है; हर दिन एक मामला सामने आ रहा है, अनेक केसों जैसे आबकारी नीति, जल बोर्ड का घोटाला, स्कूलों में निर्माण में घोटाला, जिनकी जाँच चल रही है। यदि दिल्ली सरकार में ही केजरीवाल ने कच्चे कर्मचारियों को पक्का नहीं किया (आठ साल से सत्ता में), मतलब उनकी किसी को पक्का करने की नियत नहीं लगती। भाजपा ने एमसीडी को दिये जाने वाला फन्ड समय से नहीं दिये जाने का आरोप केजरीवाल पर बार-बार लगाया। दिल्ली सरकार में भी भ्रष्टाचार कायम है और भाजपा दिल्ली सरकार में भ्रष्टाचार के मामले उजागर करती रहती है। तो केजरीवाल के शासन में सफाई व्यवस्था कैसे भ्रष्टाचार मुक्त हो जाएगी? इस प्रकार साफ-सफाई की गारंटी खोखली है।

2. भ्रष्टाचार मुक्त दिल्ली: आज के हालात में और जिन पर भ्रष्टाचार के मामले रोज दूसरी पार्टी लगाती रहती है, भ्रष्टाचार में एक मंत्री जेल में है, दूसरे मंत्री के विरुद्ध जाँच चल रही है तथा अन्य मामले भी सामने हैं; उनके द्वारा भ्रष्टाचार मुक्त की बात करना एक जुमला है। अपने को भ्रष्टाचार मुक्त का सर्टिफिकेट देने वाले ही सबसे अधिक भ्रष्टाचारी हैं, चूंकि दूसरी पार्टी हर दिन इन्हें भ्रष्टाचारी का सर्टिफिकेट दे रही है। सफेद झूठ बोलकर लोगों को बढ़िया से बेवकूफ बनाने के अलावा कुछ नहीं।

3. पार्किंग की स्थायी समाधान द्वारा मुक्ति: इस व्यवस्था में भी भ्रष्टाचार की कमी नहीं है। पहले से ही एमसीडी ने दिल्ली में कोई अस्पताल, कोई मार्किट कम्पलैक्स, कोई चौड़ी सड़क और कोई कोना नहीं छोड़ा, जहाँ आय बढ़ाने के लिए एमसीडी ने पार्किंग स्थल नहीं बनाया। कोई ठोस योजना नहीं बताई केजरीवाल ने, कोई जगह नहीं शेष बची है। कई अस्पतालों में पार्किंग फ्री होती थी लेकिन एमसीडी ने अपनी आय बढ़ाने के लिए इन अस्पतालों पर पार्किंग के लिए बैन लगा दिया। जिसके बाद अस्पतालों के बाहर अवैध पार्किंग बनाने से जाम की स्थिति बनी रहती है। क्या केजरीवाल अस्पतालों में मिलने वाली यह सुविधा वापिस दिलाएंगे?

4. आवारा पशुओं से मुक्ति: इस समस्या से भाजपा शासित एमसीडी ने अपने हाथ उठाए हुए है। आवारा पशुओं में तो सबसे बड़ी संख्या कुत्तों और गाय माता की है। आवारा गाय माता की इतनी बड़ी संख्या शर्मनाक है, उतनी ही इस विषय में हिंदूवादी पार्टियों की नीति। यह गारंटी हर हाल में खोखली साबित होने वाली है।

5. सड़कें और गलियाँ बनाना: कोई ठोस योजना सामने नहीं रखी। भ्रष्टाचार यहाँ भी पीछा करेगा। दिल्ली सरकार/पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आने वाली अनेक सड़के, गलियाँ, नालियाँ लंबे समय से टूटी पड़ी हैं जिनका संदेश समाचार पत्रों में नियमित रूप से छपता है। फिर केजरीवाल एमसीडी में कौन-सी जादू की छड़ी घुमाकर सब कुछ ठीक कर देंगे? यह भी खोखली गारंटी है।

6. स्कूलों, अस्पतालों को ठीक करना: दिल्ली सरकार के अन्तर्गत अस्पतालों और डिस्पैन्सरियों की हालत कोई बहुत अच्छी नहीं है। इसमें डॉक्टर, स्टाफ की बहुत कमी है। अनेक महंगी मशीनों को चलाने के लिये टैक्नीशियन/आॅपरेटरी की कमी है। बहुत सारे स्टाफ/डॉक्टर नियमित नहीं हैं, ठेके पर हैं। अनेक मौहल्ला क्लीनिकों में ताला बंद रहता है, कोई चालू ही नहीं हुए।

स्कूलों का हाल और भी बुरा है। दिल्ली सरकार के स्कूलों में ही 853 प्रिंसिपल के पद खाली पड़े है। बड़ी संख्या में वाइस प्रिंसिपल तथा हजार से अधिक पीजीटी/टीजीटी के पद खाली पड़े हैं। बहुत सारे टीचर ठेके पर ही काम कर रहे हैं। टीचरों को ही स्कूलों की रिपोर्टो की मॉनिटरिंग का काम दे दिया गया है जब कि यह काम जोनल आॅफिस का है। टीचर शिक्षा पर फोकस नहीं कर पा रहे हैं। अनेक स्कूलों में कमरों की कमी के कारण छठी से आठवी तक के छात्रों को एक दिन छोड़कर अगले दिन स्कूल आने के लिये कहा गया है। नयी नियुक्तियां कहीं नहीं हो रही। भ्रष्टाचार कहीं पीछा नहीं छोडेगा।

यदि केजरीवाल के अन्तर्गत दिल्ली सरकार में ही स्कूलों और अस्पतालों की ऐसी हालत खराब है, तो एमसीडी में इनकी गारन्टी देना खोखली गारन्टी ही हो सकती है।

7. पार्कों की हालत में सुधार: दिल्ली सरकार/पीडब्लूडी के अंतर्गत आने वाले अनेक पार्कों की हालत खराब है। उनमें हरियाली नहीं है और गंदगी के ढेर लगे हैं। पार्कों की देखभाल के लिये पर्याप्त स्टाफ नहीं है। यह भी केवल जुमला और खोखली गारन्टी है।

8. सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना/समय पर सैलरी: जब केजरीवाल ने दिल्ली सरकार में काम करने वाले कच्चे कर्मचारियों को ही पक्का नहीं किया तो एमसीडी में ही कैसे करेंगे? दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों में ही हजारों पद खाली पड़े हैं जिनपर आजतक भर्ती नहीं हुई है। इस मामले में उनकी नियति ऐसा करने की है ही नहीं। दूसरे उन्होंने कोई ठोस योजना सामने नहीं रखी तो कैसे विश्वास किया जाये? यह भी खोखली गारंटी और लोगों को झूठ बोलकर बेवकूफ बनाने के अलावा कुछ नहीं।

9. व्यापारियों के लिये सरल लाईसेंस प्रक्रिया: यह सर्वाधिक भ्रष्टाचार वाला क्षेत्र है। भ्रष्टाचार यहां भी पीछा करेगा, तो नीयत दूषित रहेगी। बिना भ्रष्टाचार समाप्त किये, कुछ भी सुधार करना असंभव ही है। यदि कालोनियों में कन्वर्जन चार्ज और पार्किंग फीस समाप्त की जाती है तो दूसरी समस्याऐं विकराल रूप धारण कर लेंगी। सील दुकानों को खोलने के लिये नीतियों में संशोधन करना पडेगा। जिसकी गारन्टी केजरीवाल ने दी है, उसे पूरा करना आसान नहीं।

10. रेहड़ी-पटरी वालों की समस्या का समाधान: कुछ वीवीआईपी एरिया को छोड़कर पूरी दिल्ली में सड़कों, गलियों, बाजारों, मॉर्किट कम्पलैक्स, अस्पतालों, स्कूलों तथा कार्यालयों के आस-पास, सभी जगह रेहडी-पटरी वालों की भरमार है। इन लोगों से जो धन की उगाही होती है, उसमें से सरकार को राजस्व कम और बाकी संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों की भेंट चढ़ जाता है। हर जगह भ्रष्टाचार है। शहर में कहीं कोई जगह खाली नहीं बची है। किस योजना से, कैसे इन लोगों को पुर्नर्वासित किया जायेगा? कहां से पैसा आयेगा, कहां खाली जगह है, कैसे यह सब करना संभव है? यह इतना आसान नहीं तो यह गारंटी खोखली ही रहेगी।

कुल मिलाकर निष्कर्ष यही निकलता है कि बिना भ्रष्टाचार समाप्त किये, बिना किसी भेदभाव के यह सब करना असंभव प्रतीत होता है। साथ ही उपयुक्त योजना, ईमानदारी और सही नियत व इच्छा शक्ति से ही इन गारन्टियों को लागू किया जा सकता है जो कहीं संभव दिखाई नहीं पडती।

इसलिये जनता खोखले वायदों पर विश्वास न करे, जुमलेबाजों से बचे, सही सोच समझकर बिना किसी लालच व झूठे वायदों में न फंसकर अपने मत का प्रयोग करे। ऐसे उम्मीदवारों/दलों को ही अपना कीमती वोट दें जो ठीक काम कर सकें, जनता की अपेक्षा पूरी करने का प्रयत्न करें, ईमानदारी बरतें, झूठे वायदे न करें तथा जिन किन्हीं भी राजनीतिक दलों/उम्मीदवारों का सही काम करने का पहला रिकार्ड रहा है।

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01 जनवरी : मूलनिवासी शौर्य दिवस (भीमा कोरेगांव-पुणे) (1818)

01 जनवरी : राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले और राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले द्वारा प्रथम भारतीय पाठशाला प्रारंभ (1848)

01 जनवरी : बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा ‘द अनटचैबिल्स’ नामक पुस्तक का प्रकाशन (1948)

01 जनवरी : मण्डल आयोग का गठन (1979)

02 जनवरी : गुरु कबीर स्मृति दिवस (1476)

03 जनवरी : राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले जयंती दिवस (1831)

06 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. जयंती (1904)

08 जनवरी : विश्व बौद्ध ध्वज दिवस (1891)

09 जनवरी : प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख जन्म दिवस (1831)

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12 जनवरी : बाबू हरदास एल. एन. स्मृति दिवस (1939)

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12 जनवरी : चंद्रिका प्रसाद जिज्ञासु परिनिर्वाण दिवस (1972)

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14 जनवरी : सर मंगूराम मंगोलिया जन्म दिवस (1886)

15 जनवरी : बहन कुमारी मायावती जयंती दिवस (1956)

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18 जनवरी : बाबासाहेब द्वारा राणाडे, गांधी व जिन्ना पर प्रवचन (1943)

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24 जनवरी : राजर्षि छत्रपति साहूजी महाराज द्वारा प्राथमिक शिक्षा को मुफ्त व अनिवार्य करने का आदेश (1917)

24 जनवरी : कर्पूरी ठाकुर जयंती दिवस (1924)

26 जनवरी : गणतंत्र दिवस (1950)

27 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर का साउथ बरो कमीशन के सामने साक्षात्कार (1919)

29 जनवरी : महाप्राण जोगेन्द्रनाथ मण्डल जयंती दिवस (1904)

30 जनवरी : सत्यनारायण गोयनका का जन्मदिवस (1924)

31 जनवरी : डॉ. अम्बेडकर द्वारा आंदोलन के मुखपत्र ‘‘मूकनायक’’ का प्रारम्भ (1920)

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